लीक से हटकर फिल्में करते करते रसिका दुग्गल ने हर माध्यम में अपने अभिनय का लोहा मनवा लिया है. वह फीचर फिल्मों के साथ साथ लघु फिल्में व वेब सीरीज भी कर रही हैं. गत वर्ष उन्होंने सआदत हसन मंटों की बायोपिक फिल्म ‘‘मंटो मने मंटो'' की पत्नी साफिया का किरदार निभाकर जबरदस्त शोहरत बटोरी थी. उसके बाद वह वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ में एकदम अलग किरदार में नजर आयी. तो अब हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘‘हामिद’’ में वह एक कश्मीरी औरत के किरदार में नजर आयी, जिसे अपने गुमशुदा पति की तलाश है. जबकि 22 मार्च से वह ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रसारित होने वाली वेब सीरीज ‘‘दिल्ली क्राइम’’ में ट्ेनी पुलिस अफसर के निधि किरदार में नजर आएंगी.
‘‘मंटो’’ के लिए उर्दू और ‘‘हामिद’’के लिए कश्मीरी भाषा सीखते हुए आपने कलाकार के तौर पर कितना ग्रो किया?
किसी भाषा के एसेंट को पकड़ना या सीखने से हमारी बाोौडी लैंगवेज पर भी असर पड़ता है. उसका असर किरदार से जुड़े कई दूसरे जेस्चरों पर भी पड़ता है. आपको अपने आप ही किरदार के दूसरे जेस्चर की आइडिया मिल जाती है,जिससे पूरा व्यू बदल जाता है. हमेशा कहा जात है कि यदि आप किसी क्षेत्र की भाषा सीखना चाहते हैं तो पहले वहां के संगीत को सुने. जब किसी क्षेत्र के संगीत से परिचित होते हैं,तो काफी हद तक उस क्षेत्र से भी आप वाकिफ हो जाते हैं. आप जिस तरह से बात करते हैं, उसका भी असर पड़ता है.
वैसे भी मुझे हमेशा से नई भाषा सीखने का शौक रहा है. यहां तक कि मैने ग्रेज्युएशन की पढ़ाई के ही दौरान जेएनयू में जर्मन भाषा सीखने के लिए आवेदन किया था. पर बाद में मैंने ग्रेज्युएशन को ही महत्व दिया.
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