Motivation : हम में से अधिकतर लोग जीवन को कल पर टालते रहते हैं, सोचते हैं कि किसी और दिन जिएंगे, जब समय मिलेगा, जब मूड अच्छा होगा जबकि हकीकत यह है कि सब से कीमती पल वही होता है जो इस वक्त हमारे पास है, यानी आज.
हम इंसान अकसर भविष्य की चिंता में वर्तमान को भूल जाते हैं. हम सोचते हैं कि जब सबकुछ सही होगा, तब जिएंगे, तब खुशी मनाएंगे, तब खुद के लिए समय निकालेंगे. लेकिन क्या कभी सोचा है कि ‘सबकुछ सही’ वाला दिन कभी आएगा भी या नहीं? हमारे पास अलमारी में सुंदर कपड़े होते हैं, जिन का इंतजार रहता है कि किसी खास मौके पर पहनेंगे. लेकिन वह मौका या तो आता नहीं या जब आता है, तब हम उन्हें पहनने के बजाय फिर कोई नया बहाना ढूंढ़ लेते हैं. ठीक वैसे ही, हम अपने जीवन के बहुमूल्य पल भी ‘किसी खास समय’ के लिए बचा कर रखते हैं और वह समय अकसर कभी आता ही नहीं.
आज को खास बनाइए
हर दिन, हर सुबह अपने साथ एक नया मौका ले कर आती है. यह मौका है खुद को सम?ाने का, अपनों के साथ समय बिताने का और जिंदगी को महसूस करने का. लेकिन हम उस मौके को पहचान ही नहीं पाते. हम मशीनों की तरह काम करते जाते हैं और यह सोचते जाते हैं कि एक दिन आराम मिलेगा, एक दिन सब ठीक होगा, एक दिन पूरी तरह जी लेंगे. पर वह ‘एक दिन’ किसी कैलेंडर पर नहीं लिखा होता, उसे हमें ‘आज’ में ही ढूंढ़ना है. बचपन से ले कर अब तक, हम सिर्फ दौड़ते आ रहे हैं. बचपन में सोचा, बड़े होंगे तो आजादी मिलेगी. बड़े हुए तो कहा, नौकरी लगेगी तो चैन मिलेगा. नौकरी लगी तो कहा, अब परिवार और जिम्मेदारियां हैं, बाद में जिएंगे. और जब समय मिला, तब शरीर थक चुका होता है, मन बो?िल हो चुका होता है और तब तक जीवन के कई खूबसूरत पल निकल चुके होते हैं.
‘कल’ को बेहतर बनाने का सब से अच्छा तरीका यही है कि हम ‘आज’ को पूरी सच्चाई और संजीदगी से जिएं. खुशियां तब नहीं मिलेंगी जब सबकुछ हमारे हिसाब से होगा, बल्कि तब मिलेंगी जब हम हर स्थिति में कुछ अच्छा ढूंढ़ना शुरू करेंगे. हर दिन को एक तोहफे की तरह देखें. छोटी बातों में भी खुशी ढूंढें़. खुद के लिए जिएं. क्योंकि, यह जिंदगी आप की है और हर बीता पल कभी लौट कर नहीं आता.
खुशियां बाहर नहीं, हमारे रोजमर्रा के लमहों में
हम सोचते हैं कि खुश रहने के लिए कुछ बड़ा होना चाहिए. बड़ी गाड़ी, बड़ा घर, बड़ी सफलता. लेकिन सच्चाई यह है कि खुशियां कहीं बाहर नहीं होतीं, वह हमारे रोजमर्रा के छोटेछोटे लमहों में होती हैं जैसे बच्चों की मुसकान में, किसी दोस्त की यादभरी कौल में, मां के हाथ के खाने में, किसी पुराने गाने को सुनते हुए बहती हुई भावनाओं में आदि. हमें इन लमहों को पहचानने और जीने की आदत डालनी होगी. छोटीछोटी बातों में जीवन की सच्ची खुशियां छिपी होती हैं. बस, हमें उन्हें जीना आना चाहिए.
परफैक्ट पल की प्रतीक्षा मत करो
जिंदगी परफैक्ट नहीं होती, न ही कोई पल पूरी तरह परफैक्ट होता है पर जब हम किसी भी क्षण को खुल कर जीते हैं वह पल खुदबखुद खास बन जाता है. इसलिए अपने अच्छे कपड़े आज पहनिए, अपनी पसंदीदा चाय आज पीजिए, दोस्तों से आज बात कर लीजिए और अपनों को आज गले लगाइए क्योंकि हो सकता है कि कल हमारे पास न हो. सब से दुखद बात यह होती है कि जब हम सम?ाते हैं, तब बहुत देर हो चुकी होती है.