केरल के खेल मंत्री ई. पी. जयाराजन और उनके पार्टी सहयोगियों के साथ विवाद में घिरी पूर्व महिला ओलम्पिक खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज ने केरल खेल परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.
अंजू ने परिषद की बैठक के बाद कहा, “तकरीबन छह महीने पहले मुझे केरल की पूर्व सरकार ने नियुक्त किया था. हमने जब परिषद में अतीत में हुए भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और शोषण को लेकर ऐसे आचरण आयोग को बनाने का फैसला किया जो इन सब मामलों की जांच कर अपना फैसला सुनाएगा, तभी से हालात बदल गए.”
जयाराजन के खेल मंत्री का पद संभालने के मौके पर अंजू उनसे मिलने गईं तो मंत्री ने उनसे कहा कि उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है.
अंजू ने कहा, “वाम मोर्चा सरकार (2006-11) के दौरान लाई गई खेल लॉट्री केरल के खेल इतिहास की सबसे बड़ी गड़बड़ी है. परिषद के तहत खेलों के आधारभूत ढांचे के विकास में जो काम किए गए उसमें पूरी तरह से भ्रष्टाचार किया गया. सच को सामने आने देना चाहिए.”
अंजू ने कहा कि एक राजस्व अधिकारी होने और काफी जगह घूमने के कारण वह परिषद की फाइल देख कर हैरान थीं. राज्य के लोगों को पता होना चाहिए की परिषद में क्या हो रहा है.
अंजू ने कहा, “खेल को मारा जा सकता है लेकिन खेल शख्सियतों को नहीं. केरल में खेलों के पितामह माने जाते हैं कर्नल जी.वी.राजा और उन्हें परिषद से आंसू बहाते हुए जाना पड़ा था. हमें नहीं लगता कि पद पर बने रहना चाहिए. इसलिए मैं और परिषद के 12 अन्य अधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं.”
अंजू ने कहा कि उनके भाई अजित मारकोसे एक कुशल कोच हैं और उन पर जो भी आरोप लगाए गए, वह गलत हैं. अजित पर आरोप है कि कोच बनने के लिए उन्हें परिषद का समर्थन मिला था.
अंजू ने कहा, “भारतीय एथलेटिक महासंघ ने भी कहा था कि अजित एक योग्य कोच हैं. मैं यह साफ कर देना चाहती हूं कि उनकी नियुक्ति परिषद द्वारा नहीं की गई थी, बल्कि पिछली सरकार ने उन्हें नियुक्त किया था. हालांकि आरोपों के चलते उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया है.”
केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि नई सरकार का देश की जानी मानी खिलाड़ी को परेशान करना और अपने पद से इस्तीफा देने पर मजबूर करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.