बदल रहा है कश्मीर
कश्मीर की फिजा इन दिनों बदलीबदली नजर आ रही है. अरसे बाद यहां से अच्छी खबरें आ रही हैं. एक तरफ क्रिकेट की जीत की खबर है तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भारी मतदान से लोकतंत्र की जीत हुई. 80 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि रणजी ट्रौफी ग्रुप ए के मैच में जम्मूकश्मीर ने 40 बार की चैंपियन रही मुंबई को उसी के मैदान पर 4 विकेट से हरा कर ऐतिहासिक जीत हासिल की. जम्मूकश्मीर टीम के कप्तान परवेज रसूल की भूमिका इस में अहम रही. जम्मू की टीम में काफी नए खिलाड़ी हैं जबकि मुंबई की टीम के खिलाडि़यों की बात करें तो ज्यादातर खिलाडि़यों को आईपीएल में खेलने का अनुभव रहा है. ऐसे में इस जीत के खासे माने हैं. इस जीत के बाद रसूल ने कहा कि मुंबई को मुंबई में हराना बड़ी उपलब्धि है. पिछले 2-3 वर्षों में हमारा ग्राफ तेजी से बढ़ा है. पहले हमें कहा जाता था कि एलीट डिवीजन में खेलना अलग है और अब हमारे पास उस सवाल का जवाब है. परवेज रसूल कश्मीर के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई और उन का नाम विश्व कप के संभावित खिलाडि़यों में भी शामिल है. विश्व का सब से धनी क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई को माना जाता है लेकिन शर्म की बात तब होती है जब कई राज्यों के खिलाडि़यों को दयनीय हालत में खेलना पड़ता है, जैसा कि जम्मूकश्मीर के रणजी खिलाडि़यों को खेलना पड़ा.
रणजी सत्र की शुरुआत से पहले प्रकृति के कहर से खिलाडि़यों को अभ्यास के लिए बाहर जाना पड़ा. राज्य से बाहर इन्होंने नागपुर में कैंप लगा कर अभ्यास किया. बाढ़ के कारण कई खिलाडि़यों की किट बरबाद हो गई. नई किट खरीदने के लिए न तो बीसीसीआई ने आगे आ कर मदद की और न ही जम्मूकश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन ही आगे आई. कई खिलाडि़यों को तो पिछले सत्र की फीस तक नहीं मिली. मुंबई के खिलाफ मैच के लिए उन्हें 500 रुपए प्रतिदिन का अलाउंस दिया गया जबकि अन्य टीमों को 1 हजार रुपए दिया जाता है. पहले सत्र में मैच खेलने के लिए इन्हें मात्र 2 जोड़ी यूनिफौर्म दी गईं. कई खिलाडि़यों को तो कैप भी नसीब नहीं हुआ. खिलाडि़यों को ऐसे होटल में ठहराया गया जहां ठीक से खाने तक की व्यवस्था नहीं थी. इतना सबकुछ होने के बावजूद इस जीत से उमर अब्दुल्लाह बहुत खुश हैं और टीम की जीत पर ट्वीट भी किया, ‘बहुत खूब…’ खुशी की बात तो जरूर है क्योंकि पिछले दशकों में जम्मूकश्मीर की जनता ने अब तक अनगिनत पीड़ा झेली है और आतंक के नासूर का दंश झेला है, नेताओं की वजह से और प्रकृति की भी वजह से. अगर वहां की फिजा में अमन और खुशी की खबर आती है तो यह सुकून की बात है.
कमाई में अव्वल वुड्स
दुनिया के सब से बदनाम गोल्फ खिलाड़ी हैं अमेरिका के टाइगर वुड्स. बावजूद इस के, विज्ञापनों से सब से ज्यादा कमाई यही करते हैं. हीरो मोटोकौर्प ने टाइगर को अपना ब्रैंड एंबैसेडर बनाया है जिन से टाइगर को प्रतिवर्ष 25 से 30 करोड़ रुपए मिलेंगे. विज्ञापन से महेंद्र सिंह धौनी 12 से 15 करोड़ रुपए, विराट कोहली 8 से 10 करोड़ रुपए, आमिर खान 12 से 15 करोड़ रुपए, सलमान खान 6 से 7 करोड़ रुपए, शाहरुख खान 6 से 7 करोड़ रुपए, अक्षय कुमार 6 से 7 करोड़ रुपए, दीपिका पादुकोण 4 से 5 करोड़ रुपए, रणबीर कपूर 6 से 7 करोड़ रुपए, अमिताभ बच्चन 6 से 7 करोड़ रुपए और मारिया शारापोवा की कमाई 9 से 10 करोड़ रुपए है. टाइगर वुड्स ने इन सभी नामी हस्तियों को कमाई के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया है. भले ही टाइगर वुड्स महिलाओं के साथ संबंध रखने के मामले में बदनाम हो चुके हों लेकिन कमाई के मामले में वे अव्वल हैं क्योंकि वे उपभोक्ताओं के बीच खासे मशहूर हैं. भारतीय कंपनियां जब अपना प्रोडक्ट विदेशों में बेचना चाहती हैं तो वे ऐसे चेहरे को तलाश करती हैं जो सब से ज्यादा पौपुलर हो. इसीलिए विज्ञापन कंपनियां ज्यादा से ज्यादा पैसा दे कर उसे अपना ब्रैंड एंबैसेडर नियुक्त करती हैं. जाहिर है एक तरह से कंपनियां उन के नाम पर दांव खेलती हैं. ऐसे कई उदाहरण भी हैं, जब विज्ञापन कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय सितारों के सहारे वैश्विक बाजारों में अपना परचम लहरा चुकी हैं.