पैरिस की रंगीन शामों के बारे में सुना तो बहुत था लेकिन पैरिस जा कर फैशन व ग्लैमर की इस राजधानी के अनेक अनजाने रंग देखने को मिले. साहित्य, कला व संस्कृति के अद्भुत नजारों को देखना हो तो पैरिस से खूबसूरत शहर और कोई नहीं.
कुछ समय पहले पति सेवानिवृत्त हुए थे. बच्चे भी अपनेअपने घरपरिवार में व्यस्त थे. हम दोनों पतिपत्नी ने 2 सप्ताह के लिए पैरिस देखने का प्रोग्राम बनाया. एअर फ्रांस से रिटर्न टिकट और इंटरनैट पर पैरिस में होटल मेरियर में बुकिंग करवा दी थी.
निश्चित दिन एअर फ्रांस के विमान ने ‘ओरले’ एअरपोर्ट पर उतार दिया. बिजली के प्रकाश में जगमगाता एअरपोर्ट. शांत, स्वच्छ, सुव्यवस्थित. एअरपोर्ट से बाहर आ कर टैक्सी को रोका और ड्राइवर से होटल चलने के लिए कहा. सड़क के दोनों ओर प्रकाश ही प्रकाश था. टैक्सी चालक ने रास्ते में बताया, ‘‘सर, यहां के लोग अपनी राष्ट्रभाषा फ्रैंच से अत्यधिक प्रेम करते हैं. अंगरेजी व किसी दूसरी भाषा को फ्रैंच की तुलना में हेय समझते हैं. केवल फ्रैंच भाषा में ही बात करते हैं.’’
‘‘परंतु अधिकांश पर्यटक तो फ्रैंच भाषा नहीं जानते होंगे. यहां पर उन को घूमनेफिरने में कठिनाई का सामना करना पड़ता होगा?’’
‘‘ऐसी कोई बात नहीं है. होटलों में अंगरेजी जानने वाले गाइडों की व्यवस्था है. वे सहज सरल भाषा में रोचक ढंग से शहर के सभी दर्शनीय स्थलों का इतिहास बताते हैं और सैर भी करवाते हैं.’’
होटल पहुंच कर कमरे में अपना सामान रखवाया. लंबे सफर से थक गए थे. खानेपीने की इच्छा नहीं थी. कपड़े बदल कर लेटते ही गहरी नींद आ गई.
अगली सुबह उठे, नहाधो कर तैयार हुए, ब्रेकफास्ट किया. रिसैप्शन पर जा कर गाइड के बारे में पूछा. तुरंत उन्होंने अंगरेजी भाषी गाइड की व्यवस्था कर दी. गाइड का नाम था फिलिप. फिलिप के साथ निकल पड़े पैरिस की रंगीन दुनिया की सैर करने के लिए.
फिलिप बता रहा था, ‘‘पैरिस पूरी दुनिया में आधुनिकतम शहर है. यहां पर 3 सुविधासंपन्न अत्याधुनिक हवाई अड्डे और 8 रेलवे स्टेशन हैं. सब से पहले आप को पैरिस की विशिष्ट पहचान ‘एफिल टावर’ की सैर करवाता हूं.’’
एफिल टावर : नजरें ऊपर उठा कर देखा तो एफिल टावर को देखती ही रह गई. टावर की ऊंचाई है 1 हजार फुट और वजन 7,300 टन. फिलिप ने बताया कि इस का डिजाइन गुस्ताव एफिल ने बार्सिलोना में आयोजित होने वाले वर्ल्ड ट्रेड फेयर के प्रवेशद्वार के रूप में आयोजित किया था.
31 मार्च, 1889 को यह बन कर तैयार हुआ था. उस समय यह दुनिया का सर्वोच्च टावर था. टावर की पहली मंजिल पर स्थित रैस्टोरैंट में बैठ कौफी पी, स्नैक्स खाए. उस के बाद लिफ्ट से ऊपर पहुंच गए. वहां से रोशनी में आलोकित पैरिस का मनोरम दृश्य देखा. टावर के दोनों तरफ संग्रहालय हैं. बेसमैंट में थिएटर है. 3 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है.
