धारावाहिक ‘‘रामायण’’ में राम का किरदार निभाने के बाद ‘पुनर्विवाह’, ‘पति पत्नी और वह’, ‘गीत हुई सबसे पराई’ सहित कई धारावाहिकों व कुछ रियालिटी शो में अभिनय करने के बाद भट्ट कैंप की फिल्म ‘‘खामोशियां’’ से बौलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता गुरमीत चैधरी एक तरफ अपनी नई फिल्म ‘‘वजह तुम हो’’ को लेकर चर्चा में हैं, तो दूसरी तरफ चर्चाएं गर्म हैं कि वह जबलपुर में स्कूल खोलने वाले हैं.

जब हाल ही में मुलाकात होने पर हमने गुरमीत चौधरी से बात की तो ‘‘सरिता’’ पत्रिका से इस स्कूल के संदर्भ में गुरमीत चौधरी ने कहा-‘‘मैं आर्मी पृष्ठभूमि से हूं. मेरे पिता आर्मी में थे. तो मेरी शिक्षा जबलपुर के आर्मी स्कूल में हुई है. जबलपुर में मेरे चालीस दोस्तों का एक समूह है. जबलपुर छोटा मगर प्यारा शहर है. हममें से कई लड़के फिल्मों से जुड़ना चाहते थे. मगर हममें से किसी को रास्ता ही नहीं पता था. डाक्टर या इंजीनियर बनने के लिए हर लड़के को पता होता है कि उसे दसवीं के बाद किस विषय को लेकर पढ़ाई करनी है. पर फिल्मों में अभिनय करना है. इसको लेकर किसी को कुछ नहीं पता. हिंदुस्तान में प्रतिभाओं की कमी नही है. मगर अभिनेता बनने के लिए क्या करना है, इसकी तथ्य परक जानकारी मिलनी मुश्किल होती है. इन प्रतिभाओं को रास्ता ही नहीं होता. मैं खुद को लकी मानता हूं कि मैं मुंबई आया और संघर्ष करते हुए इस मुकाम तक पहुंच गया हूं. इसलिए मैं चाहता हूं कि मैं जबलपुर जाकर वहां की प्रतिभाओं को रास्ता बता सकूं. उन्हे इस बात की जानकारी देना चाहता हूं कि अभिनेता बनने के लिए यह यह रास्ते हैं. आप क्या करें कि आगे बढ़ सकते हैं. मसलन-मैं उन्हे समझाने वाला हूं कि उन्हे सबसे पहले अच्छे फोटोग्राफर से अपना एक पोर्टफोलियो तैयार करवाना है. फिर उन्हे कहां कहां जाना है, क्या करना है, वगैरह वगैरह..बाकी उनकी तकदीर..’’

तो आप अभिनय स्कूल खोलने जा रहे हैं? इस सवाल पर गुरमीत ने कहा-‘‘जी हां! यह अभिनय स्कूल होगा, पर पैसे के लिए नहीं होगा. हमारी कोशिश है कि हम यह स्कूल निःशुल्क चलाएं. हम मुंबई से कई थिएटर और कुछ फिल्मों के कलाकारों लेकर जाएंगे, जो वहां की प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करेंगी. मेरा मकसद पैसा कमाना कदापि नहीं है. मैं अपने कुछ सह कलाकारों व कैमरामैन को भी लेकर जाऊंगा. हम जबलपुर के प्रतिभाशाली लोगों एक संगठन बनाना चाहते हैं. पैसा कमाने के लिए वहां जाकर काम करने के लिए मेरे पास वक्त नहीं है. मैं मुफ्त में अपनी सेवाएं इस स्कूल के माध्यम से देना चाहता हूं. हो सकता है कि हम अपने इस स्कूल के लिए कोई जगह किराए पर लें. वहां जो थिएटर ग्रुप है, उन्हे एकजुट करना चाहता हूं. हमने काफी तैयारी कर ली है. मैं अभी अपनी फिल्म ‘वजह तुम हो’ के प्रमोशन के लिए जबलपुर जाने वाला हूं, उस वक्त इस गतिविधि की शुरुआत कर सकता हूं.’’

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