शक एक ऐसी लाइलाज बीमारी होती है जिसका कोई इलाज नहीं, अगर एक बार यह किसी को खास कर पतिपत्नी में से किसी को अपनी चपेट में ले ले तो  वह इंसान को हैवान बना सकती है. हाल ही में कुछ ऐसी ही घटना हैदराबाद में देखने को मिली जहां अवैध संबंधों के शक पर एक महिला ने अपने पति को ऐसी सजा दी जिसका दर्द शायद वह अपनी जिन्दगी में कभी नही भुला पाएगा. आप यह जानकर दंग रह जाएंगे की ३० साल की इस आरोपी महिला ने पति से विवाद होने पर चाकू से उसका प्राइवेट पार्ट काटने की कोशिश की जिसके चलते उसके पति को काफी गंभीर चोटें आर्इं.

ऐसा ही एक अन्य मामला दिल्ली के निहाल विहार इलाके में भी सामने आया जहाँ  पति ने ही अपनी पत्नी का मर्डर कर दिया. पकड़े जाने पर पति ने सारी बातें पुलिस के सामने खोल दीं. उसने साफ किया कि उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर उसे शक था.आपको जानकार हैरानी होगी कि दोनों ने लव मैरिज की थी, लेकिन पति को लगता था कि उसकी पत्नी की दोस्ती कई लड़कों से है. इस बात को लेकर अक्सर दोनों में झगड़ा होता था.

टूटते परिवार बिखरते रिश्ते

शक न जाने कितने हँसते खेलते परिवारों को तबाह कर देता है. दांपत्य जीवन जो विश्वास की बुनियाद पर टिका होता है. उसमे शक की आहट जहर घोल देती है हाल के दिनों में अवैध संबंधों के शक में लाइफ पार्टनर पर हमले और हत्या करने की घटनाएं बढ़ रही हैं. मनोवैज्ञानिक इसके पीछे संयुक्त परिवारों के बिखरने को एक बड़ा कारण मानते हैं.

दरअसल, संयुक्त परिवारों में जब पति पत्नी के बीच कोई भी मन मुटाव होता था तो घर के बड़े उसे आपसी बातचीत से सुलझा देते थे, या बड़ों की उपस्थिति में पतिपत्नी का झगडा बड़ा रूप नहीं ले पाता था जबकि आज की स्थिति में जहाँ पति पत्नी अकेले रहते है आपसी झगड़ों में वे एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश करते हैं वहां उनके आपसी सम्बन्धों  में शक की दीवार को हटाने वाला कोई नहीं होता. ऐसे में शक गहराने के कारण पति-पत्नी के रिश्ते दम तोड़ने लगते हैं वर्तमान लाइफस्टाइल जहाँ जहाँ पति पत्नी दोनों कामकाजी हैं और दिन के आधे  से ज्यादा समय वे घर से बाहर रहते हैं घर से बाहर  उनका विपरीत  सेक्स के साथ उठाना बैठना होता है. ज्यादा समय साथ रहने से उनके बीच आकर्षण जन्म लेता है और ऐसे में वे बाहरी सम्बन्ध दोनों के बीच शक का आधार बनते हैं. ऐसे में पति पत्नी दोनों को एक दूसरे पर विश्वास रखना  होगा और सामने वाले को उस विश्वास को कायम रखना होगा.

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