कासगंज के ठग लौट रहे हैं, अपनी उन्हीं शातिराना चालों के साथ, जिनसे उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था. आने वाली फिल्म ‘‘ठग्स औफ हिंदुस्तान’’ के जरिए कासगंज देश दुनिया पर छा जाने वाला है, क्योंकि इसमें कासगंज के ठगों के चरित्र से प्रेरणा लेकर फिल्म के व्यक्तित्वों को गढ़ा गया है.

‘‘ठग्स औफ हिंदुस्तान’’ जिस उपन्यास कन्फेशन औफ ए ठग पर बनाई जा रही है, उसके लेखक फिलिप मेडोज टेलर कासगंज आए थे. उनका उपन्यास बताता है कि इन ठगों ने ब्रिटिश हुकूमत की नाक में दम कर रखा था. इस फिल्म में पहली बार सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और आमिर खान एक साथ काम कर रहे हैं.

फिलिप मेडोज टेलर की कासगंज यात्रा के बारे में जो जानकारी मिलती है , वो भी कम रोचक नहीं है. फिलिप बैलगाड़ी से यहां आए थे और उन्होंने यहां ब्रिटिश शासन की बनाई छावनी का भ्रमण किया था. छावनी गांव ब्रिटिश साम्राज्य की गतिविधियों का बड़ा केंद्र था. यहां बाकायदा कमांडर के रूप कर्नल विलियम लिनिअस गार्डनर तैनात थे. इनके क्षेत्र में फर्रुखाबाद, एटा, बरेली और इटावा का भी हिस्सा आता था. ब्रिटिश हुकूमत ने कर्नल गार्डनर को भी ठगों से निपटने की जिम्मेदारी दी थी. कर्नल गार्डनर के वंशज आज भी कासगंज में ही रहते हैं.

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यहां के इतिहासकार बताते हैं कि कासगंज समेत आसपास के इलाके में भी ठगों की गतिविधियां चलती थीं और ये ठग काली देवी की पूजा करते थे. कासगंज के किला शंकरगढ़  के राजा राव मुकुल मान सिंह कहते हैं कि कासगंज इलाके में बड़े ठग हुआ करते थे और उनका सामना अंग्रेजों से होता रहता था. ठग अंग्रेजों को भी अपना निशाना बनाते थे और मौका लगते ही लूट लेते थे.

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