एकाग्रता, कड़ी मेहनत, अनुशासन, खेल के प्रति समर्पण, सीखने की जबरदस्त ललक और बेहतर करने का जज्बा तथा आक्रामक रवैया, इन सब खूबियों से लबरेज दिल्ली के 26 वर्षीय क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली आज दुनिया के महान खिलाडि़यों के समकक्ष खड़े हैं. टैस्ट मैच के हों, वनडे या टी-20 के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सभी विराट कोहली के खेल के कायल हैं. वे दिल खोल कर विराट की तारीफ करने में लगे हैं. विराट को क्रिकेट विरासत में नहीं मिला. वे ऐसे इलाके में रहते थे जहां खेल के समुचित साधन उपलब्ध नहीं थे और न ही कोई अच्छा मार्गदर्शक था. 8-10 साल के विराट के अंदर क्रिकेट का जनून पैदा हो गया. उन्होंने साधारण बल्ले और पैड से क्रिकेट की शुरुआत की. हर मांबाप की तरह उन के मातापिता भी बेटे को पढ़ाई में अव्वल देखना चाहते थे, लेकिन बाल हठ के आगे वे विवश हो गए. आखिर उन्होंने विराट को पास के ही क्रिकेट मैदान में भेजना शुरू कर दिया. दुबलेपतले विराट के क्रिकेट प्रेम पर सीनियर्स के व्यंग्य ने उन्हें इस के लिए और प्रेरित किया. मजबूत कदकाठी के लिए विराट जिम जाने लगे. यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है.

खेल कैरियर

दिल्ली के लिए अलगअलग आयुवर्ग टूरनामैंटों में खेलने के बाद विराट कोहली के कैरियर की असल शुरुआत 15 वर्ष की उम्र में पूर्व खिलाड़ी पौली उमरेकर ट्रौफी से हुई. दिल्ली राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने सब से ज्यादा 172 रन बनाए. तब से हर कोई उन की प्रतिभा का कायल हो गया. अगले सीजन में उन्हें दिल्ली की अगुआई करने का मौका मिला और उन की अगुआई में दिल्ली उपविजेता रही. विराट ने 5 मैचों में 2 शतकों के योगदान से 390 रन बनाए. अगला पड़ाव 2004 की विजय मर्चेंड ट्रौफी था, जिस में उन्होंने 470 रन का स्कोर बनाया. विराट के 251 रनों की सर्वोच्च पारी ने चयनकर्ताओं को काफी प्रभावित किया. यह प्रदर्शन विराट को इंगलैंड जाने वाली अंडर-19 भारतीय टीम के सफर पर ले गया. इस दौरे में वनडे और टैस्ट मैचों में विराट ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. इस से 19 साल के विराट के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट का रास्ता खुल गया. इस दौरान विराट के साथ एक अनहोनी हुई, लेकिन उस ने युवा विराट को विचलित नहीं किया. कर्नाटक के खिलाफ मैच के दौरान विराट को पिता की मौत की खबर मिली. तब वे बल्लेबाजी कर रहे थे. साथियों ने उन्हें फौरन घर वापसी की सलाह दी, लेकिन विराट मैदान में उतरे और 90 रन की शानदार पारी खेली और पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. विराट का कहना था कि उन के पिता इस तरह की पारी देखना चाहते थे इसलिए मैं उन्हें निराश नहीं करना चाहता था.  

अंडर-19 विश्वविजेता का सफर

विराट कोहली को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार बल्लेबाजी का तोहफा अंडर-19 विश्वकप में भाग लेने वाली भारतीय टीम की कप्तानी के रूप में मिला. मलयेशिया में आयोजित इस विश्वकप में कोहली ने 5 मैचों में 235 रन बनाए. भारत ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड और फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 50 रन से हराया.

