गरमी के मौसम में स्किन काफी नाजुक और संवेदनशील हो जाती है. इस मौसम में स्किन के धूप के संपर्क में रहने से स्किन संबंधी कई समस्याएं होने लगती हैं. ऐसे में उस के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही आप की सुंदरता को बिगाड़ सकती है. गरमी में स्किन प्रौब्लम्स से बचने के उपाय बता रही हैं यावाना ऐस्थैटिक क्लीनिक की कंसल्टैंट डर्मैटोलौजिस्ट डा. माधुरी अग्रवाल और सोहम वैलनैस क्लीनिक की ब्यूटी ऐक्सपर्ट दिव्या ओहरी:

सनबर्न

सनबर्न सूर्य की हानिकारक किरणों के अत्यधिक संपर्क में आने के कारण स्किन पर होने वाली प्रतिक्रिया है. इस के लगातार संपर्क में आने से स्किन रूखी, बेजान और झुर्रियों वाली हो जाती है. गंभीर रूप से सनबर्न होने पर स्किन में छाले भी पड़ जाते हैं. कभीकभी स्किन छिल भी जाती है.

सनबर्न के लिए घरेलू उपाय

– सनबर्न का प्राथमिक उपचार घर से शुरू किया जा सकता है. इस के लिए ठंडे पानी से नहाना या दिन में बारबार सनबर्न से प्रभावित पार्ट पर ठंडी गीली पट्टियां लगाना जलन और दर्द को कम करने में काफी सहायक होता है.

– सनबर्न के कारण स्किन पर काले चकत्ते हो गए हैं, तो प्रभावी हिस्से पर बर्फ रगड़ने से निशान काफी हद तक कम हो जाते हैं.

– आलू दर्दनिवारक का काम करता है. यह त्वचा पर हलकी जलन, खरोंच, घाव, जलने वाली जगह पर लगने से आराम देता है. आलू को काट कर सनबर्न वाली जगह लगाने से काफी आराम मिलता है. आप चाहें तो आलू का छिलका उतार कर पेस्ट बना कर रुई से लगा सकती हैं.

– पुदीने की पत्तियों का रस निकाल कर झुलसी त्वचा पर नियमित लगाने से आराम मिलता है. इस के अलावा 1 चम्मच उरद दाल को दही के साथ पीस कर झुलसी त्वचा पर लगाने से भी राहत मिलती है.

चिकित्सीय उपचार

 विटामिन ई एक तरह का ऐंटीऔक्सिडैंट होता है, जो संक्रमण को कम करता है. सनबर्न की वजह से आप सप्लिमैंट के रूप में विटामिन ई ले सकती हैं. आप चाहें तो विटामिन ई युक्त भोजन का भी सेवन कर सकती हैं.

– स्किन पर किसी तरह के साबुन का इस्तेमाल न करें. उसे साफ करने के लिए ऐसे फेसवाश और लोशन का इस्तेमाल करें, जिस में टी ट्री तत्त्व हों. स्किन को ठंडा रखने के लिए कैलिमाइन लोशन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

– अगर सनबर्न ज्यादा होता है, तो डर्मैटोलौजिस्ट पहले ऐंटीऐलर्जी दवा देते हैं ताकि जलन व सूजन को कम किया जा सके. बर्न खत्म होने के बाद हाइड्राफेशियल से स्किन को औक्सीजन प्रदान की जाती है.

प्रिकली हीट को करें ट्रीट

गरमी के मौसम में पसीना आना स्वाभाविक है. जब पसीना चेहरे पर जमा होता है तो उस से स्किन डल तो लगती ही है, साथ ही पसीने 5के कारण छोटेछोटे दाने भी निकलने लगते हैं, जिस से स्किन में इरिटेशन होने लगती है.

प्रिकली हीट के लिए घरेलू उपाय

– प्रिकली हीट के लिए बेकिंग सोडा सब से अच्छा रहता है. 1 चम्मच बेकिंग सोडा को ठंडे पानी में मिलाएं. फिर उस में साफ कपड़ा डुबो कर प्रभावित पार्ट पर 5-10 मिनट रखा रखें. यह प्रिकली हीट के कारण हो रही खुजली और सूजन को कम करने में मदद करता है.

– प्रिकली हीट पर ठंडा पानी जल्दी असर करता है. एक कपडे़ में कुछ बर्फ के टुकड़े रख कर प्रभावित जगह पर रखें. ऐसा हर 5-6 घंटे के अंतराल में करें. ऐसा करना चकत्तों को फैलने से रोकता है और दर्द से भी आराम देता है.

– चंदन में शरीर के तापमान को कम करने की क्षमता होती है और यह तेजी से काम करता है. चंदन पाउडर और गुलाबजल बराबर मात्रा में मिलाएं और फिर प्रभावित जगह पर लगा कर सूखने दें. सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. दिन में ऐसा 2 बार करें. काफी आराम मिलेगा. प्रिकली हीट के समय कोटन के कपड़े पहनें और डीहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी का सेवन करें.

चिकित्सीय उपचार

– प्रिकली हीट के लिए हाइड्रोफेशियल ट्रीटमैंट किया जाता है. यह 3-4 स्टैप में होता है. पहले स्किन टाइटनिंग की जाती है. उस के बाद टौक्सिन रिमूवल, फिर औक्सीजनाइजेशन और अंत में विटामिन सी इंफ्यूज किया जाता है.

