बौलीवुड में तमाम अभिनेत्रियां इस मिथ को तोड़ने का असफल प्रयास कर रही हैं कि शादी के बाद हीरोईन का करियर खत्म हो जाता है. विद्या बालन, ऐश्वर्या राय बच्चन, करीना कपूर खान, माधुरी दीक्षित, शिल्पा शेट्टी, करिश्मा कपूर जैसी अभिनेत्रियां तमाम प्रयासों के बावजूद अपने अभिनय की गाड़ी को गति नहीं दे पा रही हैं. बौलीवुड के इस मिथ को न तोड़ पाने के पीछे कहीं न कहीं यह अभिनेत्रियां स्वयं जिम्मेदार नजर आती हैं. क्योंकि शादी के बाद हर अभिनेत्री की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं. उन्हें जिंदगी के कई दूसरे कामों के लिए भी वक्त देना पड़ता है, जिसका असर फिल्म के प्रमोशन के साथ ही उनके करियर पर भी पड़ता है.

सैफ अली खान से विवाह करने के बाद से ‘‘बजरंगी भाईजान’’ को छोड़ दें, तो करीना कपूर एक भी सफल फिल्म नहीं दे पायी हैं. यूं भी ‘‘बजरंगी भाईजान’ तो सलमान खान की फिल्म कही जाती है. फिलहाल करीना कपूर की सारी उम्मीदें एक अप्रैल को रिलीज हो रही निर्देशक आर बालकी की फिल्म ‘‘की एंड का’’ पर टिकी हुई हैं. लेकिन करीना कपूर के अति नजदीकी सूत्रों की माने तो ‘‘की एंड का’’ की बाक्स आफिस सफलता को लेकर करीना कपूर के मन में संशय है. इसी के चलते वह उस जोश के साथ इस फिल्म को प्रमोट नहीं कर रही हैं, जिस जोश के साथ अमूमन वह अपनी फिल्मों को प्रमोट करती रही हैं. ‘‘की एंड का’’ में करीना कपूर ने आम हीरोईन से हटकर किरदार निभाया है. सूत्रों की माने तो उन्हे खुद समझ में नहीं आ रहा है कि भारतीय दर्शक फिल्म ‘की एंड का’ के उनके किरदार के संग रिलेट कर पाएगा या नहीं. सूत्रों की माने तो इसी वजह से ‘की एंड का’ के प्रमोशन के लिए जहां भी करीना कपूर को अर्जुन कपूर के साथ नाच गाना या अन्य गतिविधियां करनी थी, वहां तो वह जाती रही. लेकिन पत्रकारों से रूबरू बात करने व मिलने के लिए उनके पास समय का अभाव रहा.

करीना ने कुछ पत्रकारों से ‘ग्रुप इंटरव्यू’ यानी कि ‘‘लगभग प्रेस काफ्रेंस जैसी स्थिति’’ में ही बात की. ज्ञातब्य है कि ‘ग्रुप इंटरव्यू’ में कलाकार के लिए बात करना आसान होता है. ‘ग्रुप इंटरव्यू’ के दौरान कलाकार बड़ी खूबसूरती से अनचाहे सवालों के जवाब देने से बचने के लिए तुरंत दूसरे पत्रकार के सवाल की तरफ रूख कर देता है. सूत्रों की माने तो ‘ग्रुप इंटरव्यू’ में भी करीना कपूर अनमने मन से पत्रकारों के सवालों का जवाब देती रहीं. मगर ग्रुप इंटरव्यू में पहुंचे हर पत्रकार के साथ अलग अलग तस्वीरे खिंचवाने के लिए उन्होने काफी समय दिया. ‘‘ग्रुप इंटरव्यू’’ के लिए भी करीना कपूर फिल्म के रिलीज के दिन से महज एक सप्ताह पहले समय निकाल पायी. शायद उन्हे याद नहीं होगा कि कई दैनिक अखबारों में फिल्म के संस्करण दस दिन पहले ही बन जाते हैं.यानी कि इन अखबारों में करीना कपूर के इंटरव्यू छपने से रहे. इतना ही नहीं साप्ताहिक और पाक्षिक या मासिक पत्रिकाओं में तो उनके या उनकी फिल्म ‘की एंड का’ के बारे में छपना संभव ही नहीं है. इससे किसका फायदा व किसका नुकसान हुआ, यह करीना कपूर सहित हर कलाकार बड़ी आसानी से समझ सकता है. पर अमूमन देखने में आ रहा है कि कलाकार इस तरह की गलती करता है. बाद में वह फिल्म के असफल होने का सारा ठीकरा पीआर कंपनी पर डाल देता है.

हमें अच्छी तरह से याद है कि सोनम कपूर ने  फिल्म ‘‘बेवकूफियां’’ की असफलता का सारा दोष इस फिल्म की पीआर कंपनी पर मढ़ा था. तो वहीं फिल्म ‘‘द शौकीन’’ की असफलता के लिए  इसके निर्देशक अभिषेक शर्मा ने फिल्म के पीआर और मार्केटिंग को दोष दिया.

खैर, हम बात कर रहे हैं करीना कपूर की. शादी के बाद से करीना कपूर के पास ज्यादा फिल्में नहीं हैं. फिल्म ‘‘की एंड का’’ के बाद उनकी फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ रिलीज होगी. इसके अलावा उनके पास एक भी फिल्म नहीं है. इस पर करीना कपूर कहती हैं-‘‘यह मेरा सोचा समझा निर्णय है. अब मैं कुछ यादगार काम करना चाहती हूं. मैं साल में चार फिल्में करने की बनिस्बत एक या दो बेहतरीन फिल्में करना चाहती हूं. इसलिए किसी फिल्म के लिए हां कहने मं वक्त लग रहा है. मैं पिछले छह माह में कई नई फिल्मों के आफर ठुकरा चुकी हूं. इनकी पटकथाएं पढ़ने के बाद यह फिल्में मुझे उत्साह जनक नहीं लगी. नई पटकथाएं पढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. जैसे ही कोई बेहतरीन पटकथा सामने आएगी, मैं वह फिल्म कर लूंगी.’’

अभिषेक चौबे निर्देशित फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ में वह शाहिद कपूर, आलिया भट्ट और पंजाबी अभिनेता दिलजीत के संग नजर आने वाली हैं. ड्रग्स से संबंधित बीमारी के इर्द गिर्द रची गयी कहानी पर आधारित डार्क फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ में करीना कपूर ने एक नेकदिल डाक्टर का किरदार निभाया है. वैसे करीना कपूर इससे पहले ‘क्योंकि’ ,‘कमबख्त इष्क’, एजेंट विनोद’ में भी डाक्टर के किरदार निभा चुकी हैं.

फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ का जिक्र छिड़ने पर करीना कपूर कहती हैं-‘‘यह एक रोमांचक डार्क फिल्म है. जिसके लिए निर्देशक ने पूरे चार साल तक शोधकार्य किया. इसमें मैं डाक्टर बनी हूं. यह एक साधारण, नेक दिल इंसान का किरदार है. पर किरदार बहुत अलग है और फिल्म अच्छी है.’’

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