आमतौर पर हम सभी वेब ब्राउजर्स में पासवर्ड सेव करके रखते हैं. केवल पासवर्ड ही नहीं यूजरनेम, ऐड्रेस और दूसरी जानकारियां जिनकी जरूरत किसी वेबसाइट को लौग इन करने में होती है हम इसे भी ब्राउजर में सेव कर देते हैं, ताकि हमें बार बार पासवर्ड डालने की झंझट से निजात मिल सके और लौग इन करने में आसानी हो. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना हम सब लिए कितना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.

सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने ब्राउजर्स के इनबिल्ट पासवर्ड मैनेजर में एक बग यानी खामी ढूंढी है जो 11 साल पुरानी है. इसके जरिए ही कोई आपके ब्राउजर में से सेव किए गए पासवर्ड्स और दूसरी जानकारियां चुरा सकता है. इस मामले की गंभीरता ये है कि हैकर्स किसी खतरनाक इरादे को अंजाम देने के लिए बिना आपके इंटरऐक्शन के पासवर्ड्स चुरा सकते हैं.

किस वेब ब्राउजर से चुराए जा सकते हैं पासवर्ड्स ?

गूगल क्रोम डेस्कटौप पर इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे पौपुलर वेब ब्राउजर है और इसमें से भी सेव किये गए पासवर्ड्स और सभी जरूरी जानकारियों को चोरी किया जा सकता है. क्रोम के अलावा मोजिला फायरफौक्स और ओपेरा ब्राउजर भी इस खामी की वजह से प्रभावित किए जा सकते हैं. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि माइक्रोसौफ्ट का ऐज ब्राउजर भी पासवर्ड मैनेजर में मिले इस बग से सुरक्षित नहीं है.

गौरतलब है कि इन सभी वेब ब्राउजर्स में एक इनबिल्ट पासवर्ड मैनेजर होता है जहां वेबसाइट का यूआरएल, यूजरनेम और पासवर्ड सेव होते हैं. हालांकि इसके लिए आपसे ब्राउजर इजाजत मांगता है. बाद में इसे ऐक्सेस करने के लिए आपको जीमेल का पासवर्ड या उस ब्राउजर में किए गए लौग इन का पासवर्ड देना होता है.

कौन चुरा रहा है ब्राउजर में सेव किए गए पासवर्ड्स?

प्रिंस्टन सेंटर फौर इनफौर्मेशन टेक्नोलौजी पौलिसी के कुछ शोधकर्ता ने पाया है कि AdThink और OnAudiance नाम की दो मार्केटिंग कंपनियां ब्राउजर में दिए गए इनबिल्ट पासवर्ड में सेंध मारती है.

शोधकर्ता ने यह भी पाया है कि थर्ड पार्टी ट्रैकिंग स्क्रिप्ट के जरिए ये वेबसाइट्स वेबपेज के बैकग्राउंड में न दिखने वाला लौग इन फौर्म इंजेक्ट करते हैं. इससे ब्राउजर आधारित इनबिल्ट पासवर्ड मैनेजर यूजर की सेव्ड जानकारियां जैसे यूजरनेम और पासवर्ड चुराते हैं और आपकी जरूरी जानकारियों का मिसयूज कर सकते हैं.

कैसे करें बचाव ?

इस तरह के सेंध से बचना आपके लिए बेहद जरूरी है. साधारण सी बात है, अगर आप किसी वेब ब्राउजर में पासवर्ड अपना यूजरनेम सेव ही नहीं करेंगे तो किसी भी विज्ञापन कंपनियों के लिए इसे चुराना बेहद ही मुश्किल हो जाएगा.

पासवर्ड चोरी ही नहीं और भी कई नुकसान है ब्राउजर में पासवर्ड सेव करने के. ब्राउजर में पासवर्ड सेव करने के नुकसान को आप इस तरह से समझ सकते है कि अगर आपने कहीं ब्राउजर खुला छोड़ा है तो कोई इसका गलत फायदा उठा सकता है. इसलिए सतर्क रहें और जहां तक हो सके किसी भी वेब ब्राउजर में पासवर्ड सेव करने से बचें.

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