बचत और मुनाफे के लिहाज से एफडी एक अच्छा प्लान माना जाता है. पर एफडी खुलवाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान जरूर रखें. इससे आप बड़ा फायदा उठा सकते हैं. एफडी खुलवाने से पहले नीचे दी गई बातों पर गौर करें.
पूरा पैसा एक जगह ना लगाएं
बड़े रकम की एक एफडी रखना कोई अच्छा प्लैन नहीं है. जब रकम बड़ी हो तो कोशिश करें कि छोटे छोटे हिस्सों में पैसे को बांट कर कई एफडी खोलें. इससे जरूरत पड़ने पर आप कोई एक एफडी तोड़कर अपनी जरूरत पूरी कर सकते हैं और आपकी बाकी एफडी चलती रहेगी. साथ ही आप अलग-अलग जगहों पर एफडी पर ब्याज की अलग-अलग दरों का फायदा उठा सकते हैं.
बीच में ब्याज दरों में बदलाव का असर नहीं
ये बहुत आम बात है पर जानकारी के लिए बता दें कि आपने जिस ब्याज दर अपनी एफडी खुलवाई थी, उसका समय पूरा होने पर उसी दर से आपको ब्याज मिलेगा. अगर बीच में ब्याज दरों में कोई बदलाव भी होते हैं तो आपकी एफडी की दरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ब्याज पर कटता है टैक्स
ये बात बेहद महत्वपूर्ण है और इसपर ध्यान देने की जरूरत है. अगर किसी बचत में सालाना ब्याज 10 हजार से ज्यादा है तो वह टैक्स के दायरे में आता है. अगर एफडी से मिलने वाले ब्याज की रकम 10 हजार रुपये से ज्यादा है तो बैंक 10 फीसद टीडीएस काटते हैं. अगर एक से ज्यादा बैंकों में आपकी एफडी है तो ब्याज की गणना सारी एफडी के ब्याज को मिलाकर होगी. बैंक टीडीएस से बचने के लिए आपको 15G /15H फौर्म भरना होगा.
एफडी की अवधि और ब्याज दरों पर दें ध्यान
आम तौर पर लोग 6 महीने, एक साल या दो सालों के लिए एफडी करवाते हैं. पर कई बैंकों में इस अवधि से थोड़े कम या ज्यादा दिनों के लिए एफडी खुलवाने पर अलग-अलग ब्याज दरें होती हैं. इसलिए एफडी करवाने से पहले बैंक में एफडी की अवधि और उनस पर मिलने वाले ब्याज दरों की पूरी जानकारी रखें. क्योंकि जिस अवधि के लिए आपने एफडी कराई है उससे थोड़ा कम या ज्यादा वक्त में आपको ज्यादा फायदा मिल सकता है.