10 रुपये के सिक्कों को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म रहता है और कई दुकानदार एवं अन्य व्यवसायी एक खास डिजाइन का 10 रुपये का सिक्का ही लेते हैं और बाकी डिजाइन के सिक्के लेने से इनकार कर देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वो नकली है.

10 रुपए के सिक्कों को लेकर थोड़े दिनों पहले अफवाहें सामने आई थीं कि इनके कुछ डिजाइन नकली हैं. कहा जा रहा था कि भारी संख्या में जाली सिक्के बाजार में चलाए जा रहे हैं. कई बार आपका भी उन लोगों से सामना हुआ होगा जो 10 रुपये के कुछ खास डिजाइन वाले सिक्के लेने से इनकार कर देते हैं. कई दुकानदार, औटो वाले, सब्जी विक्रेता आदि इन अफवाहों के शिकार हो जाते हैं कि 10 रुपये के वही सिक्के सही हैं जिनमें 10 धारियां बनी हुई हैं. बाकी सारे सिक्के अवैध हैं.

यही वजह है कि 10 के सिक्के को लेकर लोगों को काफी परेशानी होती है. कई बार पैसे होते हुए भी लोग सामान नहीं खरीद पाते हैं या अन्य तरह की मुश्किलों को उन्हें  झेलना पड़ता है.

इसकी खबर रिजर्व बैंक को भी है. आरबीआई समय समय पर इन अफवाहों की खबरों को लेकर सफाई देता रहता है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर लोगों के इस तरह के भ्रम को खत्म करने के लिए एक नया आदेश जारी किया है.

रिजर्व बैंक ने अपने इस बयान में स्पष्ट किया है कि “आरबीआई 10 रुपए के सिक्के 14 डिजाइन में जारी करता है. सरकारी टकसाल में इन्हें तैयार किया जाता है. समय-दर-समय ये आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृति मूल्यों से जुड़ी हुई थीम्स को दर्शातें हैं.” लोगों को यह सूचित किया जाता है कि ये सभी सिक्के मान्य हैं और लेन-देन में स्वीकारें जाएंगे. रिजर्व बैंक ने बैंकों को भी अपनी सभी शाखाओं में लेनदेन के लिए सिक्के स्वीकृत करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि इंडियन कौइनेज ऐक्ट, 2011 की धारा 6 के तहत सिक्कों की वैधता परिभाषित की जाती है.

आरबीआई ने इससे पहले नवंबर महीने में भी सफाई दी थी कि सभी तरह के सिक्के ठीक हैं और लोग उन्हें लेने से मना न करें. 10 का सिक्का लेने से इनकार करने पर कानूनी कार्रवाई की भी बात कही गई थी, फिर भी लोगों में संदेह बरकरार है.

कोई व्यक्ति 10 रुपये का सिक्का न लें तो क्या करें?

अगर कोई व्यक्ति 10 रुपये का कोई भी सिक्का लेने से इनकार करता है तो उसे RBI के निर्देश की जानकारी दें. वह फिर भी न माने तो उसे सिक्के के साथ नजदीकी पुलिस थाना ले जाएं और पुलिस को उस व्यक्ति से हुई बातचीत के बारें में बताएं.

पुलिस को RBI के निर्देश के बारे में भी बताएं. आप चाहे तो उस व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा भी दर्ज करा सकते हैं. आपके एफआईआर पर पुलिस मामले की जांच करेगी.

सितंबर 2016 में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में इस तरह का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने रिजर्व बैंक के नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि भारतीय सिक्कों को लेने से इनकार करना आईपीसी की धारा 124A के तहत राजद्रोह है. इस सेक्शन के तहत तीन साल या आजीवन कारावास के साथ-साथ जुर्माने का भी पआवधान है.

अक्टूबर 2017 में मध्य प्रदेश के मुरेना जिले में पुलिस ने एक ऐसे ही मामले में एक दुकानदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (सरकारी सेवक के कानूनी आदेश की अवहेलना) के तहत मामला दर्ज किया था. इस धारा के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को छह महीने तक की जेल की सजा दिए जाने का प्रावधान है.

2 जनवरी 2018 को वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने राज्यसभा को बताया था कि कुछ बैंक सिक्के स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इस पर सरकार ने रिजर्व बैंक के सभी क्षेत्रीय दफ्तरों को आम लोगों से सिक्के लेने के लिए काउंटर खोलने का निर्देश दिया था.

इसलिए अगर आपसे भी कोई सिक्का लेने से इनकार कर दें तो आप उसे इस खबर के बारें में बताएं.

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