इंटरनैशनल कैरियर

2008 की चैंपियंस ट्रौफी में 19 साल के विराट कोहली को भारतीय जर्सी पहनने का गौरव हासिल हुआ. पहले मैच में वे मात्र 12 रन पर आउट हुए. अंडर-19 विश्वकप के कुछ महीने बाद कोहली को एकदिवसीय टीम में जगह मिल गई. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में कोहली ने 54, 37, 25 और 31 रन बनाए. कोहली टीम में बतौर मध्यक्रम के बल्लेबाज चुने गए थे, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ जब सचिन तेंदुलकर चोटिल हो गए थे तब उन्हें सलामी बल्लेबाज के रूप में उतारा गया. भारत ने यह सीरीज 3-2 से जीती थी.विराट कोहली 2011 का विश्वकप जीतने वाली टीम के सदस्य थे. वनडे में हाथ आजमाने के बाद चयनकर्ताओं ने विराट को टैस्ट मैचों में खेलने का मौका दिया. वेस्टइंडीज दौरे के पहले किंगस्टन टैस्ट में विराट पहला मैच खेले. तब से ले कर विराट कोहली 41 टैस्ट मैच खेल चुके हैं. साल दर साल विराट का कद बढ़ता ही चला गया. 2012 में विराट वनडे टीम के उपकप्तान चुने गए. इस दौरान 2 बार धौनी की गैरमौजूदगी में उन्होंने टीम की कमान संभाली. वनडे में विराट कोहली का शानदार प्रदर्शन जारी है. उन के नाम सब से तेज 10 शतक और 5 हजार रन बनाने का रिकौर्ड दर्ज है. वे कलेंडर वर्ष में 2 बार 1 हजार रन बनाने का कारनामा कर चुके हैं. इस मेहनत ने विराट को 2012 में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिलाने में अहम भूमिका निभाई. 2013 में कोहली को देश के सर्वश्रेष्ठ खेल पुरस्कार ‘अर्जुन अवार्ड’ से नवाजा जा चुका है. पिछले साल धौनी द्वारा टैस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद विराट कोहली कप्तानी कर रहे हैं.        

टी-20 में जलवा बरकरार

क्रिकेट के सब से छोटे प्रारूप टी-20 में विराट का प्रदर्शन विराट रहा है. वे सब से तेज 1 हजार रन और 16 अर्द्धशतक जमाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं. विश्वकप में 2 बार प्लेयर औफ टूरनामैंट, शीर्ष रैंकिंग, स्कोर बोर्ड पर सब से ज्यादा (777) रन, मैदान पर गजब की चपलता और तेज गेंदबाजी के हुनर ने 5 फुट 9 इंच लंबे इस खिलाड़ी के कद को और ऊंचा कर दिया है. विश्वकप से पहले 7 पारियों में 50 से ज्यादा की औसत ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि दनादन क्रिकेट में इस बल्लेबाज की धूम रहेगी. 26 जनवरी को एडिलेट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 90 रन की पारी विराट का सर्वोच्च स्कोर है. इस विश्वकप में 5 मैचों में 273 रन, 1 विकेट व 89 रन की नाबाद पारी दुनिया की सब से बेहतरीन बल्लेबाजी की रीढ़ है. महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को विराट अपना आदर्श मानते हैं.

विशेषता

अच्छा करने की भूख विराट की सब से बड़ी विशेषता है. वे मैदान में हर चीज को चुनौती के रूप में देखते हैं और हर मैच में अपना योगदान देना चाहते हैं. कोहली मैच से पहले अच्छी तैयारी करते हैं तथा फिटनैस पर हमेशा ध्यान देते हैं. उन के प्रदर्शन में निरंतरता ने नई इबारत लिखी है. क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में शानदार प्रदर्शन, क्लासिकल शौट उन के खेल के अनुपम उदाहरण हैं. उन का तेज फुटवर्क, मिड विकेट और कवर क्षेत्र सब से ज्यादा मजबूत है. उन का पसंदीदा शौट कवर ड्राइव है पर स्पीप खेलना पसंद नहीं. 

