टीवी इंडस्ट्री फिल्मों से भी आगे निकल गई है. साल भर में भारत में जितनी फिल्में बनती हैं, उस से कहीं ज्यादा टीवी शो बनते हैं, जिन में रियल्टी शो भी शामिल हैं. टीआरपी के खेल के चलते ऐसे में गलाकाट प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक है. हर निर्मातानिर्देशक चाहता है कि उस के शो की टीआरपी सब से ऊपर रहे. ऐसा हो नहीं पाता, यह अलग बात है.

अगर टीआरपी की बात करें तो इस के लिए सब से पहले कहानी का दमदार होना जरूरी है, दूसरे शो में काम करने वाले कलाकारों का अभिनय भी मायने रखता है. चूंकि एकएक शो को बनाने और चैनल पर लाने में करोड़ों रुपया लगता है, इसलिए यह काम छोटे निर्माताओं के वश में नहीं रहा, भले ही वह कितनी ही अच्छी कहानी और कलाकारों के साथ छोटे परदे पर आना चाहते हों.

टीवी इंडस्ट्री की इसी गलाकाट प्रतियोगिता के बीच ऐंड टीवी चैनल पर 2 मार्च, 2015 को एक शो शुरू हुआ था ‘भाबीजी घर पर हैं’. इस के निर्माता हैं संजय कोहली और बिनायफर कोहली. इस शो की खास बात यह है कि इस में 2-3 एपीसोड में कहानी बदल जाती है. हलकेफुलके हास्यव्यंग्य वाले इस शो की हर कहानी केवल 4 कैरेक्टरों के इर्दगिर्द घूमती है. मतलब यूसुफ शेख यानी विभूति नारायण मिश्रा, सौम्य टंडन यानी अनीता मिश्रा, रोहिताश गौड़ यानी मनमोहन तिवारी और शिल्पा शिंदे (अब शुभांगी अत्रे) यानी अंगूरी भाभी.

कुछ अलग फ्लेवर वाले इस शो ने जब शोहरत पाई, तब यह यूसुफ शेख, रोहिताश गौड़, सौम्या टंडन और शिल्पा शिंदे के ही कंधों पर ही टिका था. मासूम और बौड़म सी दिखने वाली अंगूरी (शिल्पा शिंदे) के चालढाल और खास डायलौग ‘सही पकड़े हैं’ ने इसे और ज्यादा रोचक और मशहूर बना दिया था. कहानी में तड़का लगाने का काम किया योगेश त्रिपाठी यानी दारोगा हप्पू सिंह और सानंद वर्मा यानी अनोखेलाल सक्सेना के किरदारों ने.

‘भाबीजी घर पर हैं’ के लोकप्रिय होने के कई कारण थे, जिन में मुख्य थे आंचलिक भाषा और कलाकारों के अच्छे अभिनय के साथसाथ हर दूसरेतीसरे दिन कहानी का बदल जाना. बहरहाल, इस शो की सफलता को देख कर कई चैनलों ने इसी तरह के शो लाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी शो कामयाब नहीं हो पाया. बहरहाल, लोगों ने ‘भाबीजी घर पर हैं’ को पसंद भी किया, सराहा भी.

जब इस शो की टीआरपी अच्छीभली ऊंचाई पर थी, तभी अचानक शो से शिल्पा शिंदे यानी अंगूरी भाभी गायब हो गईं. शो में बताया गया कि अंगूरी अपने मायके गई हुई हैं, कुछ एपीसोड बिना शिल्पा शिंदे के ही बनाए और प्रसारित किए गए. धीरेधीरे खबरें आईं कि फीस न बढ़ाए जाने की वजह से शिल्पा शिंदे शो छोड़ रही हैं.

शिल्पा और सीरियल के निर्माताओं के बीच कुछ बातों को ले कर मतभेद की भी बातें सुनने को मिलीं. जो भी रहा हो, इस से शो के दर्शकों को काफी बड़ा झटका लगा. महसूस किया गया कि बिना शिल्पा शिंदे के शो बंद हो जाएगा, क्योंकि इस स्तर की अंगूरी को ढूंढना आसान नहीं होगा.

