देश में फर्जी खबरें और अफवाहें फैलने के बाद सामने आर्इं हत्या की घटनाओं से आलोचना झेल रहे व्हाट्सऐप ने अब एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. व्हाट्सऐप ने एक संदेश भेजने की सीमा पांच बार तक सीमित करने समेत देश में अपनी सेवाओं पर पाबंदी लगाने का एलान किया. विदेशों में संदेश भेजने की सीमा 20 है. इसका मतलब यह है कि भारत में संदेश भेजने को लेकर जो पाबंदी लगाई जा रही है वह वैश्विक स्तर पर निर्धारित मानदंडों के मुकाबले बेहद कड़ी है. कंपनी ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले व्हाट्सऐप के दुरुपयोग को रोकने पर चर्चा के लिए हाल ही में चुनाव आयोग और राजनीतिक संगठनों के साथ बातचीत भी की है.

व्हाट्सऐप ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह अपने ‘मेसेज प्लेटफार्म’ के दुरुपयोग को रोकने के लिए चुनावों से पहले कई कदम उठाएगा. कंपनी ने कहा कि वह भारत में फर्जी खबर सत्यापन मौडल लाएगी, जिसका उपयोग दुनिया के दूसरे देशों में किया जा रहा है.

कंपनी ने बयान में कहा कि वह ऐप पर संदेश भेजने की सीमा को निर्धारित करने के लिए परीक्षण शुरू कर रहा है. इसके अलावा उसने कहा कि वह मीडिया संदेशों के बगल में दिखाई देने पर वाले क्विक फारवर्ड बटन को भी हटाएगा. व्हाट्सऐप ने ब्लाग पोस्ट में कहा कि भारत में उसके उपयोगकर्ता अन्य देशों के उपयोगकर्ताओं की तुलना में अधिक संदेश, तस्वीर और वीडियो भेजते हैं. इस बाबत हम संदेश भेजने की सीमा को निर्धारित करने के लिए एक परीक्षण शुरू कर रहे हैं. यह व्हाट्सऐप के हर उपयोगकर्ता पर लागू होगा.

एक सूत्र ने बताया कि व्हाट्सऐप ने चुनाव आयोग से कहा कि वह राज्यों में होने वाले चुनावों व आम चुनावों से पहले स्पैम संदेश तकनीक को लेकर सतर्क रहेगा. उसने कहा कि व्हाट्सऐप के अधिकारियों का एक दल भारत में है और अगले कुछ दिनों में नीति-निर्माताओं के साथ बैठक करेगा. कंपनी ने चुनाव आयोग से यह भी कहा है कि वह भारत में फर्जी खबर सत्यापन मौडल वेरिफिकैडो लाएगी. इसका मेक्सिको चुनाव में उपयोग किया गया है. ब्राजील में भी इसका उपयोग किया गया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि व्हाट्सऐप को व्यक्तिगत और छोटे समूह के बीच बातचीत के लिए तैयार किया गया है और कंपनी ने हमेशा से उन संदेशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जो व्यवस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश करता है. वैसे संदेश भेजने वालों के ‘एकाउंट’ को बंद किया गया है.

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