सेन नदी : पैरिस में शहर के बीच बहती है सेन नदी. फिलिप ने बताया कि सेन नदी पैरिस की जीवनरेखा है. 776 किलोमीटर लंबी सेन नदी पैरिस के मध्य से होती हुई इंगलिश चैनल तक जाती है. नदी के दोनों तटों पर अनेक भव्य ऐतिहासिक स्मारक स्थित हैं. पैरिस को जोड़ने के लिए नदी पर चौड़ी सड़कों वाले 37 पुल बने हैं. इन में दर्शनीय हैं लुई फिलिप पुल और वर्ष 1607 में निर्मित नौंवा पुल. शहर से बाहर नार्मंडी पुल लोहे के तारों से बना दुनिया का सब से लंबा पुल है. एफिल टावर देखने के बाद शानदार क्रूज में बैठ कर सेन नदी की सैर की.
लुव्रे संग्रहालय : अब हमें फिलिप ले गया विश्व के विशालतम, ऐतिहासिक लुवे्र संग्रहालय में. यह ऐतिहासिक संग्रहालय पैरिस का सर्वोत्कृष्ट दर्शनीय स्थल है. संग्रहालय लुवे्र राजप्रासाद में स्थित है. 12वीं सदी में फिलिप द्वितीय ने यहां पर किला बनवाया था. संग्रहालय के बेसमैंट में आज भी किले के अवशेष विद्यमान हैं. वर्ष 1682 तक अनेक बार किले का विस्तार, नवनिर्माण हुआ. वर्ष 1682 में सम्राट लुई (चौदहवें) ने अपना निवास वर्सेल्स राजप्रासाद में कर लिया था तथा वर्ष 1692 में उन्होंने लुवे्र राजप्रासाद को शाही सामान व पुरातन कलाकृतियों का संग्रहालय बना दिया था.
10 अगस्त, 1793 को इसे जनता के लिए खोल दिया गया. उस समय यहां पर 537 पेंटिंग्स तथा 184 अन्य कलाकृतियां प्रदर्शित की गई थीं. नेपोलियन के शासनकाल में प्रदर्शित पेंटिंग्स तथा कलाकृतियों में वृद्धि हो गई. संग्रहालय का नाम बदल कर नेपोलियन संग्रहालय रखा गया. लुई (अठारहवें) तथा चार्ल्स (दसवें) के शासनकाल में 20 हजार हस्तशिल्प की व अन्य कलाकृतियां जमा हो गई थीं. विशाल संख्या देख कर 2008 ई. में इन को 8 खंडों में विभक्त कर दिया गया. यहीं पर रखी है लियोनार्दो द विन्ची की अमूल्य, मूल कृति- मोनालिसा. उस को हम दोनों देखते रह गए. विश्वास नहीं हो रहा था कि वास्तव में हम ‘मोनालिसा’ की पेंटिंग के सामने खड़े हैं.
कैथेड्रल औफ नाटरडस: 10वीं सदी में यह कैथेड्रल ‘अवर लेडी औफ पेरिस’ के नाम से प्रख्यात था. कैथेड्रल औफ नाटरडस फ्रैंच गोथिक स्थापत्य कला का विशिष्ट नमूना है. इस का निर्माण कार्य वर्ष 1163 में शुरू हो कर वर्ष 1205 में पूरा हुआ था. 1492 के आसपास यह फ्रैंच संस्कृति का केंद्र रहा. पत्थर की भव्य प्रतिमाएं तथा गोथिक कला इस के सौंदर्य में चारचांद लगा देती हैं.
पैरिस के आर्कबिशप का यही आधिकारिक स्थल है. अपनी भव्य स्थापत्यकला के लिए यह पर्यटकों का लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है.
22 मीटर गहरे गुंबद के नीचे प्रथम विश्व युद्ध के अज्ञात शहीदों की समाधि है.
फिलिप हमें ‘इन्वेल्डिस’ ले गया. बताने लगा, ‘‘यहां पर फ्रांस की राज्यक्रांति में वीरगति को प्राप्त हुए शहीदों की समाधि फ्रैंच व जनता के नायक नेपोलियन की भी समाधि है.’’