दूसरी ओर निर्माताओं ने शिल्पा के इस तरह हट जाने से उन्हें कानूनी नोटिस थमा दिया, साथ ही फिल्म और टीवी कलाकारों की एसोसिएशन में भी शिल्पा की शिकायत की गई, क्योंकि शिल्पा ने एग्रीमेंट की शर्तों को पूरा नहीं किया था. शिल्पा शिंदे भी अपने हिसाब से जवाब दे रही थीं.

इधर यह सब चल रहा था और दूसरी ओर निर्माता शुभांगी अत्रे को शो में ले कर अंगूरी के कैरेक्टर के लिए तैयार कर रहे थे. बहरहाल, पूरी तरह तैयार हो कर अंगूरी के रूप में शुभांगी परदे पर आईं. उन के आने से शुरूशुरू में दर्शकों को अजीब लगा, लेकिन अपनी मेहनत के बूते पर जल्दी ही शुभांगी अत्रे अंगूरी के किरदार में ढल गईं.

एक साल बीततेबीतते दर्शकों ने शिल्पा शिंदे को भुला कर शुभांगी को पूरी तरह अंगूरी के रूप में स्वीकार कर लिया. दूसरी ओर सिनटा ने शिल्पा शिंदे पर सिनेमा और टेलीविजन इंडस्ट्री में काम करने पर पाबंदी लगा दी थी, जिस से उन्हें काम मिलना पूरी तरह बंद हो गया.

शो छोड़ने के अब एक साल बाद शिल्पा शिंदे ने सीरियल के निर्माता संजय कोहली पर आरोप लगाते हुए पुलिस में रिपोर्ट लिखाई है कि संजय ने उन का पैसा देना तो दूर, उन का सैक्सुअल हैरेसमेंट किया था. शिल्पा ने बताया कि शूटिंग के दौरान संजय कोहली कई बार उन के स्तन और कमर पर हाथ लगाते थे, जो उन्हें बहुत बुरा लगता था. जब वह इस सब का विरोध करती थीं तो वह सौरी बोल देते थे. इंडस्ट्री में चूंकि ऐसी बातें कौमन होती हैं, इसलिए वह इसे गंभीरता से नहीं लेती थीं.

शिल्पा के अनुसार, संजय उन्हें हौट और सैक्सी बताते थे. चूंकि उन्हें शो में काम करना था, इसलिए वह इस सब को इग्नोर कर देती थीं. लेकिन हद तो तब हो गई, जब संजय ने उन से सैक्स की डिमांड शुरू कर दी. इस का जिक्र उन्होंने शो के अपने सहकलाकारों से भी किया, लेकिन किसी ने भी उन का साथ नहीं दिया. वजह यह कि उन्हें शो में संजय के साथ काम करना था.

शिल्पा शिंदे के अनुसार, उन का संजय पर 3 महीने के काम का मेहनताना बाकी था, इसलिए वह शो छोड़ना नहीं चाहती थीं, लेकिन उन का इस तरह मानसिक उत्पीड़न किया गया कि उन्हें शो छोड़ कर घर बैठना पड़ा. सिनटा ने भी उन के काम करने पर पाबंदी लगा दी.

बहरहाल, शो के प्रोड्यूसर संजय कोहली और बिनायफर ने अब उन पर 12 करोड़ रुपए का दावा किया है, साथ ही उन्होंने शिल्पा के आरोपों को भी झूठ बताया है. बहरहाल, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. यहां यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि शिल्पा ने सैक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत एक साल बाद क्यों की?

वैसे ग्लैमर की दुनिया में इस तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं, क्योंकि कलाकार एग्रीमेंट के हिसाब से एक तरह से बंधक बन कर रह जाता है. समस्या यह है कि उसे काम करना होता है, इसलिए वह कहीं पर शिकायत भी नहीं कर सकता.

