नैटसर्फिंग आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. बैडरूम तक इंटरनैट अपनी पैठ बना चुका है. इंटरनैट की दुनिया से आज कोई भी अनजान नहीं है, चाहे वह स्टूडैंट हो, किसान हो, गृहिणी हो या फिर रिकशा चालक. विभिन्न देशीविदेशी कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने इंटरनैट बाजार के लिए भारत में एक बड़ा प्लेटफौर्म तैयार किया है. यह सुविधा आज सहज ही सब के लिए उपलब्ध है. एक सर्वे के अनुसार 18 से 30 वर्ष की उम्र के 60% से भी ज्यादा युवा अपने कीमती 3-4 घंटे इंटरनैट सर्फिंग, चैटिंग, व्हाट्सऐप, यूट्यूब इंस्टाग्राम, गूगल और अन्य इंटरनैट से जुड़ी साइट्स पर बिताते हैं, जिस में ज्यादातर समय विभिन्न एजेंसियों से जुड़े औनलाइन विज्ञापनों को देखने में बीतता है. हैरानी की बात है कि हम इन की लगातार अनदेखी करते हैं.

नैटसर्फिंग के दौरान कंप्यूटर स्क्रीन के किसी कोने में, पौपअप बौक्स के साथ दिखने वाले ये विज्ञापन किसी हद तक आप को परेशान कर सकते हैं. सवाल यह है कि हम सभी इसे फुजूल की सिरदर्दी समझते तो हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में कभी भी इस से छुटकारा पाने की तरकीब नहीं सोचते. ऐसे लाखों नैटसर्फर हैं जो इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं और मुसीबत भी इतनी बड़ी कि अगर एक बार स्क्रीन पर दिखने वाले किसी विज्ञापन को क्लिक कर दिया तो फिर परेशानियां शुरू. ये नैटऐड लगातार आप का पीछा करते रहते हैं जब तक कि आप खीज कर अपना सिस्टम शट डाउन न कर दें.

क्या है नैटऐड

‘सेवनैट ऐड’ यह एक ऐसा ट्रर्म है जिसे जानना हमारे लिए बेहद जरूरी है. गूगल क्रोम या फिर इंटरनैट ऐक्सप्लोरर और मोजिला फायरफौक्स खोलते ही हमारे ब्राउजर में जो विज्ञापन दिखाई देते हैं उन्हें सेवनैट ऐड कहते हैं. यही सेवनैट ऐक्सटैंशन हमारे ब्राउजर में ढेर सारे अनवांटेड ऐड्स के लिए जिम्मेदार हैं. ये ब्राउजर ऐक्सटैंशन किसी विशेष वैबसाइट के जरिए विज्ञापन को प्रमोट करने के लिए पौपअप का प्रयोग करते हैं. इन विज्ञापनों के जरिए मोटी कमाई के लिए वैबट्रैफिक के इस्तेमाल से सेवनैट ऐड को एक टूल के रूप में प्रयोग किया जाता है. सेवनैट जैसे हजारों ब्राउजर ऐक्सटैंशन हैं, जो लगातार विज्ञापनों के माध्यम से न केवल आप की जेब ढीली करते रहते हैं बल्कि आप को मानसिक परेशानियां भी देते हैं. ऐसे ब्राउजर डैवलप ही सिर्फ इसलिए किए जाते हैं कि उन के जरिए विज्ञापन प्रचारितप्रसारित कर पैसे बनाए जाएं. इन का उद्देश्य सिर्फ यही नहीं बल्कि ऐसे अनवांटेड ब्राउजर ऐक्सटैंशन आप के ब्राउजिंग बिहेवियर की न केवल पड़ताल करते हैं बल्कि आप के इंटरनैट इस्तेमाल करने के घंटों, साइट्स की चौइस, आप के द्वारा मोस्ट सर्फिंग वैबसाइट्स आदि की चुपके से जासूसी भी करते हैं, मतलब विज्ञापन के बहाने आप की सर्फिंग हैबिट पर चोरीछिपे निगरानी भी रखते हैं.

