Single Salma 2025 Review : हमारे समाज में लड़की 30 साल की हुई नहीं कि उस के मातापिता उस की शादी को ले कर परेशान रहने लगते हैं. इसी सोच पर बनी है यह फिल्म. सलमा (हुमा कुरैशी) नवाब खानदान से है. उस के पिता (कंवलजीत सिंह) पुराने खयालात के हैं. घर की जिम्मेदारी सलमा पर ही है. उस की तनख्वाह से पूरा घर चलता है. वह शहरी विभाग में काम करती है. भाईबहनों की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है. इसी चक्कर में वह अपनी खुशियां पीछे छोड़ चुकी है. शादी की उम्र निकल गई है. 33 साल की उम्र की सलमा को गली के मवाली लड़के हमेशा छेड़ते रहते हैं. वह तय करती है कि शादी करेगी. उस की शादी कपड़ों की दुकान चलाने वाले सिकंदर (श्रेयस तलपड़े) से तय हो जाती है. लेकिन मंगनी वाले दिन ही सलमा को अपनी टीम के साथ औफिशियल ट्रेनिंग के लिए लंदन जाना पड़ जाता है.
लंदन में सलमा न सिर्फ खुद को तलाशती है, मीत (सनी सिंह) के प्यार में भी पड़ जाती है. मीत के साथ सलमा की नजदीकियां बढ़ती हैं. सिकंदर बरात लाने पर अड़ जाता है, वहीं मीत भी सलमा के लिए उसी दिन बरात लाता है. सलमा अपने दिल की सुनती है और शादी के लिए किसी को भी हां नहीं कहती. वह अविवाहित रहने का फैसला कर लेती है.
यह एक रोमांटिक व कौमेडी फिल्म है, जिस में श्रेयस तलपड़े ने अपनी हंसीनुमा बातों से दर्शकों का ध्यान लगाए रखा है. फिल्म एक ऐसी भारतीय महिला के जीवन के बारे में है जिस ने अपना सारा जीवन अपने परिवार को समर्पित कर दिया था, इसलिए खुद अविवाहित रही. फिल्म में सामाजिक मुद्दों, जैसे महिलाओं के प्रति सोच, कपड़े और लिव इन रिलेशनशिप को उठाया गया है, मगर पटकथा ढीली होने के कारण यह अत्यधिक नाटकीय लगती है. कहानी को बेवजह लंबा खींचा गया है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन





