जैस्मिन डिसूजा निर्देशत रोमांटिक थ्रिलर फिल्म‘‘वन नाइट स्टैंड’’ महज सनी लियोनी की वजह से देखी जा सकती है. वह फिल्म दर फिल्म अपनी अभिनय क्षमता निखारती जा रही है. मगर अभी भी खुद को एक बेहतरीन अदाकारा साबित करने के लिए सनी लियोनी को काफी मेहनत करने की जरुरत है. वह परदे पर सेक्सी व खूबसूरत ही नजर आती हैं. फिल्म की कहानी बासी और बोरिंग है. फिल्म मं मुद्दा उठाया गया है कि यदि एक लड़का मौजमस्ती करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है,तो फिर लड़की क्यों नहीं.. मगर इस मुद्दे को भी सही ढंग से उभारा न जा सका.   

फिल्म की कहानी के केंद्र में सलीना(सनी लियोनी)और शादीशुदा उर्विल (तनुज विरवानी) हैं. वैसे कहानी शुरू होती है उर्विल से.उर्विल अपने अतीत की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताता है कि वह आज जो कुछ है,उसकी वजह उसका अतीत है.उर्विल की कंपनी मंबई में एक फैशन शो का आयोजन करती है. फैशन शो खत्म होने के बाद इसकी सफलता का जष्न मनाने के लिए उर्विल अपने कुछ दोस्त के संग पब में पहुॅचता है. जहाॅं उसके दोस्त उससे कुछ रूपयों के लिए शर्त लगाते हं कि वह अनजान लड़की सलीना से बात करके दिखाए. इस शर्त को जीतने के लिए उर्विल, सलीना से परिचय करता है. दोनों बहुत ही जल्द एक दूसरे के दोस्त बनकर एक दूसरे के करीब आ जाते हैं. फिर वन नाइट स्टैंड के बाद दोनो अलग हो जाते हैं. उर्विल अपने घर पुणे पहुॅचता है, जहाॅं उसकी पत्नी सिमरन (न्यारा बनर्जी) उसका स्वागत करती है. सलीना तो उर्विल को भूलकर अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ जाती है. मगर उर्विल, सलीना को नहीं भूल पाता. वन नाइट स्टैंड की घटना घटित होने के कुछ समय बाद एक माल में अपनी पत्नी सिमरन के साथ कुछ खरीददारी करने जाता है, तो वहां पर उर्विल व सलीना फिर मिलते हैं और यहीं से उर्विल और उसकी पत्नी सिमरन (न्यारा बनर्जी) की जिंदगी में तूफान आ जाता है. उसके बाद उर्विल, सलीना को दुबारा पाने का प्रयास करता है. उसके बाद कहानी कई मोड़ो से होकर गुजरती है.

फिल्म की कहानी मंबई, पुणे होते हुए बैंकाक तक पहुॅचती है .मगर भवानी अय्यर की इस कहानी में कहीं कुछ भी नयापन नहीं है. कहानीकार के तौर पर वह दर्शकों को बांधकर रखने में पूरी तरह से नाकाम नजर आते हैं. यदि ख्बसूरत लोकेशंस को भूल जाए तो पूरी फिल्म उबाउ लगती है. फिल्म का इंटरवल के बाद का हिस्सा तो कुछ ज्यादा ही बोर और उबाउ है. संगीत भी कुछ खास नही है. फिल्म में निनाद कामत को छोड़कर कोई भी कलाकार बेहतरीन परफार्मेस नहं दे पाया है. तनुज विरानी कई दृष्यों में अपने चेहरे पर सही हाव भाव नहीं ला पाए. यदि यह कहा जाए कि कमजोर कहानी व कमजोर पटकथा इस फिल्म को ले डूबी,तो कुछ भी गलत नहीं होगा.

‘‘स्विस इंटरटेनमंट प्रा.लिमिटेड’’ के बैनर तले बनी फिल्म ‘‘वन नाइट स्टैंड’’के निर्माता  फरक्वान खान व प्रदीप शर्मा, निर्देशन जस्मिन डिसूजा, कहानीकार भवानी अय्यर,संगीतकार जीत गांगुली, मीत ब्रदर्स, विवेक कर और टोनी कक्कड़ तथा कलाकार हैं- सनी लियोन,तुनज विरवानी,न्यारा बनर्जी,खालिद सिद्दकी, निनाद कामत.

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