बेहतर मानसून और खेती के सहायक उद्यमों से बढ़ी किसानों की आमदनी से ग्रामीण बाजार की रौनक लौटने लगी है. चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में दोपहिया वाहनों की बिक्री के आंकड़े तो कम से कम यही संकेत दे रहे हैं. इस बदले रुख के चलते ग्रामीण बाजार में मोटरसाइकिल की मांग फिर लौट आई है. कंपनियां आने वाले त्योहारी सीजन में इस बाजार में धमाकेदार बिक्री के साथ दोहरे अंक में वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं.
लगातार मानसून की बेरुखी के बाद तीन-चार वर्ष से ग्रामीण बाजार की सेहत बहुत अच्छी नहीं रही है. इस वजह से वहां दोपहिया वाहनों की मांग में भी कमी आई. खासतौर पर कृषि पर आधारित उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत के राज्यों में मोटरसाइकिल की मांग काफी नीचे चली गई थी. जबकि शहरी क्षेत्र में दोपहिया वाहनों में स्कूटर की मांग मोटरसाइकिलों से लगातार आगे बनी रही है. इसी तरह दक्षिण और पश्चिमी भारत के दोपहिया बाजार में भी ग्राहकों की प्राथमिकता स्कूटर ही है.
ऑटो उद्योग के जानकारों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों यानी अप्रैल से जुलाई 2018 में दोपहिया वाहनों के बाजार में फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है. इसमें मोटरसाइकिल की वृद्धि दर 16 फीसद रही है तो स्कूटर की 10 फीसद. यानी चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही देश को दोपहिया वाहनों में मोटरसाइकिल की वृद्धि दर ने रफ्तार पकड़ ली है.
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स इंडिया (एचएमएसआइ) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सेल्स एंड मार्केटिंग वाइएस गुलेरिया मानते हैं कि ग्रामीण बाजार से अब मांग आने लगी है. इसका अर्थ साफ है कि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है. मोटरसाइकिल में भी शुरुआती स्तर की 100 से 110 सीसी वाली 40000 रुपये के आसपास की कीमत वाली मोटरसाइकिल की मांग ज्यादा है. यही बाजार मोटरसाइकिल वर्ग में ग्रोथ दिखा रहा है.
दरअसल उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत के ग्रामीण बाजार दोपहिया वाहनों में परंपरागत रूप से मोटरसाइकिल का ही बाजार रहे हैं. इसलिए तीन-चार वर्ष पूर्व जब से ग्रामीण अर्थव्यवस्था दबाव में आना शुरू हुई, मोटरसाइकिलों की मांग घटने लगी थी. लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं.
बाजार की इन बदलती स्थितियों को देखते हुए कंपनियों को इस त्योहारी सीजन में भी ग्रामीण बाजार से आस अधिक है. टीवीएस मोटर के वाइस प्रेसिडेंट मार्केटिंग अनिरुद्ध हलदर ने कहा कि ग्रामीण और छोटे शहरों के बाजार की हिस्सेदारी दोपहिया वाहन उद्योग में लगातार बढ़ रही है. अधिकांश दोपहिया कंपनियों ने इसी बाजार को ध्यान में रखकर त्योहारी सीजन की रणनीति बनाई है. गुलेरिया कहते हैं कि इस सीजन से उद्योग को बिक्री में दोहरे अंक की वृद्धि की उम्मीद है. हालांकि ईद और ओणम से शुरू होने वाला त्योहारी सीजन केरल की बाढ़ के चलते दोपहिया वाहन कंपनियों के लिए बहुत अच्छा नहीं रहा. लेकिन कंपनियों को उम्मीद है कि जन्माष्टमी से लेकर नवंबर-दिसंबर तक चलने वाले सीजन में उत्तर भारत से मांग बढ़ेगी जो आगे चलते हुए पश्चिमी राज्यों तक जाएगी.