स्थानस्थान पर नेपोलियन की प्रस्तर प्रतिमाएं देख कर थोड़ा आश्चर्य हुआ. फिलिप ने बताया, ‘‘सर, नेपोलियन आप को पैरिस की जनता के दिलों में विद्यमान मिलेगा.’’ नेपोलियन का घर, उस का कार्यालय, अस्त्रशस्त्र का संग्रहालय, नेपोलियन की प्रस्तर प्रतिमाएं उस की जीवंतता का आभास दिला रही थीं.
वर्सेल्स राजप्रासाद : वर्सेल्स के राजप्रासाद में प्रवेश करने से पहले बाहर विशाल रंगबिरंगे, मनोरम फूलों से सजे उद्यान को देख कर ही मन आनंदित हो उठा. इतनी मनमोहक दृश्यावली देखने का मौका पहली बार मिला था. फौआरे, प्रस्तर प्रतिमाएं उद्यान की शोभा को द्विगुणित कर रही थीं. राजप्रासाद में विशाल सभागार, निजी कक्षों में बिखरा अपार वैभव सौंदर्य देखा. एक ओपेरा हौल तथा विश्वप्रसिद्ध ‘हौल औफ मिरर्स’ है. हौल में चारों ओर दर्पण ही दर्पण हैं.
पैरिस में रचाबसा है कलासाहित्य, संगीत का अनुपम संसार. रोदां, भोगा, पिकासो को कौन नहीं जानता. फ्रांस में इन का नाम सुन कर आम आदमी के चेहरे खुशी से खिल उठते हैं. स्वयं को वे गौरवान्वित समझते हैं. लियोनार्दो-द-विन्ची यहीं के वासी थे. विश्वविख्यात लेखक मोंपासा, अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कर्मभूमि थी यह. यहीं पर देखा एक उद्यान में स्थित ‘स्टेच्यू औफ लिबर्टी’ का मौडल. मौडल पहले बना था, मूर्ति बाद में.
चैंपस एलिसैस एवैन्यू : पैरिस ने हमें पूरी तरह से अपने साथ बांध लिया था. शानदार चौड़ी सड़कों के साथसाथ संकरी गलियां भी थीं. परंतु एक शानदार, मशहूर एवैन्यू है- चैंपस एलीसीस. फिलिप ने बताया कि ग्रीक पौराणिक कथाओं में वर्णित देवात्माओं के वास स्थान ‘एलिसियन फील्ड्स पर फ्रैंच भाषा में यह नाम रखा गया है. यहां पर हैं- सिनेमाघर, कैफे, बड़ेबड़े शानदार स्टोर. दुनिया में सब से ज्यादा महंगी है यहां की संपत्ति. वास्तव में यह दुनिया की सब से सुंदर गली मानी जाती है. गली कांकोर्ड से शुरू हो कर चार्ल्स-द-गाल चौराहे तक जाती है. यहां पर बड़ीबड़ी कंपनियों के बड़ेबड़े स्टोर हैं. हम ने भी यहां पर कपड़ों, जूतों की खरीदारी की.
प्लेस-द-ला-कांकोर्ड : 21.3 एकड़ भूमि पर फैले प्लेस-द-ला-कांकोर्ड के एक ओर घोड़े पर सवार सम्राट लुई (15वें) की प्रतिमा है. यह स्थल अष्टकोणीय है. इस स्थल के पश्चिम में है ‘चैंपस एलिसैस एवैन्यू’, पूर्व में है ट्यूलेरिस गार्डन, उत्तर में है 2 समरूप इमारतें और दक्षिण में है सेन नदी पर बना कान्कोर्ड पुल. इस स्थल के मध्य में मिस्र द्वारा प्रदत्त उपहार, लाल ग्रेनाइट का 23 मीटर ऊंचा और 280 टन वजन वाला प्राचीन शिलास्तंभ स्थित है. 2 खूबसूरत फौआरे इस स्थल की शोभा बढ़ा रहे हैं.