बहरहाल, अभी तक लोग इस मामले में पूरी तरह शिल्पा शिंदे को ही घमंडी मान कर दोषी समझ रहे थे. लेकिन अब जबकि एक और एक्ट्रैस समीक्षा ने शिल्पा शिंदे के पक्ष में खड़े हो कर संजय कोहली और बिनायफर कोहली के खिलाफ आवाज उठाई है तो शिल्पा के पक्ष में वजन नजर आने लगा है.

तमिल, तेलुगू और पंजाबी की कई फिल्मों में काम कर चुकी समीक्षा ने अपना टीवी डेब्यू बिनायफर के प्रोडक्शन हाउस के शो ‘जारा’ से किया था. उस शो में जारा का किरदार निभाने वाली समीक्षा बताती हैं कि संजय और बिनायफर के साथ अपना पहला टीवी शो करते समय उन के साथ बिलकुल वैसी ही परिस्थितियां आई थीं, जैसी शिल्पा शिंदे के सामने आईं. लेकिन मैं चाह कर भी तब कुछ नहीं कर सकी थी. अब जब मैं ने शिल्पा शिंदे का इंटरव्यू देखा तो मुझे लगा कि मुझे उन के पक्ष में खड़ा होना चाहिए. इस से उन्हें इंसाफ मिलने में मदद मिल सकती है, वरना ये प्रोड्यूसर एक के बाद एक एक्टर का शोषण करते रहेंगे.

समीक्षा के अनुसार, बिनायफर के सेट पर बहुत खराब माहौल होता है. ऐसे तो लोग फैक्ट्री के मजदूरों से भी काम नहीं कराते होंगे, जैसे बिनायफर के एडिट टू प्रोडक्शन के लोग एक्टर्स से काम कराते हैं. लोग सेट पर बहुत ही गंदी भाषा बोलते हैं. बिनायफर से शिकायत करो तो वह एक्टर्स को ही उलटा बोलने लगती हैं.

यहां तक कि वह 3-4 दिनों में ही हमारे क्लोजअप शूट कर लेती थीं और फिर 5-6 दिन के लिए घर बैठा देती थीं, ऊपर से कहती थीं कि समीक्षा डेट नहीं दे रही है. जबकि मैं घर बैठी अपने बुलावे का इंतजार करती रहती थी. कुछ कहो तो बिनायफर कहती थीं कि यहां तो ऐसा ही होता है. हम यहां सीरियल छापने आए हैं. हमें कोई क्वालिटी नहीं चाहिए, क्योंकि हमें टाइम पर एपीसोड देना होता है. ज्यादा एक्टिंग का कीड़ा काट रहा है तो जा कर आर्ट मूवी करो.

समीक्षा बताती हैं कि मैं ने वहां डेढ़ साल काम किया और बहुत मेंटल टौर्चर सहा. तब हमारे डायरेक्टर पवन साहू थे, जो बहुत गालीगलौज करते थे. लड़कियों के साथ भी गलत बिहैव करते थे और कहते थे कि हमारे बिहार में तो लड़कियों को जूती की तरह रखा जाता है, इसलिए यह सब हमारी आदत में शामिल है.

ऐसी बातें हमें बहुत बुरी लगती थीं. लगातार शूटिंग के चलते हमें रातरात भर जाग कर काम करना होता था, सो तक नहीं पाते थे, ऊपर से ऐसा माहौल. बिनायफर से शिकायत करो तो कहतीं, ‘टीवी में ऐसे ही काम होता है.’ जारा मेरा पहला टीवी शो था. पहले ही अनुभव ने मुझे इतना डरा दिया कि मैं ने टीवी के लिए ज्यादा काम नहीं किया.

