अगर कोई आप से पूछे कि आप हैलमैट क्यों पहनते हैं? तो आप का सीधा सा जवाब होगा कि हादसे के समय सिर को बचाने के लिए हैलमैट पहनते हैं. मगर हैलमैट पहनने की केवल यही एक वजह नहीं है. इस की जानकारी मुझे अपने दोस्त गिरधारीजी से मिली.
एक दिन मैं यों ही गिरधारीजी के घर गया. वे घर पर नहीं थे. भाभीजी ने आदर से मुझे बैठाया. अभी हम चायपानी कर ही रहे थे, इतने में गिरधारीजी घर आ गए. स्कूटर बाहर खड़ा कर हैलमैट लगाए हुए ही वे अंदर चले आए. उन्होंने मुझे हैलमैट को उतार कर नमस्कार किया, यह सब मुझे बड़ा अटपटा लगा.
पूछने पर वे कहने लगे, ‘‘हैलमैट के बहुत फायदे हैं. जैसे अगर आप दफ्तर से देर से घर आए हैं. आप की बीवी खरीदारी पर जाने के लिए कब से आप का इंतजार करतेकरते थक गई है, तो उस का गुस्सा सातवें आसमान पर होगा ही. जैसे ही आप घर में दाखिल होंगे, बीवी की बेलनरूपी मिसाइल से केवल हैलमैट ही आप को बचा सकता है और कोई नहीं.
‘‘अगर दफ्तर जाने में देर हो जाए. घबराने की जरूरत नहीं है. आप आराम से हैलमैट लगाए हुए ही दफ्तर के अंदर जाएं. बौस पहले आप को देखेगा, फिर घड़ी को देख कर चीखेगा, मगर आप को हैलमैट के चलते कुछ सुनाई नहीं देगा.
‘‘फिर भी बौस का गुस्सा न उतरा हो, तो वह केबिन में बुलाएगा. फिर आप कहिएगा, ‘सर, हैलमैट पहने था, इसीलिए आप की बातें सुन न सका.’
‘‘अगर आप की बीवी दफ्तर जाते समय रोज कभी सब्जी, कभी राशन लाने को कहे, तो आप भी परेशान हो जाते होंगे. दिनभर दफ्तर के पकाऊ काम से थके होने के चलते खरीदारी करना बड़ा सिरदर्द होता है. इस दर्द का इलाज यह हैलमैट ही है.
‘‘बीवी जब टमाटर मंगाए, तो घर में आलू ले जाइए. मिर्च की जगह नीबू खरीदें. बीवी गुस्सा होगी. कहना कि हैलमैट पहने हुए था. सुनाई नहीं दिया होगा. दूसरे दिन से बीवी आप से सब्जी मंगाना बंद कर देगी.
‘‘अगर आप के दोस्त आप से उधार मांगने के लिए दफ्तर के बाहर खड़े हो कर आप को आवाज दें. आप देख कर भी उन्हें अनदेखा कर दें. जब कोई उलाहना दे, तो कहें कि दोस्त, हैलमैट पहने था. सुनाई नहीं दिया होगा. इस तरह हैलमैट आप के रुपयों को डूबने से बचा लेता है.
‘‘अगर आप बीवी के साथ सड़क पर घूम रहे हैं, तो अगलबगल ताकझांक करने पर बीवी का कंट्रोल होता है. इस का भी अचूक उपाय है. हैलमैट पहन कर आप मनचाही जगह ताकझांक करो, कोई आप को पकड़ नहीं पाएगा.’’
मैं गिरधारीजी की बातों से हैरान था. शायद इसीलिए कहा गया है, ‘हैलमैट में गुण बहुत हैं, सदा रखिए संग…’