इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व खिलाड़ी सौरव गांगुली ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई बड़े खुलासे अपनी आगामी पुस्तक ‘ए सेंचुरी इज नौट इनफ’ में किए हैं.
उन्होंने अपनी आगामी पुस्तक में बहुत ही मजेदार किस्सों को भी अपने फैन्स को बताया है. पूरे भारत में और खासकर बंगाल में दुर्गा पूजा का पर्व बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है.
पूर्व भारतीय कप्तान को भी यह पर्व बहुत पसंद है, लेकिन मशहूर होने के कारण वह आम लोगों की तरह इस पर्व में शामिल होने नहीं जा सकते थे. यही कारण था कि दुर्गा पूजा को बाकी लोगों की तरह ही सेलिब्रेट करने के लिए एक बार गांगुली को सरदार का रूप लेना पड़ा था, लेकिन फिर भी उन्हें पुलिस ने पहचान लिया था.
सौरभ ने बताया, ‘मुझे दुर्गा पूजा में शामिल होना बहुत पसंद है. मुझे देवी मां के विसर्जन के वक्त जुलूस में शामिल होना भी पसंद है. बंगाल में इसे ‘बिशर्जोन’ कहा जाता है. इस वक्त देवी मां को गंगा में सिरा दिया जाता है. यह दृश्य बहुत ही शानदार और प्रभावशाली होता है, उस वक्त जो एनर्जी निकलती है वह भी बहुत अच्छी होती है. विसर्जन के वक्त नदी के पास लोगों की बहुत भीड़ होती है, इसलिए एक बार जब मैं इस जुलूस में शामिल होने गया, तब मैंने हरभजन सिंह के लोगों जैसा रूप ले लिया, उस दौरान में टीम इंडिया का कप्तान हुआ करता था.’
उन्होंने अपनी पुस्तक में आगे लिखा, ‘मेरा सरदार जी वाला मेकअप मेरी पत्नी डोना ने किया. मेरे सभी भाई-बहन मेरा मजाक उड़ा रहे थे और कह रहे थे कि मैं पहचान लिया जाऊंगा. सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया, लेकिन मैंने चुनौती स्वीकार की और सिख का रूप लेकर ही दुर्गा विसर्जन के जुलूस में शामिल हुआ, लेकिन वे लोग सही साबित हुए.
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— Sourav Ganguly (@SGanguly99) February 2, 2018
मुझे पुलिस ने ट्रक में जाने की अनुमति नहीं दी और मुझे अपनी बेटी सना के साथ कार में ही जाना पड़ा. जैसे ही कार बाबुघाट के पास पहुंची, पुलिस इंसपेक्टर ने कार की खिड़की के अंदर झांका, मुझे ध्यान से देखा और मुस्कुरा दिया, उसने मुझे पहचान लिया था. मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई, लेकिन मैंने उससे कहा कि वो यह बात किसी को भी ना बताए. मेरा फैसला रंग लाया, मैंने दुर्गा विसर्जन देखा. वह दृश्य बेहद खास था. आपको उसे देखना चाहिए और उसे समझना चाहिए. वैसे भी दुर्गा मां पूरे साल में एक ही बार तो आती हैं.’
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