रोसेसिया

रोसेसिया एक बहुत ही सामान्य स्किन समस्या है, जो आमतौर पर 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में होती है. इस में नाक, गाल व चिन पर लाल चकत्ते हो जाते हैं और स्किन ड्राई हो जाती है.

रोसेसिया के लिए घरेलू उपाय

– रोसेसिया को प्राकृतिक तरीके से कम किया जा सकता है. इस के लिए 2 कप ग्रीन टी बना कर ठंडा होने के लिए फ्रिज में आधे घंटे के लिए रख दें. फिर फ्रिज से निकाल कर इस में साफ मुलायम कपड़े को गीला कर के प्रभावित स्थान पर कुछ देर रखें. काफी आराम मिलता है.

– रोसेसिया के लिए ऐप्पल मास्क भी एक प्राकृतिक उपाय है. इस के लिए ऐप्पल का छिलका उतार कर उस का पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को फेस पर लगा कर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें. इस के बाद ठंडे पानी से धो लें.

चिकित्सीय उपचार

– रोसेसिया को घरेलू उपायों से ठीक करने के अलावा कैमिकल पील, ग्लाईकोलिक पील और फोटो फेशियल के द्वारा भी ठीक किया जाता है. कैमिकल पील एक ट्रीटमैंट है, जो डैड स्किन को रिमूव कर के स्किन को स्मूद करता है. इसी तरह ग्लाईकोलिक पील में स्किन की ऊपरी सतह पर जमी गंदगी को साफ किया जाता है.

ऐक्ने की प्रौब्लम

ऐक्ने तब शुरू होते हैं जब त्वचा में तैलीय ग्रंथियां अधिक सक्रिय व अनियमित ढंग से कार्य करने लगती हैं. बहुत अधिक तैलीय ग्रंथियों के रिसाव के कारण त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं, जिस के परिणामस्वरूप ब्लैकहैड्स और ऐक्ने की समस्या उत्पन्न होती है.

घरेलू उपाय

– ऐक्ने के लिए खीरे का फेसमास्क उपयोगी रहता है. खीरा और ओटमील को मिला कर पेस्ट तैयार कर लें. फिर इस पेस्ट में 1 चम्मच दही मिक्स कर के मुंहासों पर लगाएं. सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. यह फेसमास्क स्किन को रिजूवनेट करता है और ऐक्ने को कम करता है.

– ऐक्ने के लिए हलदी भी बहुत कारगर है. 2 चम्मच बेसन में थोड़ी सी हलदी, चंदन और बादाम का तेल मिला कर चेहरे पर लगाएं. 10-15 मिनट के बाद हलकाहलका रब कर के हटाएं. फिर ठंडे पानी से चेहरे को धो लें.

– शहद भी ऐक्ने पर जल्दी असर दिखाता है. शहद में नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाएं. सूखने के बाद कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें.

चिकित्सीय उपचार

– ऐक्नों के लिए कुछ खाने की दवा भी दी जाती है. आजकल अलगअलग स्किन प्रौडक्ट्स के इस्तेमाल से भी ऐक्नों को ठीक किया जा रहा है जैसे खास ऐक्ने फेसवाश, ऐक्ने बेबी क्रीम, ऐक्ने स्पौट कंसीलर. ऐक्नों के लिए ऐक्ने पील, कैमिकल पील और लेजर लाइट ट्रीटमैंट का इस्तेमाल भी किया जाता है, इन ट्रीटमैंट्स से ऐक्नों को आसानी से खत्म किया जा सकता है. सैलिसिलिक ऐसिड भी चेहरे की स्किन के लिए बहुत ही फायदेमंद है इसलिए सैलिसिलिक ऐसिड से बने फेसवाश और क्रीम का इस्तेमाल करें.

बौडी ओडोर

हमारे शरीर से 2 तरह का पसीना निकलता है- पहला, ऐक्राइन जो साफ और बिना दुर्गंध का होता है तथा यह पूरे शरीर से निकलता है व शरीर के तापमान को बनाए रखता है और दूसरा, ऐपोक्राइन. यह एक मोटा पदार्थ होता है जो कमर और कांख में ग्रंथियों के द्वारा निर्मित होता है. ऐपोक्राइन भी बिना दुर्गंध का होता है. लेकिन जब बैक्टीरिया का प्रभाव पड़ता है तब यह दुर्गंध देता है.

अगर गरमी में पसीने की वजह से आप के शरीर से भी दुर्गंध आती है तो आजमाएं ये उपाय:

– नीबू बैक्टीरिया को मारता है. एक ताजे नीबू को 2 भागों में काट कर अंडरआर्म्स पर रगड़ें. थोड़ी देर के लिए नीबू का रस लगा रहने दें, फिर ठंडे पानी से धो लें.

– यदि आप घर पर हैं और आप के पास कोई डियोड्रैंट नहीं है तो 1 कप पानी में थोड़ा सा हाईड्रोजन पैराक्साइड मिलाएं. फिर इस पानी में एक साफ कपड़े को गीला कर के कांख पर रगडि़ए. ऐसा करने से पसीने की दुर्गंध कम होती है.

चिकित्सीय उपाय

डियोड्रैंट और ऐंटीपर्सपिरैंट कुछ चिकित्सीय उपचार हैं, जो बौडी ओडोर को कम करते हैं. ऐंटीपर्सपिरैंट में ऐल्यूमिनियम क्लोराइड होता है, जो शरीर के द्वारा उत्पन्न पसीने को कम करता है. बोटोक्स ट्रीटमैंट के द्वारा भी पसीने को कम किया जाता है.

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