धारावाहिक ‘‘करमचंद’’ में पंकज कपूर के साथ किटी का किरदार निभाकर शोहरत बटोरने वाली अदाकारा सुष्मिता मुखर्जी के अभिनय करियर को 33 साल पूरे हो चुके हैं, मगर लोग उन्हे आज भी ‘किटी’ के नाम से ही पहचानते हैं. किटी यानी कि सुष्मिता मुखर्जी का अपना एक दर्शक वर्ग है. दर्शकों ने सुष्मिता मुखर्जी को निगेटिव व पॉजीटिव हर तरह के किरदारों में हमेशा पसंद किया, मगर कुछ माह पहले प्रदर्शित दो असफल एडल्ट फिल्मों ‘मस्तीजादे’ और ‘क्या सुपर कूल हैं हम 3’ में सुष्मिता मुखर्जी को अभिनय करते देख लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ. तमाम लोगों की राय रही कि कम से कम उन्हें सुष्मिता मुखर्जी से इस तरह के किरदार निभाने और इस तरह की फिल्मों का हिस्सा होने की उम्मीद नहीं थी.
हाल ही में फिल्म ‘‘दिल तो दीवाना है’’ के संगीत रिलीज समारोह के अवसर पर सुष्मिता मुखर्जी से जब हमारी एक्सक्लूसिव बातचीत हुई, तो हमने उनसे बिना किसी लाग लपेट के सीधा सवाल किया-‘‘पिछले दिनों आप दो एडल्ट कॉमेडी वाली फिल्मों ‘क्या सुपर कूल हैं हम’ और ‘मस्तीजादे’में नजर आयीं? क्या इन फिल्मों में अभिनय करना आपका सही कदम रहा?’’
हमारे सवाल को सुनकर उनके चेहरे पर दर्द के भाव उभरे और उन्होने दुबारा इस तरह की फिल्मों का हिस्सा न बनने का वादा करते हुए कहा-‘‘मुझे खुद समझ में नहीं आया कि मैने यह फिल्में कैसे कर ली. मुझे खुद नहीं पता था कि यह इस तरह की फिल्में होंगी. वास्तव में जब मिलाप झवेरी ने मुझे फिल्म ‘मस्तीजादे’ का आफर दिया था, तो मुझे बताया था कि यह एक सेक्स एडिक्ट औरत का किरदार है, मुझे लगा कि यह कोई मेरिल स्ट्रिप वाला किरदार होगा. जो कि अब तक हिंदी सिनेमा में दिखाते नहीं हैं. इस औरत के सेक्स एडिक्ट होने की कोई वजह होगी.
विदेशी फिल्मों में हमारी उम्र की औरतें इस तरह के काफी रोचक किरदारों में नजर आती हैं. तो मुझे इस किरदार को निभाने का लालच हुआ. मिलाप झवेरी ने मुझे स्क्रिप्ट भी नहीं दी थी. उनका कहना था कि मुझे उन पर यकीन करना चाहिए. मैने भी उनकी बात पर भरोसा कर लिया. शूटिंग के लिए हम लोग बैंकाक गए थे. जब हम वहां पहुंच गए, तो मुझे नहीं लगा कि अब मैं निर्देशक पर चिल्लाउं, उनसे झगड़ा करुं. ‘क्या सुपर कूल हैं हम’ और ‘मस्तीजादे’ दोनों के लेखक मिलाप झवेरी ही थे. उनके कहने पर ही मैंने यह दोनों फिल्में साइन की थीं. फिर मुझे लगा कि कलाकार को हर तरह के किरदार निभाने का स्वाद चखना चाहिए. पर मुझे नहीं पता था कि यह दोनो ही फिल्में इतनी वाहियात निकलेंगी. दूसरी बात यह दोनों ही फिल्में मेरे संस्कार के खिलाफ हैं. पर मैने निर्णय कर लिया है, कि चाहे जो हो जाए, अब इसके बाद इस तरह की फिल्में नहीं करुंगी.’’