सरकार दावा करती रही है कि सोलर पावर की कीमत 5 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच जाएगी, पिछले दिनों कीमत इस स्तर पर पहुंच भी गई थी, लेकिन देश के कॉरपोरेट हाउस इस राह में बाधा बन गए हैं. पिछले सप्ताह हुए सोलर प्रोजेक्ट के टेंडर में कंपनियों ने 6 रुपए से अधिक कोट किया है. अधिकतम रेट 7 रुपए 35 पैसे कोट किया गया. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कॉरपोरेट हाउस ने देश के सोलर प्रोजेक्ट्स के प्रति तेजी से रुचि दिखाई है. वहीं, इंटरनेशनल कंपनियों ने अपनी रुचि सीमित कर दी है.
किन प्रोजेक्ट्स के लिए हुआ टेंडर
पिछले सप्ताह सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने कर्नाटक और छतीसगढ़ में 1050 मेगावाट के प्रोजेक्ट्स के टेंडर हुए हैं. ये प्रोजेक्ट्स वायबल्टिी गैप फंडिंग स्कीम के तहत लगाए जाने हैं. ये प्रोजेक्ट्स सोलर पार्क से बाहर लगाए जाएंगे. कर्नाटक में 350 मेगावाट, 200 मेगावाट, 100 मेगावाट, 160 मेगावाट और 30 मेगावाट के अलग अलग प्रोजेक्ट्स लगाए जाएंगे, जबकि छतीसगढ़ में 100 मेगावाट के एक प्रोजेक्ट के लिए टेंडर हुआ.
किन कंपनियों ने लिए टेंडर
इंडियन रिन्यूएबल मार्केट की कंसलटेंसी फर्म ब्रिज-टू-इंडिया की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये टेंडर सभी इंडियन कंपनियों ने जीते हैं. इसमें सबसे अव्वल अदानी रही. अदानी ने कर्नाटक के 350 मेगावाट के सबसे बड़े प्रोजेक्ट के अलावा छतीसगढ़ के 100 मेगावाट के एकमात्र प्रोजेक्ट को जीत लिया. इसके अलावा एमरगोन ने 100 मेगावाट, एक्मे सोलर ने 160 मेगावाट, सोलर एराइज ने 30 मेगावाट के प्रोजेक्ट जीते.
किस प्राइस पर जीते टेंडर
ब्रिज टू इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के प्रोजेक्ट्स के लिए कंपनियों ने 6 रुपए 80 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 7 रुपए प्रति यूनिट तक कोट किया, जबकि छतीसगढ़ के लिए 5 रुपए 90 पैसे प्रति यूनिट का रेट कोट करके अदानी ने टेंडर जीता.
तो क्या सस्ती सोलर पावर का दौर खत्म
देश में सोलर सेक्टर के नॉलेज सर्विस प्रोवाइडर के रूप में जानी जाने वाली फर्म ब्रिज टू इंडिया का कहना है कि इंटरनेशनल डेवलपर्स ने एनटीपीसी के प्रोजेक्ट्स में ज्यादा रुचि दिखाई है, जबकि इंडियन डेवलपर्स राज्य सरकारों और एसईसीआई के प्रोजेक्ट्स के टेंडर में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं. ऐसे में, एनटीपीसी 3000 मेगावाट के अपने टारगेट के नजदीक पहुंच गई है, जबकि राज्यों और एसईसीआई के प्रोजेक्ट्स अभी और आने हैं. ऐसे में इंटरनेशनल डेवलपर्स चुप रहते हैं तो इंडियन बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी, जिनके लिए 5 रुपए प्रति यूनिट के आसपास रेट कोट करना व्यवहारिक नहीं है.
कैसे हुई थी कीमतें कम
पिछले साल दिसंबर में राजस्थान में 70 मेगावाट क्षमता के एक सोलर प्लांट के लिए 4.34 रुपए प्रति यूनिट का रेट कोट किया गया था, जबकि इसी प्रोजेक्ट के दूसरे प्लांटों के लिए 4.35 रुपए और 4.36 रुपए कोट किया गया. इससे पहले नवंबर में आंध्रप्रदेश के एक प्रोजेक्ट के लिए 4.63 रुपए का रेट कोट किया गया था. हालांकि इन प्रोजेक्ट्स को हासिल करने वाली एक को छोड़कर शेष सभी कंपनियां विदेशी थी. हालांकि इन प्रोजेक्ट्स को हासिल करने वाली एक को छोड़कर शेष सभी कंपनियां विदेशी थी. तब सरकार ने दावा किया था कि सोलर पावर की कीमतें 5 रुपए प्रति यूनिट के आसपास फिक्स हो जाएंगी.