‘‘एंटरटेनमेंट’’ जैसी असफल फिल्म के लेखक व निर्देशक तथा ‘‘दिलवाले’’ जैसी असफल फिल्म के लेखकद्वय फरहाद साजिद से किसी बेहतरीन हास्य फिल्म की उम्मीद लेकर ‘‘हाउसफुल 3’’ देखने के लिए थिएटर के अंदर घुसने पर सिर्फ निराशा ही हाथ लगनी है. मनोरंजन के नाम फूहड़ता, दो कौड़ी के पंच वाले संवाद, कलाकारों का स्तरहीन अभिनय, बेसिर पैर के गाने व मनोरंजन विहीन फिल्म का नाम है - ‘‘हाउसफुल 3’’, जो कि ‘‘हाउसफुल’’ फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म है.

फिल्म की कहानी साल 2000 से शुरू होती है, जब लंदन के सेंट्रल हाल से तीन चोर ज्वेलरी व बहुमूल्य नग चुराने में सफल हो जाते हैं, पर वह पकड़े जाते हैं और तीनो को सजा हो जाती है. इनके जेल पहुंचने के बाद कहानी वर्तमान में आ जाती है. बटुक पटेल (बोमन इरानी ) ने अपनी शिपिंग कंपनी की तरफ से भव्य पार्टी रखी है, जहां उनके एक पुराने मित्र अपने तीन बेटों के साथ वहां पहुंचते हैं, तब बटुक पटेल अपनी तीनों बेटियों गंगा उर्फ ग्रेसी पटेल (जैकलीन फर्नाडिस), जमुना उर्फ जेनी पटेल (लिसा हेडन) व सरस्वती उर्फ साराह पटेल (नरगिस फाखरी) से परिचय कराते हैं. पर बटुक पटेल अपने मित्र का अपमान कर भगा देते हैं और वह दावा करते हैं कि उनके परिवार में ऐसी घटनाएं होती रही हैं, जिनके चलते उन्होने अपनी बेटियों की शादी न कराने का निर्णय ले रखा है.

उधर बटुक की तीनों तथाकथित संस्कारी बेटियां रात के अंधेरे में शराब की पार्टियों में जाती हैं. तीनो के प्रेमी हैं. ग्रेसी पटेल का प्रेमी एक फुटबाल खिलाड़ी सैंडी (अक्षय कुमार) है, जो कि स्पिल्ट पर्सनालिटी वाला है. वह ‘इंडियन’ शब्द सुनकर ही भड़क जाता है और मारा मारी करने पर उतर आता है. रंगभेद के चलते सैंडी को फुटबाल टीम से जु़ड़ने का मौका नहीं मिलता. उधर साराह पटेल को रैपर बनने के प्रयास में लगे बंटी (अभिषेक बच्चन) से प्यार हो गया है. जबकि जेनी को कार रेसिंग में असफल टेडी (रितेश देशमुख) से प्यार है. तीनों अपने प्यार की बात अपने पिता बटुक पटेल को बताती है, तो बटुक उन्हें शादी न करने के लिए कहते हैं. तब बेटियां वजह जानना चाहती हैं. मगर बटुक असली वजह नहीं बताना चाहते.

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