एक कहावत है कि पंखों से नहीं हौंसलों से उड़ान भरी जाती है इसे सच कर दिखाया एक फैक्ट्री वर्कर के बेटे ने. अपने हुनर के दम पर एक फैक्ट्री वर्कर का बेटा आज आईपीएल में एंट्री मारकर शोहरत की बुलंदियों पर पहुंच गया. हम बात कर रहे हैं तेज गेंदबाज नाथू सिंह की जो आईपीएल की नीलामी में करोड़पति हो गए. मुंबई इंडियंस टीम ने नाथू सिंह को तीन करोड़ बीस लाख में खरीदा.
3.2 करोड़ में मुंबई इंडियंस ने खरीदा
आईपीएल की नीलामी ने इस परिवार को मालामाल कर दिया. महज सात हजार महीने कमाने वाला ये पिता खुशियों से फूला नहीं समा रहा. इसी घर का बेटा आईपीएल में विकेट की गिल्लियां उड़ाएगा. गेंदबाज नाथू सिंह को आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस ने करोड़ों कीमत देकर खरीदा है. आईपीएल सीजन नाइन के लिए मुंबई इंडियंस ने तेज गेंदबाज नाथू सिंह को 3.2 करोड़ रुपए की बोली लगाकर खरीदा है.
मजदूर का बेटा IPL-9 का हीरो
वैसे तो नाथू सिंह का परिवार सीकर में रहता है लेकिन पिता भारत सिंह जयपुर की वायर फैक्ट्री में काम करते हैं लिहाजा पूरा परिवार जयपुर में रहता है. घर के हालात इस कदर हैं कि इसमें सिर्फ और सिर्फ बेटे की कामयाबी के मेडल दिख रहे है. अब जब आईपीएल नीलामी में बेटा को तीन करोड़ बीस लाख रुपए में खरीद लिया गया तो मां-पिता और दादा पूरा परिवार खुश हो गया. तेज गेंदबाज नाथू सिंह की इस खुशी में शरीक होने के लिए पास पड़ोस के लोग भी शरीक हो गए. ढोल नगाड़े बजाने लगे. नाथू सिंह को फूलों का हार पहनाकर स्वागत किया गया.
नाथू को पुणे-दिल्ली भी खरीदना चाहती थी
गेंदबाजी के हुनर से लबरेज नाथू सिंह को खरीदने के लिए पुणे सुपरजाइंट्स और दिल्ली डेयरडेविल्स जैसी टीमें भी लाइन में थी बोली बढ़ती जा रही थी. नाथू सिंह पर बाजी मारी मुंबई इंडियंस टीम ने. तेज गेंदबाजी में महारथ हासिल कर चुके नाथू सिंह को उनकी काबिलियत का इनाम मिला. विकेट लेने की उनके इसी स्टाइल ने उन्हें कहां से कहां पहुंचा दिया.
गौतम गंभीर और उन्मुक्त चंद जैसे दिग्गजों को लौटा दिया था पवेलियन
नाथू सिंह के बॉलिंग की एवरेज स्पीड 140 किमी प्रति घंटे है. रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में ही नाथू सिंह ने 7 विकेट लिए थे इसी मैच में शानदार गेंदबाजी का मुजाहिरा पेश करते हुए नाथू ने गौतम गंभीर और उन्मुक्त चंद जैसे दिग्गजों को पवेलियन लौटा दिया था. तीन फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके नाथू की शानदार गेंदबाजी देखते हुए सलेक्टर्स ने उन्हें बड़ा मौका दिया.
फर्श से अर्श तक पहुंचा गुदड़ी का लाल
नाथू सिंह आज शोहरत की बुलंदियों पर हैं लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उनके परिवार को बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं. महज सात हजार की सैलरी में नाथू को क्रिकेटर बनाने का सपना देख रहे पिता ने बहुत संघर्ष किया. गली क्रिकेट खेलने वाले नाथू को क्लब भेजना था जिसकी सालभर की फीस दस हजार थी लेकिन उसके पिता ने हार नहीं मानी. बेटे को क्लब में गेंदबाजी के हुनर को सीखने भेजा पहले दो महीने की फीस भरी. कभी साइकिल से तो कभी बस से खुद बेटे को छोड़ने जाते थे एक दिन उनकी मेहनत रंग लाई.
दो महीने में ही नाथू ने गेंदबाजी में अपना लोहा मनवाना शुरू कर दिया. धीरे धीरे अच्छी गेंदबाजी की वजह से नाथू सिंह अंडर नाइन्टीन टीम का हिस्सा हो गया. नाथू सिंह आज जहां भी हैं अपने परिवार और पिता की संघर्षों की बदौलत हैं लेकिन अब आईपीएल ऑक्सन के बाद परिवार की दिशा और दशा दोनों बदल जाएगी.