बौलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं हेमा की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी था जब उन्हें पैसों की सख्त जरूरत थी और उनके पास कोई फिल्म नहीं थी. ऐसे में हेमा मालिनी ने बी ग्रेड फिल्मों में काम कर पैसा कमाया था. बात तब की है जब पहली डिलिवरी होने के बाद वह फिल्में ढूढ़ रही थीं.

उस समय हेमा को पैसों की जरूरत थी क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन्हें नोटिस भेजा हुआ था. इस नोटिस के तहत उन्हें जल्द से जल्द इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जुर्माने के तौर पर भरना था. इस किस्से का जिक्र बौलीवुड एक्टर अन्नू कपूर ने अपने एक रेडियो शो में किया था. शो के मुताबिक हेमा इस काम में धर्मेंद्र की मदद नहीं लेना चाहती थीं. वह चाहती थी कि वो अपनी कमाई हुई पैसों से इस पेनल्टी को अदा करें.

उसी दौरान हेमा के पिता भी चल बसे हेमा के लिए वह दौर काफी कठिनाइयों से भरा हुआ था. ऐसे में उन्होंने फैसला किया कि उन्हें जिस तरह की फिल्में भी मिलेगी वो उन्हें करेंगी. इसी सोच के साथ उन्होंने बी ग्रेड फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया. हेमा ने ‘रामकली’ नाम की बी ग्रेड फिल्म में काम किया. इस फिल्म से उन्हें काफी सफलता मिली और इसके बाद कई बी ग्रेड के डायरेक्टर उनके पास फिल्मों के औफर लेकर जाने लगे.

हेमा को उनका अपने घर पर आना पसंद नहीं था लेकिन पैसों की जरूरत की वजह से वह उन्हें मना भी नहीं कर पा रही थीं. इसके बाद उन्होंने कई और बी ग्रेड की फिल्मों में काम किया और साथ ही डांस शो भी किए. लगभग दस साल की कड़ी मेहनत के बाद वह इस पेनल्टी को भरने में कामयाब हुई.

बौलीवुड की यह अभिनेत्री भरतनाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना भी हैं. वह उन गिनी चुनी अभिनेत्रियों में से हैं, जिनमें खूबसूरती और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है. हेमा मालिनी का जन्म तमिलनाडु के अम्मानकुडी नामक स्थान में 16 अक्टूबर, 1948 को हुआ था.

उनकी शिक्षा दीक्षा चेन्नई के आंध्र महिला सभा में हुई. उनका बचपन तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में बीता, उनके पिता वी.एस.आर. चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे. उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया, लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा, जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है.

हेमा को तमिल फिल्मों के निर्देशक श्रीधर ने वर्ष 1964 में यह कहकर उन्हें काम देने से इनकार कर दिया था कि उनके चेहरे में कोई स्टार अपील नहीं है, लेकिन बाद में बौलीवुड में वह ‘ड्रीम गर्ल’ कहलाने वाली एकमात्र अभिनेत्री बनीं. उन्हें पहला ब्रेक अनंत स्वामी ने दिया. उन्होंने हिंदी फिल्मों में ‘सपनों का सौदागर’ (1968) के साथ करियर की शुरुआत की. इस फिल्म में वह राज कपूर के साथ दिखाई दी थीं. उस समय वह महज 16 वर्ष की थीं.

राज कपूर ने उनका पहला स्क्रीन टेस्ट लिया. खुद हेमा मालिनी का भी मानना है कि आज वह जो भी है राज कपूर की बदौलत है. राज कपूर के साथ काम करने के बाद हेमा मालिनी को देवानंद के साथ फिल्म ‘जौनी मेरा नाम’ में काम करने का मौका मिला. यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई.

उन्हें पहली सफलता ‘जौनी मेरा नाम’ (1970) के साथ ही मिली. उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश सिप्पी की फिल्म ‘अंदाज'(1971)में मिला. सत्तर के दशक में माना जा रहा था कि हेमा मालिनी केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं, लेकिन उन्होंने 1975 की ‘खुशबू’ 1977 की ‘किनारा’ और 1979 की ‘मीरा’ जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया.

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