अर्जुन कपूर उन फिल्मी संतानों में से हैं, जिन्हे कभी कहीं अपनी गलती नजर आती ही नहीं है और न ही वह अपनी गलतियों को सुधारने में ही यकीन करते हैं. अर्जुन कपूर को नजदीक से जानने वाले सूत्रों की माने तो अर्जुन कपूर ‘‘अहम’ का शिकार हो चुके हैं. वह अपने आपको बौलीवुड का महान कलाकार मानते हैं. अर्जुन कपूर हमेशा खुद को महान साबित करते हुए नजर आते हैं. इसी आवेश में उन्होने लगभग डेढ़ साल पहले अपने पिता व फिल्म निर्माता से आग्रह करके एक दक्षिण भारतीय फिल्म का रीमेक ‘‘तेवर’’ के नाम से करवाया, जिसमें स्वयं अर्जुन कपूर ने मुख्य भूमिका भी निभायी थी. फिल्म ‘‘तेवर’’ के रिलीज से पहले बड़ी बड़ी डींगे हांकते हुए अर्जुन कपूर ने दावा किया था कि वह इस फिल्म के साथ हीरोइजम की परिभाषा बदलने वाले हैं.
मगर ‘‘तेवर’’ की बाक्स आफिस पर ऐसी दुर्गति हुई कि अर्जुन कपूर की आंखें खुली की खुली रह गयी. अब अर्जुन कपूर ‘तेवर’ की असफलता को इमोशनल मसला बताते हैं. वह कहते हैं-‘‘फिल्मों के फ्लाप होने पर मैं रूकता नहीं हूं. आगे बढ़ता रहता हूं. हर कलाकार के करियर में हिट और फ्लाप आती रहती हैं. ‘तेवर’ का असफल होना इमोशनल मामला रहा. क्योंकि इसका निर्माण मेरे पिता ने किया था. अब मैने आर बालकी की फिल्म ‘की एंड का’ की है, जो कि एक अप्रैल को रिलीज होगी. ’’
पर अर्जुन कपूर अभी भी हवा में उड़ रहे हैं. जब पिछले दिनों एक मुलाकात के दौरान हमने उनसे पूछा कि फिल्म ‘तेवर’ के रिलीज से पहले उन्होने हीरोईजम को एक नयी परिभाषा देने की बात कही थी. ‘तेवर’के फ्लाप होने से वह नहीं हो पाया? इस पर अर्जुन कपूर ने कहा-‘‘चिंता ना करें. मैं आगे यह करके दिखाउंगा. मैं कोशिश करने में यकीन करता हूं. मुझे यकीन है कि मैं एक दिन हीरोईजम के मायने बदलूंगा. कोई भी कलाकार फिल्म की सफलता या असफलता का दावा नहीं कर सकता. पर ‘तेवर’ करने में मैंने जो मेहनत की थी, वह सफल रही. क्योंकि जिन्हें वह फिल्म देखनी थी, उन्होंने वह फिल्म देख ली.’’
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