जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसिज टैक्स) को लेकर लोगों में अभी भी उलझन बनी हुई है. जीएसटी को लागू हुए लगभग 50 दिन हो गए हैं, पर लोग अभी भी इस परेशानी में हैं कि जीएसटी अलग-अलग चीजों पर कैसे लागू किया जाता है. बता दें कि जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था.
आमतौर पर लोग जब होटल या रेस्तरां में खाने-पीने जाते हैं तो बिल पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद भी आप ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि आपसे जीएसटी के नाम पर अधित पैसे वसूल लिए जाएं. अभी भी बहुत से रेस्तरां ऐसे है जो अपनी मर्जी के अनुसार टैक्स चार्ज लगाते हैं.
सेवा शुल्क
किसी भी रेस्तरां में सेवा शुल्क का भुगतान करना अनिवार्य नहीं है. ग्राहक सेवा शुल्क का भुगतान करने से इनकार करने का हकदार है. इसे सरकार द्वारा नहीं लगाया गया है.
जानें रेस्तरां में लागू जीएसटी की दरें
विभिन्न खाने के आउटलेट या रेस्तरां में अलग-अलग जीएसटी दरें हैं.
– नान एसी रेस्तरां या नान-एल्कोहल सेवारत होटल के लिए, यह 12% है.
– एसी या एल्कोहल-सेवारत होटल के लिए, यह 18% है.
– 5 सितारा होटलों के लिए, यह 28% है.
क्या है एसजीएसटी और सीजीएसटी
कई उपभोक्ता एसजीएसटी और सीजीएसटी के बीच उलझन की स्थिती में हैं. एसजीएसटी राज्य के माल और सेवा कर के लिए है, जबकि सीजीएसटी केन्द्रीय माल और सेवा कर के लिए है. इसका मतलब ये भी है कि आप जो टैक्स देते हैं, उसका आधा राज्य के खजाने में जाता है जबकि अन्य आधा केंद्र सरकार के राजकोष में जाता है.
ऐसे रेस्तरां में जीएसटी नहीं लगती
यह बात आपको चैंका सकती है लेकिन सभी रेस्तरां में जीएसटी देना जरूरी नहीं है. बिना रजिस्टर व्यवसायों को जीएसटी पर शुल्क लगाने की अनुमति नहीं है. यह पता करने के लिए कि आप जिस रेस्तरां में खा रहे हैं, वो रजिस्टर है. आप बिल पर दिए गए जीएसटी नंबर की जांच कर सकते हैं.
वैट v/s जीएसटी
शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है इसलिए आप रेस्तरां में अगर खाने के साथ शराब लेते हैं तो जीएसटी केवल खाने पर ही लगेगा, शराब पर नहीं. शराब पर पहले की तरह वैट ही लगेगा और वह अलग होगा.
जैसे, यदि उपभोक्ता के भोजन के लिए 500 रुपये का शुल्क है, तो सेवा शुल्क 50 रुपये का है और शराब के लिए 1000 रुपये का भुगतान होता है तो जीएसटी केवल 550 रुपये पर लागू होगा, जबकि वैट 1000 रुपये पर लागू होगा.