कहां होती है चूक

अपनी इंटरनैट हैबिट के चलते कई बार हम बिना सोचेसमझे जिज्ञासावश ऐसे कई पौपअप बौक्स को क्लिक कर देते हैं जो बाद में परेशानी का सबब बनते हैं. दरअसल, ब्राउजर पर हमें अंडरलाइन कीवर्ड दिखते हैं जिन में पौपअप विज्ञापन और अन्य अनचाहे विज्ञापन जुड़े होते हैं. ये पौपअप विभिन्न बड़ी कंपनियों के ब्रैंड, औफर, डील्स और कूपन आदि से ले कर जावा और फ्लैश प्लेयर तक औफर करते हैं. दरअसल, जैसे ही आप इन पौपअप्स पर एक बार क्लिक करते हैं, आप को अपने सिस्टम पर मीडिया प्लेयर, जावा फ्लैश प्लेयर आदि अपडेट करने के औप्शन दिए जाते हैं और आप उन्हें जानने और देखने के चक्कर में बस, उसे फौलो करते जाते हैं. सारी समस्या यहीं से शुरू होती है.

करें ऐडब्लौक ऐक्सटैंशन का प्रयोग

लगभग सभी बड़े ब्राउजर्स के लिए ऐड ब्लौक करने वाला ऐक्सटैंशन उपलब्ध है. इन ऐक्सटैंशन के माध्यम से हम वैबसाइट पर दिखाए जाने वाले ऐड को न केवल डिटैक्ट कर सकते हैं बल्कि उन्हें रिमूव भी कर सकते हैं. हालांकि विज्ञापनों को रिमूव करते वक्त आप को वैबसाइट देखने में कुछ परेशानी आ सकती है पर आप फिक्र न करें. उन्हें रिमूव जरूर करें. पर शर्त यह है कि आप के पास इन विज्ञापनों को ब्लौक करने वाला ऐक्सटैंशन कोड मौजूद हो. यहां कुछ लोकप्रिय ऐडब्लौक ऐक्सटैंशन दिए जा रहे हैं, जिन का उपयोग कर आप इन समस्याओं से बच सकते हैं :

–       इंटरनैट ऐक्सप्लोरर-ऐडब्लौक प्लस.

–       क्रोमियम (गूगल क्रोम)-ऐडब्लौक, ऐडब्लौक प्लस, यूबीब्लौक.

–       आइसकैट (फायरफौक्स), गूजिला (सीमौंकी)- ऐडब्लौक प्लस, ऐडब्लौक एज.

–       सफारी-ऐडब्लौक, यू ब्लौक.

कंप्यूटर इस्तेमाल करते समय हमें हमेशा औनलाइन ऐक्टिविटीज पर ध्यान देना चाहिए, साथ ही जब कुछ इंस्टौल कर रहे हों तो और भी अलर्ट रहने की जरूरत है. हमेशा औफिशियल वैबसाइट से ही डाउनलोड करने की आदत डालें. कोशिश यह करें कि इंस्टौलेशन के समय ऐडवांस और कस्टमाइजेशन बटन ही हमारी पहली प्राथमिकता हो, तभी हम नैट वायरस से अपने सिस्टम को बचा पाएंगे और बिना ऐड वैबसाइट विजिटिंग का भी लुफ्त उठा पाएंगे.         

इन स्टैप्स को फौलो करें :

–       कभी भूल कर भी ब्राउजर पर दिखने वाले पौपअप्स को क्लिक न करें.

–       अपने कंप्यूटर पर किसी भी सौफ्टवेयर को इंस्टौल करने से पहले ऐंड यूजर लाइसैंस एग्रीमैंट को एक बार जरूर पढ़ें.

–       इंस्टौलेशन के दौरान कभी भी जल्दबाजी न दिखाएं, मतलब नैक्स्ट बटन पर जल्दी क्लिक न करें. इस से अनवांटेड ब्राउजर भी इस्तेमाल होने के चांस रहते हैं.

–       यदि इंस्टौलर आप को कोई ऐडवांस या कस्टम औप्शन बटन औफर करता है, तो उसे क्लिक कर के पता करें कि इंस्टौलेशन की प्रक्रिया के दौरान कोई अन्य फालतू या अनचाहा सौफ्टवेयर तो इंस्टौल नहीं हो गया.

–       बहुत सी साइट्स सिर्फ विज्ञापनों से होने वाली आमदनी के लिए ही औनलाइन रहती हैं. यदि आप अकसर किसी को विजिट करते हैं तो उसे  ऐडब्लौकर व्हाइट लिस्ट में शामिल करें. इस से आप के उस साइट पर विजिट करने के बावजूद, उस की आमदनी रुक जाएगी. ऐडब्लौकर वैबसाइट से एक साधारण क्लिक के जरिए ऐडब्लौकर को डाउनलोड किया जा सकता है.

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