अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक परिषद यानी आईओसी की रिपोर्ट के अनुसार, 2008 में हुए बीजिंग ओलिंपिक्स के दौरान 31 एथलीट डोपिंग के दोषी पाये गये हैं. आईओसी ने कहा कि 12 देशों के इन करीब ढाई दर्जन एथलीटों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

आईओसी ने बीजिंग ओलिंपिक्स में हिस्सा ले चुके खिलाड़ियों के 454 डोपिंग सैंपल की जांच की और उसके बाद इस नतीजे पर पहुंची. आईओसी ने ये जांच वाडा यानी वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी और अंतरराष्ट्रीय खेल फ़ेडरेशन्स के साथ मिलकर की. ये भी कहा जा रहा है कि लंदन ओलिंपिक्स में हिस्सा ले चुके 200 से ज़्यादा एथलीटों की भी जांच की जा रही है.

2008 बीजिंग ओलिंपिक्स के दौरान इकट्ठा किए गए इन खिलाड़ियों के यूरिन सैंपल (मूत्र के नमूने) आईओसी की लैबोरेटरी में थे. इन्हें और बेहतर जांच के लिए भेजा गया. ये खिलाड़ी रियो जाने की तैयारी कर रहे थे. बात दें कि इस खबर के बाद जाहिर तौर पर इन सबके लिए रियो ओलंपिक के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं.

आईओसी के अध्यक्ष जैक रोग के मुताबिक धोखेबाज एथलीटों के खिलाफ ये बड़ी कार्रवाई है. क्योंकि, आईओसी की कोशिश है कि किसी तरह धोखेबाज एथलीट जीत ना सकें. उन्होंने ये भी बताया कि आईओसी 10 साल तक डोपिंग सैंपल को जमा रखता है और डोपर्स कभी भी पकड़े जा सकते हैं.

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