शादी के बाद हर लड़की का सपना होता है कि वह मां बनने का सुख भोगे. सरिता की शादी के 2 साल बाद उस के पैर भारी हुए. गांव में रहने के बावजूद पढ़ीलिखी सरिता ने अपनी और अपने होने वाले बच्चे की अच्छी सेहत का ध्यान रखना शुरू कर दिया.
वैसे, जब कोई औरत पेट से होती है तो उसे डाक्टर के अलावा भी दूसरों से तमाम तरह की नसीहतें मिलनी शुरू हो जाती हैं कि कैसे चलनाफिरना है, कौनकौन से घर के काम करने हैं, क्याक्या खानापीना है वगैरह.
गांव में आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता और शहरकसबे की डाक्टर भी उन्हें अपने खानपान पर खास ध्यान देने को कहती हैं.
इस मसले पर डाइटिशियन नेहा सागर का कहना है कि मां बनने वाली औरतों को संतुलित भोजन की बहुत ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि उन में एक जान और पल रही होती है. उन के भोजन में कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन ए, आयरन, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्त्व जरूर शामिल होने चाहिए.
पेट से हुई औरतें कभीकभार विटामिन लेने में कोताही बरतती हैं जबकि उन की कमी से उन्हें बड़ीबड़ी दिक्कतें भी पैदा हो सकती हैं. कुछ विटामिन तो उन के लिए बहुत ज्यादा जरूरी हो जाते हैं.
अगर कोई औरत पेट से होने के बाद विटामिन बी 12 का सेवन नहीं करती है तो वह अपने साथ ज्यादती करती है. बच्चे के दिमागी विकास के लिए विटामिन बी 12 बहुत ज्यादा फायदेमंद रहता है. यह चिकन और मटन में बहुत ज्यादा पाया जाता है. अगर आप मांसाहारी नहीं हैं तो अंकुरित बींस खाने चाहिए.