संजीदा अभिनय से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी फिल्म ‘अलीगढ़’ के बाद जल्द ही अपनी आगामी फिल्म ‘ट्रैफिक’ में एक ट्रैफिक हवलदार के रूप में नजर आएंगे. इस फिल्म की कहानी उनके दिल को छू गई, इसलिए उन्होंने इसमें काम करने की हामी भर दी.

अपनी लगभग हर फिल्म में अभिनय का जादू चलाने वाले मनोज ने फिल्म, समाज और हिंदी फिल्म जगत से जुड़ी कई बातों पर अपने दिल की बात रखी.

‘ट्रैफिक’ एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म है. सच्ची घटना पर आधारित फिल्म में काम करना अपने आप में एक चुनौती है. इसी चुनौती के बारे में मनोज कहते हैं कि आप तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते. पूरी फिल्म उस वास्तविक घटना के ईद-गिर्द घूमती है. इसलिए इस तरह की फिल्मों में काम करने से जिम्मेदारी बढ़ जाती है, लेकिन कहानी उम्दा हो तो सुकून भी रहता है.

फिल्म की कहानी के बारे में मनोज कहते हैं, “इस फिल्म की कहानी सीधे दिल को छूती है तो मैंने हां करने में देर नहीं की. मैं नहीं चाहता था कि इस तरह की फिल्म मेरे हाथ से निकल जाए.”

यह फिल्म एक ट्रैफिक हवलदार की कहानी है, जो समाज की वास्तविकता को सामने लाती है कि किस तरह एक ट्रैफिक हवलदार दिनभर की समस्याओं से जूझते हुए जिंदगी बचाता है. इस फिल्म में रोमांच, इमोशन, सुख, दुख सब कुछ है, जो दर्शकों को बांधे रखने के लिए पर्याप्त है.

मनोज बाजपेयी ने अपनी फिल्मी कैरियर में अलग-अलग तरह की भूमिकाएं की हैं. उनकी यह फिल्म पिछली फिल्म से कितनी अलग है कि इस पर वह कहते हैं, “ट्रैफिक मेरी पिछली सभी फिल्मों से एकदम अलग है. आप मेरी किसी एक फिल्म की तुलना दूसरी फिल्म से नहीं कर सकते हैं. मेरे कैरियर की अच्छी बात यही है कि मैंने कभी भी एक तरह की फिल्में नहीं की. अलग-अलग तरह की फिल्में करना मेरा उद्देश्य रहा है और मैं वही करता रहा हूं.”

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