बिनायफर के खिलाफ समीक्षा ने सिनटा में फीस न दिए जाने की भी शिकायत दर्ज कराई थी. समीक्षा के अनुसार, काम खत्म हो जाने के बाद बिनायफर ने उन की 5 महीने की फीस भी नहीं दी. वह सब के साथ ऐसा ही करती हैं और खुलेआम कहती हैं कि जितना मिल रहा है ले लो, वरना वह भी नहीं मिलेगा.

तमाम एक्टर्स ऐसे हैं, जो काम न मिलने के डर से चुप रह जाते हैं. कुछ बोलो तो इमेज खराब करने की धमकी दी जाती है. फिर भी मैं ने सिनटा में केस किया. जवाब में मुझ पर लीगल केस लगा दिया गया. मैं एक साल तक लड़ी, लेकिन लाइफ में आगे बढ़ने की चाह थी, इसलिए हार कर बैठ गई.

संजय कोहली की छेड़छाड़ और फ्लर्ट करने की बात समीक्षा ने भी कबूली. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘हम ऐसी इंडस्ट्री में हैं, जहां लोग फ्लर्ट करते हैं. कमेंट पास करना तो आम बात है. इस सब को हम तब तक अपने तरीके से हैंडल करते हैं, जब तक कोई जीना हराम न कर दे. मेरे लिए इस से भी बड़ा इश्यू था सैट का माहौल.’

प्रोड्यूसर और एक्टर्स के बीच विवाद होना आम बात है. इस में कई बार प्रोड्यूसर डायरेक्टर गलत होते हैं तो कभी एक्टर. ऐसे विवादों को निपटाने के लिए सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन बनाई गई है. पिछले 2 सालों में सिनटा के पास 200 केस आए, जिन में ज्यादातर फीस न मिलने को ले कर थे.

स्टारप्लस के शो ‘दीया और बाती हम’ की संध्या यानी दीपिका सिंह को इस सीरियल की वजह से काफी पसंद किया गया था. लेकिन सीरियल खत्म होने के बाद निर्माता पर उन के 1.14 करोड़ रुपए रह गए. अपनी इस बकाया फीस के लिए उन्हें सिनटा के पास जाना पड़ा. दीपिका की तरह ही जी टीवी का शो ‘जमाई राजा’ जब खत्म होने को आया तो इस के एक्टर्स मौली, शाइनी, नीलू कोहली और संजय स्वराज को अपनी 5 महीने की फीस के लिए सिनटा की शरण में जाना पड़ा. सिनटा के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें उन की फीस मिली.

निर्माता और एक्टर्स के बीच जो साझा सहमतिपत्र साइन होता है, उस के हिसाब से शो टेलीकास्ट होने के 90 दिनों के बाद एक्टर्स को पेमेंट कर दिया जाना चाहिए. लेकिन तमाम प्रोड्यूसर्स इस नियम का पालन नहीं करते और थोड़ीबहुत रकम दे कर एक्टर से काम कराते रहते हैं. एक्टर्स को चूंकि काम न मिलने या प्रोड्यूसर द्वारा बदनाम करने का डर सताता रहता है, इसलिए चुप रहना उन की मजबूरी बन जाता है.

बहरहाल, शिल्पा शिंदे को उन के घमंड की वजह से ‘भाबीजी घर पर हैं’ शो से निकाला गया या उन के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ, जैसा समीक्षा के साथ हुआ था, कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन इस में कोई दोराय नहीं कि सफलतापूर्वक चल रहे शो को कोई एक्टर यूं ही नहीं छोड़ेगा. कहीं तो कुछ गड़बड़ रही होगी.

लेकिन यह सच है कि शुभांगी अत्रे ने भले ही अंगूरी के किरदार को सफलतापूर्वक निभा लिया हो, पर शिल्पा शिंदे के जाने के बाद इस शो की टीआरपी गिरी. वैसे भी इस शो में अब पहले वाली बात नहीं रही. दूसरी बात यह भी है कि इस विवाद में शिल्पा शिंदे का कैरियर तो एक तरह से खत्म ही हो गया.

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