आज के किशोर हर परीक्षा में सफलता तो पाना चाहते हैं, लेकिन उस के लिए समयानुकूल प्रयत्न नहीं करते जबकि उन्हें एकएक मिनट का फायदा उठाना चाहिए. ऐसा कोई नहीं जिसे सफलता पाने की चाहत न हो. सभी सफल होने के लिए अपनेअपने स्तर पर प्रयास करते हैं. भांतिभांति के लक्ष्य निर्धारित किया करते हैं. कोई साहित्यकार बनना चाहता है तो कोई अभिनेता. किसी का लक्ष्य डाक्टर बनना है तो किसी को इंजीनियर बनने की चाहत है. लेकिन लक्ष्य हासिल करने के लिए जो एक प्रमुख बात है, उस पर गौर करने से अकसर वे चूक जाते हैं और वह है, समय का सही उपयोग.

दुनिया के उन तमाम लोगों, जो अपनेअपने क्षेत्र में सफलता की चोटी पर पहुंचने में कामयाब हुए, के संस्मरणों से ज्ञात होता है कि उन लोगों ने समय के महत्त्व को बखूबी समझा एवं उस का पूरापूरा सदुपयोग किया. किसी भी लक्ष्य को हासिल करने की पहली शर्त यही है कि आप अपना प्रत्येक कार्य समय पर करें और व्यर्थ में समय न गंवाएं. एक कहावत भी है, ‘यदि कोई एक कौड़ी को तुच्छ समझता है तो वह कभी सहस्र प्राप्त नहीं कर सकता.’ ठीक इसी तरह जीवन का एक भी क्षण व्यर्थ में नष्ट करने वाले व्यक्ति सफलता हासिल नहीं कर सकते.

जीवन का प्रत्येक क्षण मूल्यवान है इसलिए सफलता हासिल करने की चाहत रखने वाले व्यक्ति को चाहिए कि वह समय के महत्त्व को समझे. प्रत्येक पल बहुमूल्य होता है, इसलिए हर पल का सदुपयोग करें. काम के मामले में समय की पाबंदी का विशेष ध्यान रखें. एक बार अमेरिका के राष्ट्रपति जौर्ज वाशिंगटन के सचिव देर से दफ्तर पहुंचे. कारण पूछे जाने पर वे बोले, ‘‘श्रीमान, घड़ी की सुस्त रफ्तार के कारण मुझे देर हो गई.’’ वाशिंगटन ने तुरंत कहा, ‘‘महोदय या तो आप अपनी घड़ी बदलिए या फिर मुझे अपना सचिव बदलना पड़ेगा.’’

इंगलैंड के प्रख्यात उपन्यासकार वाल्टर स्काट की सफलता का राज समय का पूरापूरा सदुपयोग ही था. व्यर्थ में वक्त बरबाद करना उन्हें कतई पसंद नहीं था. उन की दिनचर्या प्रात: 5 बजे से आरंभ हो जाती थी. नाश्ता करने से पहले ही उन के दिन के काम का अधिकांश हिस्सा समाप्त हो जाता था. उन्होंने एक नौजवान को एक बार सलाह देते हुए कहा था, ‘समय पर ठीक ढंग से काम करने की आदत डालो. कुछ करना हो, जल्दी कर डालो. काम करने के बाद ही आराम करो. काम खत्म करने से पहले आराम करने का खयाल तो दिमाग में आने भी मत दो.’ आइंस्टाइन ने भी कहा है कि समय ही मनुष्य का निर्माता है. अगर हम समय के महत्त्व को समझें तथा अपना समय सही ढंग से गुजारें तो दुनिया की कोई भी ताकत हमें सफलता हासिल करने से नहीं रोक सकती.

गंभीरता से पड़ताल करें तो ज्ञात होगा कि हम अपनी जिंदगी का 15वां हिस्सा भी सही ढंग से व्यतीत नहीं करते. उदाहरण के लिए एक ही दिन व रात को लें. 6 घंटे की स्वस्थ नींद एवं 6 घंटे बीचबीच में आराम या दूसरे कामों में लगाने के बाद पूरे 12 घंटे आप के पास होते हैं. 12 में से और 2 घंटे भी छोड़ दें, तब भी कुल 10 घंटे एकदम खरे आप के पास बचते हैं. क्या आप वास्तव में इन 10 घंटों को भी सही ढंग से व्यतीत करते हैं? इन 10 घंटों में भी तल्लीन हो कर काम करते हैं? अगर 10 घंटे भी आप अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर हो कर काम नहीं कर पाते, तो आप सफलता पाने के हकदार कैसे हो सकते हैं?

सफल होने के लिए तो समय के महत्त्व को समझना ही होगा. समय की बरबादी सफलता की परम शत्रु है और सफलता का मित्र है, समय का सदुपयोग. इसलिए अभी वक्त है अगर आप अब तक भी वक्त के महत्त्व को नकारते आए हैं तो इसी क्षण से अपना रवैया बदल दीजिए. कहा भी गया है कि वक्त बड़ा बलवान है. इसलिए समय की ताकत को समझिए. जो वक्त आप ने व्यर्थ में व्यतीत कर दिया, उसे भूल जाइए. गुजरा हुआ वक्त लौट कर नहीं आता. इसलिए उस का मातम मनाने से कुछ हासिल भी नहीं होने वाला. आप इसी क्षण से अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जीजान से जुट जाइए. समय के महत्त्व का पूरा ध्यान रखिए. एक पल भी जाया न होने दीजिए. वह दिन दूर नहीं, जब सफलता आप के कदम चूमेगी.

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