टी-20 में विराट कोहली का सफरनामा

शीर्ष रैंकिंग. आस्ट्रेलिया के ओरान फिंच को पछाड़ा. 2014 (319 रन) और 2016 (273 रन) में लगातार 2 बार मैन औफ द सीरीज रहे, जो एक रिकौर्ड है. ताजा संस्करण के 5 मैचों में 136 की औसत. 3 अर्द्ध्शतक. 3 नाबाद पारियां. 29 चौके और 5 छक्के जमाए. आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक पारियां खेलीं. आस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 कवर ड्राइव लगा कर उसे टूरनामैंट से बाहर किया. सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 89 (47 गेंद) रन बना कर अपना काम किया, लेकिन साथियों की भूल भारी पड़ी. विराट की सारी मेहनत पर पानी फिर गया. कोहली शुरू से ही प्लेयर औफ टूरनामैंट की होड़ में सब से आगे थे, इस बार पिछला रिकौर्ड तोड़ने का मौका मिला, लेकिन सेमीफाइनल में बाहर होने के कारण चूक गए.   

विदेशी प्रशंसक

हाल ही में पाकिस्तानी मौडल कंदील बलोच विराट की दीवानी हो गई और उस ने अपने प्यार का इजहार भी किया. इस से पहले पाकिस्तान के एक युवा प्रशंसक ने कोहली की आस्ट्रेलिया में खेली गई शानदार पारी के बाद अपने देश में तिरंगा फहरा कर अपनी खुशी व्यक्त की थी. इस कारण उसे जेल की सजा भी हुई. विराट फुटबौल और टैनिस के भी दीवाने हैं. वे इन खेलों की फ्रैंचाइजी टीमों  के सहमालिक भी हैं. आस्ट्रेलिया के सलामी विस्फोटक बल्लेबाज डेविड वार्नर भी कोहली के फैन हैं. महान खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स भी कहते हैं कि विराट भले ही कद में छोटे हैं, लेकिन आत्मविश्वास के मामले में उन का कद बहुत ऊंचा है. मुझे उन का आक्रामक अंदाज पसंद है. उन का कैरियर बहुत लंबा है.

ब्रैंड ऐंबैसेडर

विराट कोहली आज 11 ब्रैंडों से जुड़े हैं. गरीब बच्चों की मदद के लिए उन्होंने 2013 में चैरिटी फाउंडेशन बनाया. आमतौर पर मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं, लेकिन कई मौकों पर सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा चुके हैं.                      

मील का पत्थर

टैस्ट – 41 मैच, 2,994 रन, 11 शतक, 12 अर्द्धशतक, 169 सर्वोच्च, 36 कैच.

एकदिवसीय-171 मैच, 7,212 रन, 25 शतक, 36 अर्द्धशतक, 183 सर्वोच्च 83 कैच.

टी-20 – 43 मैच, 1,641 रन नाबाद, 90 सर्वोच्च, 16 अर्द्धशतक, 5 विकेट, 20 कैच.

आईपीएल – 123 मैच, 3,137 रन, 99 सर्वोच्च, 19 अर्द्धशतक.

टैस्ट में पदार्पण – 20 जून, 2011 वेस्टइंडीज (19वर्ष).

अंतिम टैस्ट – 3 दिसंबर, 2015 को दक्षिण अफ्रीका में.

एकदिवसीय में पदार्पण – 23 जनवरी, 2008 को दक्षिण अफ्रीका में.

वनडे जर्सी नंबर – 18.

टी-20 में पदार्पण – 12 जून, 2010 को जिंबाब्वे में.

अंतिम टी-20 – 31 मार्च, 2016 को वेस्टइंडीज में.

3 टैस्ट मैचों में लगातार 3 शतक लगाने वाले पहले कप्तान.

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