दिल्ली प्रेस के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश पंवार को बंगलुरु की पत्रकार गौरी लंकेश की तरह अंजाम भुगतने की धमकी मिली है. 17 सितंबर को व्हाटसएप पर एक अनजान मोबाइल नंबर से आए मैसेज में उन्हें मोदी सरकार, भाजपा और संघ तथा हिंदू विरोध में लिखने पर गौरी की तरह मिटा देने की चेतावनी दी गई है.
मैसेज में लिखा है,‘‘ गौरी लंकेश को क्यों मारा? गौरी लंकेश एक पत्रकार थीं. उस का बेंगलोर में हिंदूवादी ताकतों ने कत्ल कर दिया. प्रश्न उठता है कि हिंदूवादी ताकतों ने एक हिंदू पत्रकार को क्यों मारा? क्योंकि गौरी मोदी सरकार के खिलाफ लिखती थीं. गौरी आरएसएस और भाजपा के खिलाफ लिखती थीं. गौरी गद्दार थीं. वो राष्ट्रविरोधी और हिंदू विरोधी थीं. अब अगर इस देश में कोई भी व्यक्ति मोदी जी के खिलाफ या आरएसएस या भाजपा के खिलाफ लिखने की हिम्मत करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. मुसलमानों के साथ साथ ऐसे गद्दारों को भी मिटा देंगे.’’
मोबाइल नंबर 8104970579 से मैसेज मिलने के बाद यह नंबर बंद जा रहा है और इस पर भेजे गए मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया गया.
हाल में सरिता पत्रिका में जगदीश पंवार के कई लेख प्रकाशित हुए हैं, जिन में मोब लिंचिंग को ले कर ‘धर्मजनित भीडतंत्र का खतरा,’ ‘लोकतंत्र पर हावी धर्मतंत्र’, ‘विकास की सुर्खियां गायब’, ‘जीएसटी-क्या काले धन पर रोक लग पाएगी?’, ‘नस्लवाद का नासूर’, ‘मोदी ट्रंप मुलाकात-दुनिया से अलग थलग पड़ते भारत और अमेरिका’, ‘युवा नेता हैं कहां?’,‘सत्तर साल की आजादी में औरत कितनी आजाद’, ‘गुरमीत राम रहीम कथा-आस्था का धंधा’ और ‘गौरी लंकेश की हत्या-असहमति के स्वर खामोश’ प्रमुख हैं.
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इस तरह की धमकी दिल्ली, एनसीआर के तीन और पत्रकारों को भी मिली है. टाइम्स औफ इंडिया के पत्रकार के अलावा नोएडा के एक टीवी चैनल, एक न्यूज पोर्टल का पत्रकार भी है. पत्रकारों को भेजा गया संदेश एक जैसा है और एक ही समय में भेजा गया है. इन पत्रकारों ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दी है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मधुर वर्मा का कहना है कि मामला साइबर सेल को सौंप दिया गया है और नंबर ट्रेस कर के जांच शुरू कराई जा रही है. पत्रकारों से कहा गया है कि वे धमकी का मैसेज और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं.