Varun Dhawan की बड़े बजट की फिल्म बौक्स औफिस पर चल नहीं रही, वहीं पुष्पा 2 अभी भी पैसे बटोरने में लगी है. दर्शक फिल्मों में नयापन देखना चाहते हैं जो बौलीवुड दे नहीं पा रहा.
‘बेबी जौन’ vs ‘पुष्पा 2 द रूल’
वरूण धवन और उन की फिल्म ‘बेबी जौन’ के निर्माताओं ने 25 दिसंबर की छुट्टी फायदा उठाने के लिए फिल्म ‘पुष्पा 2 द रूल’ के वितरकों से काफी झगड़ा किया और फिल्म की निर्माण कंपनी ‘जियो स्टूडियो’ के मालिक मुकेश अंबानी ने अपना रूतबा झाड़ा तो पीवीआर आईनौक्स व कुछ अन्य मल्टीप्लैक्स वाले झुक गए और उन्होंने अपने यहां कमा कर दे रही फिल्म से ‘‘पुष्पा 2 द रूल’ को बाहर का रास्ता दिखा कर ‘बेबी जौन’ को जगह दी.
अफसोस की बात यह रही कि अति वाहियात फिल्म ‘बेबी जौन’ को दर्शक नहीं मिले और पहले दिन ही कई शो रद्द हो गए, जिस से सिनेमाघर मालिकों को नुकसान हुआ.
180 करोड़ की लागत में बनी फिल्म ‘बेबी जौन’ पहले दिन बामुश्किल 11 करोड़ रूपए ही बौक्स औफिस पर एकत्र कर सकी. जबकि स्क्रीन्स कम किए जाने के बावजूद सिर्फ 25 दिसंबर को ही ‘पुष्पा 2 द रूल’ ने हिंदी क्षेत्रों में ‘बेबी जौन’ से दोगुने से भी अधिक 23 करोड़़ रूपए बौक्स औफिस पर एकत्र किए.
दूसरे दिन यानी कि 26 दिसंबर, गुरूवार को ‘बेबी जौन’ महज 5 करोड़ रूपए भी एकत्र नहीं कर पाई. इस तरह दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में 180 करोड़ रूपए की लागत में बनी फिल्म ‘बेबी जौन’ केवल 16 करोड़ रूपए एकत्र कर सकी थी.
दूसरे दिन यानी कि 26 दिसंबर, गुरूवार को ‘बेबी जौन’ महज 5 करोड़ रूपए भी एकत्र नहीं कर पाई. इस तरह दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में 180 करोड़ रूपए की लागत में बनी फिल्म ‘बेबी जौन’ केवल 16 करोड़ रूपए एकत्र कर सकी थी.
‘वनवास’ की दुर्गति
दिसंबर माह के चौथे सप्ता में ‘बेबी जौन’ रोती रही. पूरे सप्ताह भर में शनिवार, रविवार, 31 दिसंबर व एक जनवरी इन 4 छुट्टियों के बावजूद बामुश्किल 19 करोड़ रूपए एकत्र कर, दो सप्ताह में 35 करोड़ रूपए एकत्र कर सकी. यह आंकड़े तो निर्माता की तरफ से दिए जा रहे हैं.
180 करोड़ की लागत में बनी फिल्म ‘बेबी जौन’ में कहानी का अता पता नहीं, विलेन तो अघोरी नजर आता है. डीसीपी के किरदार में वरूण धवन पूरी तरह अनफिट हैं. वह कहीं से भी पुलिस अफसर नजर नहीं आते. फिल्म में एक्शन व गाने बेवजह ठूंसे हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में इस उबाउ फिल्म से लोगों ने दूरी बना कर रखने में ही समझदारी दिखाई.
बहरहाल, दिसंबर माह के चौथे सप्ताह की समाप्ति पर अब तक पुष्पा 2 द रूल ने जरुर नए रिकौर्ड बना डाले. इस ने विश्व स्तर पर 18 सौ करोड़, भारत में 1190 करोड़ और केवल हिंदी भाषी क्षेत्रों में 800 करोड़ रूपए बौक्स औफिस पर एकत्र किए. जबकि तीसरे सप्ताह रिलीज हुई नाना पाटेकर व उत्कर्ष शर्मा की सरकार परस्त व धर्म को बेचने वाली फिल्म तीसरे व चौथे सप्ताह मिला कर यानी कि 14 दिनों में भी 5 करोड़ रूपए एकत्र न कर सकी.
वैसे 2024 की समाप्ति पर एक आंकड़ा चौकाने वाला है. इस वर्ष 100 हिंदी फिल्में बनीं, इन में से 55 फिल्में फिल्मकारों ने सरकार को खुश करने या धर्म को बेचने वाली बनाई. इन में से एक भी लागत तो दूर 10 प्रतिशत भी बौक्स औफिस पर एकत्र न कर सकी.
‘बेबी जौन’ और ‘वनवास’ की एक तरफ दुर्गति हुई, तो इस का कुछ फायदा 20 दिसंबर को रिलीज हुई मलयालम फिल्म ‘मार्को’ को हुआ. अतिरंजित एक्शन से भरपूर फिल्म ‘मार्को’ ने हिंदी क्षेत्र में तो कुछ खास कमाई नहीं की पर पूरे देश भर में, खासकर केरला में कमाई हुई और दो सप्ताह के अंदर बौक्स औफिस पर 40 करोड़ रूपए एकत्र कर लिए.
मार्को, ‘मुफासा द लोयन’ रहा फायदे में
इस तरह ‘मार्को ने मलयालम सिनेमा के लिए संजीवनी का काम किया है. मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ने ऐलान किया है कि उन्हें 2024 में 700 करोड़ रूपए का शुद्ध नुकसान हुआ है. अब 2025 में जनवरी के पहले सप्ताह 3 जनवरी से ‘मार्को’ को हिंदी क्षेत्रों में ज्यादा स्क्रीन्स मिले हैं, क्योंकि ‘वनवास’ और ‘बेबी जौन’ को बाहर कर दिया गया है.
हौलीवुड फिल्म ‘मुफासा द लोयन’ को चौथे सप्ताह में ‘वनवास’ व ‘बेबी जौन’ में दम न होने का फायदा मिल गया. इस फिल्म ने दो सप्ताह में भारत में हर भाषा को मिला कर करीब 100 करोड़ रूपए एकत्र कर लिए हैं. 25 दिसंबर को ही रिलीज हुई मोहनलाल निर्देशित व अभिनीत मलयालम फिल्म भी कई भाषाओं में डब हो कर रिलीज हुई, पर यह फिल्म 25 दिसंबर 2024 से दो जनवरी 2025 तक बौक्स औफिस पर केवल 9 करोड़ रूपए ही इकठ्ठा कर सकी.
2024 की समाप्ति पर दर्शक ने हर भारतीय फिल्मकार व कलाकार को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि उसे भाषा से परहेज नहीं है. उसे केवल अच्छी कहानी, अच्छा अभिनय, अच्छा संगीत व अच्छा एक्शन देखना है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
(1 साल)
USD48USD10
![](https://i0.wp.com/www.sarita.in/wp-content/themes/delhipress/images/subscribe/icon-gift.png?w=660&ssl=1)
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
(1 साल)
USD100USD79
![](https://i0.wp.com/www.sarita.in/wp-content/themes/delhipress/images/subscribe/icon-gift.png?w=660&ssl=1)
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और