आए तुम याद

गीत बन गया

होंठों की पंखुडि़यां

छूती सी गाल

कितनी तह खोल गया

रेशमी रूमाल

अनजाना नाम

मीत बन गया

पोरपोर महके हैं

रिश्तों के फूल

भूल कर नहीं भूली

खटमिट्ठी भूल

पलभर का साथ

प्रीत बन गया

यादों की तितलियां

उड़तीं हर शाम

नींद कहां, करवटें

अब अपने नाम

जगना हर रात

रीत बन गया.

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