मधुबाला की शादी
टीवी की दुनिया में अभिनेत्री द्रष्टि धामी पौपुलर चेहरा है. उन को ज्यादातर दर्शक फेमस सीरियल ‘मधुबाला’ में बेहतरीन अभिनय के लिए जानते हैं. हाल में उन्होंने अपने बौयफ्रैंड नीरज खेमका से शादी कर ली. वाइन शेड के लहंगे में द्रष्टि और गोल्डन व्हाइट शेरवानी में नीरज परफैक्ट कपल दिख रहे थे. मधुबाला की इस शादी में मेहमान, टीवी जगत और बौलीवुड के फ्रैंड्स थे. पहले खबर थी कि द्रष्टि टीवी छोड़ कर फिल्मी पारी शुरू करने जा रही हैं और करन जौहर की एक फिल्म के लिए उन्हें साइन भी कर लिया गया है. हालांकि बाद में सारी बातें महज अफवाह निकलीं और सब को चौंकाते हुए द्रष्टि ने अपना घर बसा लिया. अब जाहिर है कयास लगेंगे कि उन की टीवी की पारी लगभग खत्म हो गई क्योंकि शादी के बाद अभिनेत्रियों के साथ अकसर ऐसा ही होता है.
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काला सच
झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के गांवों में किसी भी नारी को डायन घोषित कर असरदार लोग उसे अपनी भोग्या बना कर मार डालते हैं. इसी काले सच पर आधारित फिल्म बनाई है निर्माता जितेंद्र सोनी और निर्देशक मयंक श्रीवास्तव ने. ‘काला सच द ब्लैक ट्रुथ’ फिल्म के माध्यम से निर्देशक समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आंदोलन छेड़ना चाहते हैं. महिला उत्पीड़न की वास्तविक घटना पर आधारित इस फिल्म में मुख्य कलाकार के रूप में पाखी हेगड़े, हिमानी शिवपुरी, मुश्ताक खान, संजय बत्रा, रफी खान और ब्रिजेश त्रिपाठी हैं. झारखंड के धनबाद के निकट के गांव में घटित घटना को आधार बना कर निर्देशक मयंक श्रीवास्तव ने पूरी घटना पर शोध किया और फिर स्क्रिप्ट तैयारी की. शूटिंग भी उन्हीं स्थानों पर जा कर की. देखते हैं लोग फिल्म से कितने प्रभावित होते हैं.
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सैंसरबाजी पर बवाल
फिल्मों में बोल्ड कंटैंट और गालीगलौज को ले कर सैंसर बोर्ड और निर्मातानिर्देशकों में ठनी हुई है. सैंसर बोर्ड ने हिंदी और अंगरेजी के कुल 28 शब्दों को फिल्मों में इस्तेमाल करने पर रोक लगाने की बात कही तो फिल्म बिरादरी में इस का विरोध होते देख सैंसर बोर्ड थोड़ा पीछे हटा है. बोर्ड की ताजा बैठक में तय हुआ कि शब्दों पर रोक लगाने का फैसला फिलहाल टाल दिया जाए. गौरतलब है कि पहले सैंसर बोर्ड रिश्वतखोरी मामले में अपनी काफी फजीहत करवा चुका है और अब इस मसले पर उस की काफी आलोचना हो रही है. दरअसल, सैंसर बोर्ड के नए चीफ पहलाज निहलानी के आदेश पर बवाल मचा है. बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि सैंसर बोर्ड और फिल्म बिरादरी के बीच कौन अपनी बात मनवा पाता है.
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सिनेमा बचाओ मुहिम
सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं है बल्कि सिनेमा के जरिए ही हम उस दौर के माहौल, कल्चर को जानते और समझते हैं. लेकिन अफसोस की बात यह है कि सिनेमा को सहेजने के लिए कोई ठोस प्रयास न होने के चलते कई दुर्लभ फिल्मों के पिंट नष्ट हो चुके हैं. फिल्म हैरिटेज फाउंडेशन द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिस के तहत पुरानी फिल्मों को संरक्षित करने और देखरेख पर जोर दिया गया. इस कार्यशाला में अमिताभ बच्चन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और फिल्म से जुड़ी कई जानीमानी हस्तियां शामिल हुईं. इन सभी ने कहा कि फिल्मों को बचाना हमारी संस्कृति को बचाने के समान है. उम्मीद है यह पहल अपने उद्देश्य से नहीं भटकेगी.
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औस्कर का मेला
लंबे इंतजार के बाद आखिर औस्कर अवार्ड की घोषणा हो ही गई. दुनियाभर की फिल्मों ने अलगअलग श्रेणियों में कई पुरस्कार झटके जबकि हमेशा की तरह कोई भी भारतीय फिल्म विदेशी फिल्मों की श्रेणी में अवार्ड नहीं जीत सकी. इस बार के अवार्ड समारोह में बर्डमैन ने बाजी मारते हुए बैस्ट फिल्म का खिताब अपने नाम किया. वहीं, एडी रेडमायन को ‘थ्योरी औफ एवरीथिंग’ के लिए बैस्ट मेल ऐक्टर और जूलियन मूर को ‘स्टिल एलिस’ के लिए बैस्ट अभिनेत्री का औस्कर पुरस्कार मिला. 87वें एकेडमी अवार्ड्स समारोह में पोलैंड की फिल्म ‘इदा’ बेस्ट फौरेन लैंग्वेज फिल्म के पुरस्कार से नवाजी गई. बैस्ट एनिमेशन फिल्मों की दौड़ में ‘बिग हीरो 6’ ने बाजी मारी.