दिवाली वैसे तो खुशियों और उल्लास का पर्व है ,लेकिन आपकी इस खुशियों में कुछ प्राणी दुखी भी होते है. दिवाली में हर साल पटाखों की आवाज और धुएं से लाखों जानवर भय से पलायन कर कही छुपने का प्रयास करते रहते है. इतना ही नहीं पटाखों से निकले धुएं और आवाज से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है, जिससे कुछ लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ भी होने लगती है. इस तरह जहाँ ये त्यौहार आनंद का है, वही जानवरों और कुछ लोगों के लिए परेशानी को भी लाती है. कुछ बातें निम्न है, जिसे इस दिवाली पर ध्यान अवश्य रखें,

  • अगर आपके घर में कोई पालतू जानवर हो, तो उसे छिपने के लिए ऐसी जगह चुने जहाँ पटाखों की आवाज और धुएं की स्मेल न पहुंचे,क्योंकि जानवरों की सूंघने की शक्ति अधिक होती है और वे इसकी महक से पैनिक हो जाते है और डर के मारे कांपने लगते है,खाना-पीना छोड़ देते है.
  • संभव हो तो उनके दोनों कानों में रुई के बौल बनाकर दाल दे ,ताकि उन्हें पटाखों की आवाज कम सुनाई पड़े.
  • खिड़की और दरवाजे को बंद करके रखे.
  • पेट्स को अधिक मात्रा में हाइड्रेट करें,क्योंकि पटाखों की आवाज से उनकी स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है.
  • किसी प्रकार के संगीत की धुन उस कमरे में लगाकर रखे,ताकि पटाखों की आवाज उस तक कम पहुंचे.
  • उसे खाने के लिए उसके मनपसंद भोजन दें, जिससे वे उसे खा सके.

ये सही है कि ऐसा माहौल घरेलू पेट्स के लिए करना संभव हो सकता है पर स्ट्रीट पेट्स के लिए ऐसा करना संभव नहीं. ऐसे में कोशिश ये करनी चाहिए कि अधिक आवाज वाले पटाखे न बजाये, जिससे उन्हें अधिक परेशानी न हो. इसके अलावा छोटे बच्चे भी दिवाली में पटाखों की आवाज से परेशान हो जाते है, कई बार तो वे अपना हाथ तक जला लेते है, ऐसे में कोशिश करें कि वे पटाखों से दूर रहे और बड़ो के साथ मिलकर ही पटाखे जलाये.

दिवाली की ख़ुशी का आनंद उठाने में टीवी और फिल्म के सितारे भी कुछ कम नहीं, लेकिन वे एक सुरक्षित दिवाली मनाना पसंद करते है.आइये जाने वे क्या कहते है,

आमिर खान  

   

दिवाली का त्यौहार मुझे हमेशा से पसंद है,क्योंकि इसमें सबसे मिलने का अच्छा अवसर मिलता है. मुझे याद आता है कि मैं दिवाली पर साल में एक बार ताश के पत्ते खेला करता था,जिसमें हार जीत का कोई मतलब नहीं था, क्योंकि मैं इस खेल को पसंद करता हूँ और ये भी याद है कि मेरे परिवार वाले इससे मेरे उपर बहुत गुस्सा हुए थे और मुझे डांट भी पड़ी थी. मैं हमेशा इसे अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना पसंद करता हूँ. इसके अलावा इस दिवाली पर मैं सबसे अपील करता हूँ कि आप सब ज्यादा आवाज वाले पटाखे न बजाये, ताकि किसी को भी परेशानी न हो. मैं बचपन में फूलझड़ी, चकड़ी, अनार आदि जिसमें आवाज न हो, वैसे ही पटाखे जलाता था और आज भी वैसे ही पटाखे पसंद है.

काजोल

 

मुझे हर त्यौहार परिवार के साथ ही मनाना पसंद है, क्योंकि त्यौहार में ही हम एक दूसरे के साथ मिल पाते है, बाकी समय सब काम में ही व्यस्त रहते है. मुझे याद आता है, जब बचपन में इस त्यौहार पर अच्छे-अच्छे व्यंजन खाने को मिलते थे और एक अच्छा माहौल बन जाता था. इसके अलावा इस अवसर पर अधिक आवाज वाले पटाखे कभी भी न जलाएं, ताकि जानवरों को तकलीफ न हो.

टीना दत्ता

मुझे दिवाली पसंद है, पर इसमें पटाखे की आवाज पसंद नहीं. मेरे दो पेट्स है ब्राउन रीट्रीवर जो केवल 5 महीने का है, मैं उसकी माँ की तरह हूँ और उसके साथ मेरा बहुत समय गुजर जाता है. दूसरा ब्लैक रानी जो लेब्राडोर है और तीन साल का है. दिवाली में मैं उन्हें घर में रखती हूँ और हमेशा उन दोनों के साथ रहती हूँ, ताकि वे डरे नहीं.

शरद मल्होत्रा

मेरे पास 5 साल का एक पग डौग है. उसका नाम मैंने मसकली यानि मस्की रखा है. दिवाली पर मैं उसे नौइज़ पोल्यूशन से बचाता हूँ. सरकार द्वारा कम आवाज वाली पटाखे बजाने को मैं स्वागत करता हूँ. दिवाली के बाद मैं उसे खुश करने के लिए स्पा में ले जाऊंगा. वैसे मैं दिवाली अपने परिवार के साथ मनाना पसंद करता हूँ.

अनिरुद्ध दवे

दिवाली का पर्व खुशियों और उमंगो का त्यौहार है और मुझे बहुत पसंद है, लेकिन इस दौरान मुझे अपने डौग मुई का ध्यान रखना पड़ता है इसलिए मुझे पेट फ्रेंडली दिवाली अच्छा लगता  है. दिवाली पर जानवर बहुत अधिक प्रभावित होते है. इसलिए सभी को इसका ध्यान रखना चाहिए. कुछ लोग तो जानवरों के पास जाकर पटाखे चलाते है,जो गलत है. आवाज वाले पटाखे बड़ो के लिए भी बैन होनी चाहिए.

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