‘जीमा’ और ‘ग्रेमी’ अवार्ड विजेता मशहूर तबला वादक व संगीतकार बिक्रम घोष को तबला वादन की शिक्षा उन के पिता व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त तबला वादक शंकर घोष से मिली थी. शास्त्रीय संगीत, सूफी, पौप, रौक, फ्यूजन संगीत और फिल्म संगीत जैसी विधाओं में काम करने वाले बिक्रम घोष एकमात्र म्यूजीशियन हैं. फिल्म ‘जल’ में उन के संगीत को औस्कर में नौमीनेट किया गया था.

पंडित रविशंकर के साथ 12 साल तक तबला बजाने के अलावा फिल्म 'ब्रेनवाश’ में जौर्ज हैरिसन, ‘पल्सेटिंग ड्रम्स’ में उस्ताद जाकिर हुसैन और तौफीक कुरैशी के साथ काम कर चुके हैं. वे अब तक 53 फिल्मों, 12 हिंदी और 41 बंगला फिल्मों को संगीत से संवार चुके हैं. उन का अपना म्यूजिक बैंड ‘रिदमस्कैप’ है, तो वहीं 2021 में उन्होंने अपने 3 दोस्तों के साथ मिल कर संगीत कंपनी ‘इंटरनल साउंड’ की शुरुआत की थी.

हाल ही में देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर वे ‘यह देश’ नामक अलबम ले कर आए. प्रस्तुत हैं, बिक्रम घोष से हुई बातचीत के खास अंश :

अपने पिता मशहूर तबला वादक शंकर घोष की ही तरह तबला वादक बनने का विचार आप के दिमाग में कब आया था?

यों तो बचपन से ही मुझे अपने पिता से तबला बजाने की शिक्षा मिलती रही. मगर मेरे ननिहाल के सभी लोग शिक्षा में बहुत आगे हैं. वे मुझे हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया करते थे. वे लोग चाहते थे कि मैं अच्छी नौकरी करूं। तो मेरे सामने दोराहा यह था कि मैं अपने पिता की ही तरह तबला वादक बनूं या फिर नौकरी करूं। पर 1990 में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद एक दिन मेरे पिता ने मुझ से सवाल किया कि अब आगे क्या करना है, तो मेेरे मुंह से तुरंत निकला कि मुझे तबला बजाना है क्योंकि बचपन से मैं अपने पिताजी को तबला वादक के रूप में मिल रही शोहरत, मानसम्मान, प्रशंसकों की भीड़ आदि देखता आ रहा था, जोकि कहीं न कहीं मेरे जेहन में था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...