बौलीवुड में कुछ फिल्मों के रीमेक हो चुके हैं, इनमें से कुछ सफल तो कुछ असफल रहे हैं. पर सूत्रों के अनुसार रीमेक फिल्मों का नया दौर जोर शोर से शुरू होने वाला है. सूत्रों के अनुसार बौलीवुड से लंबे समय से जुड़े हुए दीपक मुकुट अब एक बार फिर सक्रिय हो रहे हैं. दीपक मुकुट ने अतीत में कई बड़े बड़े स्टार कलाकारों के साथ फिल्में बनायी थी. वह मशहूर वितरक व एक्जीबीटर भी रहे हैं. अभी भी वह बहुत बड़े फिल्म एक्जीबीटर हैं. बीच में वह फिल्म निर्माण करने की बजाय टीवी सीरियलों के निर्माण व सेटेलाइट चैनलों के साथ जुड़ गए थे.
कुछ वर्षों तक उन्होने सेटेलाइट चैनलों के लिए फिल्मों की खरीद फरोख्त का भी काम किया. पर विनय सप्रू व राधिका राव निर्देशित फिल्म ‘‘सनम तेरी कसम’’ से दीपक मुकुट एक बार फिर फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कूदे हैं. सूत्र बताते हैं कि अब दीपक मुकुट हर साल तीन उत्कृष्ट फिल्मों का निर्माण करना चाहते हैं.
इसी सिलसिले में जब हमने दीपक मुकुट से उनकी भविष्य की योजनाओं पर बात की, तो दीपक मुकुट ने कहा-‘‘हमारा फिल्म इंडस्ट्री का बहुत लंबा अनुभव रहा है. मेरे पिता कमल मुकुट जी भी फिल्मों से जुड़े रहे हैं. हमने एक ही बात सीखी है कि करना है, तो कुछ अच्छा करो, अन्यथा न करो. हमने वही कोशिश फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ में की है. यह एक साफ सुथरी संजीदा पारिवारिक तथा संगीतमय प्रेम कहानी वाली फिल्म है. इस साल हम तीन फिल्मों के निर्माण की घोषणा करने वाले हैं. हम पहले भी फिल्में बनाते रहे हैं. मैने पहले दूरदर्शन, ‘जीटीवी’ व ‘बी फार यू’ सहित कई चैनलों के लिए टीवी सीरियल बनाए हैं. हमने सेटेलाइट चैनलों के लिए फिल्मों की मार्केटिंग भी की है.
फिर मैं सेटेलाइट बिजनेस में चला गया. कई सेटेलाइट चैनलों के लिए ट्रेडिंग की है. आज मेरे पास 125 फिल्मों की नगेटिब और उनके अधिकार हैं. मैं इन फिल्मों के रीमेक बनाने वाला हूं. मेरे पास अपनी खुद की भी कुछ फिल्में हैं, जिनका रीमेक बनाना चाहता हूं. ‘‘चमेली की शादी’’, ‘‘नायक’, ‘‘बीस साल बाद’’, ‘‘सुरक्षा’’ के रीमेक बनाने के लिए काम शुरू कर चुका हूं. मैं हर साल कम से कम तीन बेहतरीन फिल्में बनाना चाहता हूं. अच्छा सिनेमा देना चाहता हॅू. ‘वैल्यू फार मनी ’में यकीन करता हूं. मैं खुद भी सिनेमा का पुराना दर्शक हूं.’’
दीपक मुकुट उन फिल्मकारों में से हैं, जो कि ‘ग्रैंड मस्ती’, ‘क्या सुपर कूल हैं हम 3’’ या ‘‘मस्तीजादे’’ जैसी फिल्मों के समर्थक नहीं है. दीपक मुकुट कहते हैं-‘‘मैं ऐसी फिल्मों का पक्षधार नहीं हूं. आज कुछ फिल्में पार्न कामेडी या सेक्स कामेडी या एडल्ट कामेडी के प्रचार के साथ रिलीज हो रही हैं. वह गलत है. हो सकता है कि इन फिल्मों को कुछ दर्शक मिल रहे हों, पर यह कहना कि हर दर्शक ऐसी फिल्में देखना चाहता है, पूरी तरह से गलत है. ऐसी फिल्मों की हर इंसान तारीफ भी नहीं करता है.’’