डिजनी लैंड : पैरिस से 32 किलोमीटर दूर बना है यूरोप का सर्वाधिक लोकप्रिय दर्शनीय स्थल डिजनीलैंड. डिजनीलैंड थीम पार्क के 5 खंड मेनस्ट्रीट यूएसए, फ्रंटियर लैंड, फैंटेसीलैंड, एडवैंचर लैंड व डिस्कवरी लैंड है. यहां के प्रमुख आकर्षण हैं- लीजैंड्स औफ द वाइल्ड वैस्ट, वुर्डीस राउंड अप विलेज, कैरीबियन पिरेट्स, अलादीन का जादुई रास्ता, स्लीपिंग ब्यूटी का किला, स्नोव्हाइट और सात बौने, पीटर पैन की फ्लाइट, बैक स्टेज मैजिक विद मिकी माउस. डिजनीवर्ल्ड स्टूडियो पार्क में डिजनी की प्रख्यात फिल्में फिल्मायी जाती हैं. डिजनीलैंड पार्क में घूमने के लिए एक दिन का समय भी कम है. पर्यटकों के रहने, खानेपीने का अच्छाखासा प्रबंध है.
पैरिस शहर में दुनिया का आधुनिकतम कैबरे थियेटर ‘लिडो’ है. बहुत चर्चा सुनी थी परंतु टिकट के दाम देख कर भीतर जाने का साहस नहीं कर पाए. वैसे भी कैबरे डांस देखने में रुचि नहीं. कहते हैं कि यहां के कलात्मक कैबरे नृत्य को देख कर दर्शक मंत्रमुग्ध रह जाते हैं.
इतना सब कुछ देख पाने के बाद भी पैरिस देखने की इच्छा बढ़ती ही जा रही थी. वापसी का समय आ गया था. बच्चों के लिए थोड़ीबहुत खरीदारी भी करनी थी. सो, गाइड से कहा कि वह हमें अब खरीदारी करवा दे. उस के साथ जा कर र्यू सैंट हौनर व प्लेस वेंडोस से कुछ आभूषण व परफ्यूम खरीदे. मोंटमार्ट में पुरानी कलाकृतियां व स्मृतिचिह्न मिल गए. मेरेस के डिपार्टमैंटल स्टोर्स पर उचित मूल्य पर कपड़े व अन्य सामान मिल गया.
आखिरकार जाने का दिन आ गया. अपने गाइड फिलिप का बहुतबहुत धन्यवाद कहा. उस के सहयोग के बिना इतने कम समय में इतना कुछ देख पाना, वह भी विस्तारपूर्वक देख पाना संभव न था. भारत से लाए संगमरमर का ताजमहल उस को आभारस्वरूप भेंट किया जिसे ले कर वह अत्यधिक प्रसन्न हुआ. निसंदेह पैरिस बहुत खूबसूरत है. यहां पर सर्वत्र समृद्धि, संपन्नता दिखाई देती है. फ्रांसवासी अपनी राष्ट्र- भाषा, अपने देश के प्रति पूर्णरूप से समर्पित हैं. साहित्य, कला व संस्कृति की अनूठी दीप ज्योति प्रज्वलित है यहां. रंगीन दुनिया और पुरातन संस्कृति को देखना हो तो पैरिस से श्रेष्ठ स्थान दुनिया में शायद ही कोई हो. लौट आए थे भारत परंतु वहां की अविस्मरणीय स्मृतियां आज भी मन में जीवंत हैं.
कैसे जाएं
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई से एअरफ्रांस की विमानसेवा उपलब्ध है. एअर की फ्लाइट इंडिया भी दिल्ली, मुंबई से पैरिस जाती है.
कब जाएं
पैरिस में सस्ते, महंगे सभी प्रकार के आवासीय स्थान, होटल उपलब्ध हैं. ट्रैवल एजेंट व इंटरनैट पर इस संबंध में विस्तृत जानकारी ली जा सकती है.
शौपिंग
चैंपस एलिलैस एवेन्यू, र्यू-सैंट-हौनर, प्लेस वेंडोस, दी मरेस, सैंट रजमेन, मोन्टामार्टे शौपिंग के लिए उपयुक्त स्थान हैं. दुकानें सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे या 7 बजे तक खुली रहती हैं. बड़े शौपिंग सेंटर व डिपार्टमैंटल स्टोर सुबह 9 बजे से शाम 9.30 बजे तक खुले रहते हैं.
भोजन
यों तो विविध प्रकार का भोजन मिलता है परंतु शाकाहारियों के लिए पिज्जा, बर्गर और सलाद जैसे सीमित विकल्प ही उपलब्ध होते हैं.