अगर फिल्म स्टार किड्स की बात की जाए तो मीडिया में करीना कपूर खान और सैफ अली खान के गुलाबी रंग के बेटे तैमूर का नाम अव्वल रहेगा पर मासूमियत में शाहरुख खान और गौरी खान के तीसरे बच्चे सिल्की बालों वाले अबराम का जवाब नहीं.
शाहरुख खान अपने इस लाडले बेटे की छोटी से छोटी बात अपने फैंस से शेयर करते हैं. अपने जन्मदिन पर बंगले की एक खास जगह से जब ‘किंग खान’ अपने चहेतों को फ्लाइंग किस देते हैं तो उन के साथ अबराम भी होता है.
पिछले साल शाहरुख ने यह माना था कि उन का नन्हा अबराम मैगास्टार अमिताभ बच्चन को अपना दादा समझता है. किसी बच्चे का ऐसा सोचना लोगों को हैप्पी फील कराता है और जब ‘बिग बी’ खुद ऐसा ही बयान दें तो मजा दोगुना हो जाता है.
हाल ही में बच्चन फैमिली ने अपने घर की नन्ही परी आराध्या बच्चन के 7वें जन्मदिन की शानदार पार्टी करी थी जिसमें बौलीवुड की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई थीं. जाहिर है कि इस पार्टी में शाहरुख खान और गौरी खान भी अबराम के साथ पहुंचे थे और उन्होंने भी खूब मस्ती की थी.
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बाद में अमिताभ बच्चन ने इंस्टाग्राम पर अपना और अबराम का एक फोटो शेयर किया था और लिखा था, ‘…और कुछ ऐसा है शाहरुख का सब से छोटा बेटा अबराम… जिसे बिना किसी शक के ऐसा लगता है कि मैं उस के पिता का पिता हूं… अबराम को इस बात पर भी ताज्जुब होता है कि शाहरुख के पिता उन के साथ क्यों नहीं रहते हैं.’
कैसे शुरू हुआ यह सब
बीते साल आराध्या बच्चन के छठे जन्मदिन पर उस के दादा अमिताभ बच्चन ने अबराम की सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर की थीं. तब शाहरुख खान ने सोशल मीडिया पर ही लिखा था, ‘थैंक्यू सर, यह एक ऐसा लम्हा है जिसे अबराम हमेशा सहेज कर रखेगा. वैसे, आप को बता दूं कि जब भी अबराम आप को टीवी पर देखता है तो उसे लगता है कि आप मेरे पापा हैं. सच कहें तो इस में अबराम की कोई गलती नहीं है. उस ने तो आपको अपना दादा समझा है, मैं अपने बचपन में अमिताभ बच्चन को इस दुनिया का ही नहीं समझता था. किसी और ग्रह का ऐसा हैंडसम शख्स जो कभी बूढ़ा नहीं होगा और मायानगरी मुंबई में ऐसी जगह रहता होगा जहां कोई नहीं जा सकता.”
Thank u sir. This is a moment he will always cherish. By the way he thinks u r my ‘papa’ when he sees u on TV. https://t.co/2WUiFPAEWy
— Shah Rukh Khan (@iamsrk) November 20, 2017
साल 1969 में आई अपनी पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से आज 2018 में आई फिल्म ‘ठग्स औफ़ हिंदोस्तान’ तक अमिताभ बच्चन ने बड़े परदे के साथसाथ छोटे परदे पर भी अपनी अदाकारी से न जाने कितने दिल जीते हैं.
हिंदी की सब से ज्यादा मनोरंजक फिल्मों में से एक ‘डॉन’ में जब हमारा हीरो अमिताभ बच्चन कहता है कि ‘डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है… लेकिन डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है’ तो फैन सोच लेते थे कि यह बंदा सच में किसी के हाथ नहीं आएगा. और ऐसा होता भी था.
अमिताभ बच्चन फिल्म ‘शोले’ का ऐसा पक्का वाला दोस्त था जिस के बिना ‘हीमैन’ धर्मेंद्र भी अधूरा था.
रमेश सिप्पी ने भले ही अपनी और भारत की सब से ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्म ‘शोले’ के क्लाइमैक्स में अमिताभ को मरवा दिया था पर सिनेमाघर से बाहर निकलते तकरीबन सभी लोगों ने उसे जी भर कर कोसा था. अगर फिल्म में विधवा जया भादुड़ी की शादी अमिताभ से हो जाती तो रमेश सिप्पी का क्या जाता. अरे, थोड़े पैसे ही तो कम कमाता, फिल्म का दि एंड तो हैप्पी बन जाता. गब्बर से भी जालिम निकला डायरेक्टर तो.
अमिताभ बच्चन ने कभी तथाकथित बाल फ़िल्में नहीं की थीं पर उन की फिल्मों में बच्चों को पसंद आने वाले सारे मसाले होते थे. हिंदी फिल्म ‘मिस्टर नटवरलाल’ में उन की आवाज में गाया गाना ‘मेरे पास आओ मेरे दोस्तों इक किस्सा सुनो…’ बच्चों में खासा हिट रहा था. हिंदी फिल्म ‘कालिया’ में बच्चों के साथ कंचे खेलने वाले मासूम कल्लू को कौन भूल सकता है.
जनता ने अमिताभ बच्चन को इतना ज्यादा पसंद किया कि बहुत सी फिल्मों में उन के डबल रोल देखने को मिलते थे. हिंदी फिल्म ‘महान’ में तो उन्होंने ट्रिपल रोल निभा दिया था
लाजवाब अदाकारी का ही असर था कि उन्होंने इस सदी का महानायक होने का खिताब हासिल किया. वे ऋषि कपूर और मिथुन चक्रवर्ती की तरह डांसिंग स्टार तो नहीं कहलाए पर उन के किए गए डांस स्टैप्स को आने वाली पीढ़ी ने अपनी फिल्मों में खूब अपनाया. लड़कों के साथसाथ लड़कियां भी उन की तरह एक हाथ उठा कर ठुमके लगाती देखी जा सकती थीं. हीरोइन रेखा के लटकेझटके तो अमिताभ की पूरी नकल लगते थे.
जवानी तो जवानी अमिताभ बच्चन ने बुढ़ापे में भी गजब ढाया. उन की फिल्म ‘सूर्यवंशम’ भले ही बड़े परदे पर कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी थी पर इस बात में कोई शक नहीं कि टेलीविजन पर वह बहुत ज्यादा बार दिखाई जाने वाली फिल्मों में शुमार हो चुकी है.
न जाने कितनी ही फिल्मों में अपनी मर्दाना आवाज और लाजवाब ऐक्टिंग से देशविदेश के करोड़ों लोगों का दिल जीतने वाले अमिताभ बच्चन उम्र के इस ढलते पड़ाव पर भी थक कर नहीं बैठे हैं. इस साल की सब से बड़े बजट की फिल्म ‘ठग्स औफ़ हिंदोस्तान’ में भी उन की अदाकारी और लड़ाई के सीन ने लोगों को निराश नहीं किया. टेलीविजन पर जब वे ‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो की एंकरिंग करते हैं तो अपनी दिलकश आवाज और भाषाई ज्ञान से बड़े और बच्चों को लुभा जाते हैं.
अबराम ने अमिताभ बच्चन को अपना दादा समझ कर कोई गलती नहीं की है एक महान इन्सान के रूप में उन जैसा दादा तो कोई भी बच्चा चाहेगा.