फिल्म इंडस्ट्री में ‘सीरियल किसर’ के तौर पर मशहूर हीरो इमरान हाशमी ने अपने कैरियर की शुरुआत फिल्म ‘फुटपाथ’ से की थी. यह फिल्म नाकाम रही थी, पर इस के म्यूजिक की तारीफ हुई थी. साल 2004 में इमरान हाशमी की फिल्म ‘मर्डर’ ने उन्हें सितारों की ऊंचाई तक पहुंचा दिया था. इस के बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. हाल ही में इमरान हाशमी की फिल्म ‘अजहर’ बड़े परदे पर आई. इस फिल्म में उन्होंने क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन का किरदार निभाया. पेश हैं, इमरान हाशमी से हुई बातचीत के खास अंश:
फिल्म ‘अजहर’ को करना आप के लिए कितना मुश्किल था?
इस फिल्म में क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन की जिंदगी को ड्रामे के तौर पर दिखाया गया है. इस में वे घटनाएं ली गई हैं, जो मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ साल 2000 में हुई थीं. उन पर ‘मैच फिक्सिंग’ का आरोप कैसे लगा, उन्होंने पैसा लिया था या नहीं, कोर्ट का उन को ‘क्लीन चिट’ देना और उस दौरान उन की निजी जिंदगी पर क्या गुजरी थी को दिखाने की कोशिश की गई है. मेरे लिए यह फिल्म आसान नहीं थी, क्योंकि बहुत से लोग मोहम्मद अजहरुद्दीन के ‘फैन’ हैं. ऐसे में मैं अगर कुछ भी गलत करूंगा, तो लोग फिल्म को नकार देंगे. उन का किरदार निभाना मुश्किल था. वे कैसे चलते हैं, कैसे बातें करते हैं, सभी बातों को परदे पर उतारा. मैं मोहम्मद अजहरुद्दीन से भी कई बार मिला था. उन्होंने बहुत सहयोग दिया. मैं ने उन के साथ 3 महीने तक क्रिकेट की ट्रेनिंग भी ली.
आप अजहर के कितने बड़े फैन हैं?
मैं अजहर का जबरदस्त फैन हूं. साल 2004 में जब उन की आलोचनाएं हुईं, तो मुझे भी अजीब लगा था. लेकिन कानून पर भरोसा था. लोगों ने कहा कि उन्होंने पैसा लिया, खेल को नुकसान पहुंचाया, लेकिन मुझे उन पर पूरा भरोसा था. जब मैं ने इस फिल्म को किया, तो मेरे मन में भी बहुत सारे सवाल थे, जिन के जवाब अब मुझे मिल गए हैं.
आप का चेहरा अजहरुद्दीन से एकदम मेल नहीं खाता. ऐसे में क्या मुश्किलें आईं?
पहले मोहम्मद अजहरुद्दीन के चेहरे को बनाने के लिए फेसियल मास्क सोचा गया था, लेकिन हैदराबाद की आबोहवा में वह गल जाता है. ऐसे में ट्रैडिशनल मेकअप का इस्तेमाल किया गया. इस में यंग लुक के लिए हेयर, कपड़े, उन की छोटीछोटी चीजों पर ज्यादा ध्यान दिया गया.
आप को फिल्म इंडस्ट्री में ‘सीरियल किसर’ कहा जाता है. आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगे?
अब मैं इस इमेज से बाहर निकल चुका हूं. लेकिन लोग नहीं निकले हैं. मैं इस इमेज से भागता नहीं, लेकिन फिल्म में अगर ऐसे सीन हैं, तो उन्हें करना पड़ता है. मैं किसी भी सीन को कहानी के हिसाब से देखता हूं.
क्या आप को अजहरुद्दीन की पहली पत्नी नौरीन और दूसरी पत्नी संगीता बिजलानी से मिलने का मौका मिला?
इस फिल्म में अजहरुद्दीन की पर्सनल लाइफ को ही ज्यादा दिखाया गया है, क्योंकि खेल को तो लोगों ने काफी देखा है. पर उन के पत्नी के साथ बिताए पल, कैसे शादी हुई, कैसे अलग हुए, फिर संगीता बिजलानी से कैसे मिले, यह सब से ज्यादा रोचक है. हां, मैं नौरीन और संगीता दोनों से मिला हूं. दोनों ने मुझे इस किरदार को समझने में मदद की.