‘‘आ गए सत्संग में हम, संग सत् का हो गया, दुर्गति जाती रही, जब गुरु के मत का हो गया. परम आदरणीय, परम पूजनीय, आसाराम बापूजी को दंडवत् प्रणाम करता हूं...’’ ये शब्द गजेंद्र चौहान ने एक प्रवचन कार्यक्रम के दौरान आसाराम के लिए कहे थे.

गजेंद्र को आसाराम के साथ सभा में नृत्य करते हुए भी देखा गया. वही आसाराम, जो एक नाबालिग लड़की का रेप करने के मामले में जेल में बंद है.

धर्म के प्रचार के लिए गजेंद्र कई प्रकार के अंधविश्वास को गढ़ने वाले चमत्कारी लौकेट का विज्ञापन करते देखे गए. जब भी उन से देश के विकास की बात की गई, तो उन्होंने हमेशा नरेंद्र मोदी को धर्म का रखवाला बताया. उन की वजह से ही देश में कुछ होगा, अन्यथा नहीं, ऐसा वे कहते हैं.

वर्ष 1988 में टैलीविजन धारावाहिक महाभारत में चौहान ने युधिष्ठिर की भूमिका निभाई थी. इस के अलावा उन्होंने कई ऐसी फिल्मों में काम किया जिन्हें सी ग्रेड या ‘सौफ्ट पौर्न’ मूवी कहा जा सकता है. गजेंद्र चौहान की फिल्म और टैलीविजन इंस्टिट्यूट औफ इंडिया, पुणे में नियुक्ति को वहां के छात्र सिरे से नकारते आ रहे हैं. गजेंद्र का इस बारे में कहना है, ‘‘मैं 35 साल से इस क्षेत्र में हूं. जो काम मिला, उसे किया क्योंकि इंडस्ट्री में गौडफादर के बिना काम नहीं मिलता. कला का कोई ग्रेड नहीं होता. छात्रों का विरोध विपक्ष की साजिश है.’’

एफटीआईआई के छात्र उन की नियुक्ति को सत्ताधारी पार्टी द्वारा शक्ति प्रयोग मानते हैं. छात्रों का मानना है कि चौहान किसी भी रूप में उन का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते क्योंकि इस से पहले इस पोस्ट पर ए गोपालकृष्णन, गिरीश कर्नाड, सईद मिर्जा जैसे अनुभवी और प्रतिभाशाली लोगों की नियुक्ति हुई थी. उस लिहाज से गजेंद्र चौहान का ऐक्टिंग कैरियर सी ग्रेड का है.

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