USA : अंडे अगर एआई से बनाए जा सकते तो एलन मस्क अमेरिका की सड़कों पर अंडों की बारिश करवा देते लेकिन चूंकि अंडे मुर्गियां देती हैं इसलिए उन पर तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी बस नहीं चल रहा. सारी दुनिया को बस में करने का ख्वाव देख रहे बेबस ट्रंप अपने देश के अंडा संकट से निजात पाने दूसरे देशों तुर्की पोलेंड और साउथ कोरिया और फिनलेंड के आगे झोली फैलाए खड़े हैं. शायद किसी को इस उभरते तानाशाह पर दया आ जाए, हालांकि ऐसा लग नहीं रहा.

हैरानी भरी खबर यह है कि अमेरिका में अंडा 80 रुपए प्रति नग तक बिक रहा है जिस के चलते लोग त्राहित्राहि कर रहे हैं. अंडों की तस्करी और कालाबाजारी होने लगी है, स्टोर्स को तय शुदा मात्रा में अंडे दिए जा रहे हैं. लोग किराए पर मुर्गियां ले कर अंडा उत्पादन कर रहे हैं क्योंकि वह महंगा अंडा खरीदने के मुकाबले सस्ता पड़ता है. अंडों को ले कर सोशल मीडिया पर मीम्स वायरल हो रहे हैं. सड़कों पर भी प्रदर्शन होने लगे हैं जो जाहिर है डैमोक्रेट्स ज्यादा कर रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे हमारे देश में कभीकभी विपक्षी आलू प्याज और टमाटर को ले कर हायहाय करने की रस्म निभा देते हैं.

आलू प्याज और टमाटर के दामों के बाबत अच्छा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी पंडित जवाहरलाल नेहरु को जिम्मेदार नहीं ठहराया जो कि उन की आदत में शुमार है कि जिस मसले पर कोई दलील या बहाना भी न सूझे तो झट से नेहरु गांधी खानदान को उस का जिम्मेदार ठहरा दो. भक्त और पूजा पाठी झट से मान लेंगे. उधर ट्रंप ने अंडा संकट के बाबत पूर्व राष्ट्रपति जो बाईडैन को ठहराते अंडों का ठीकरा उन के सर फोड़ दिया है. न केवल अंडों बल्कि बढ़ती मुद्रा स्फीति और महंगाई के लिए भी उन्होंने संसद में वाईडैन सरकार को इस का जिम्मेदार ठहराया.

लेकिन ऐसे बहाने भरे वक्तव्यों और भाषणों से अंडा संकट दूर होता नहीं दिखाई दे रहा. हाल यह है कि एक दर्जन अंडे की कीमत 10 डौलर तक पहुंच गई है. मोटेतौर पर कहें तो लगभग 80 रुपए का एक अंडा पड़ रहा है. इस भाव में अंडे खरीदना हरेक अमेरिकी के बूते की बात नहीं है क्योंकि अंडे उन के दैनिक आहार का खास हिस्सा होते हैं.

अंडों की कम पैदावार के लिए बर्ड फ्लू नाम की बीमारी को जिम्मेदार माना जा रहा है जिस से बचने करोड़ों मुर्गियों मार दी गईं. अब मुर्गियां कम तो अंडे भी कम होंगे ही. रेंट द चिकन एजेंसी किराए पर मुर्गियां मुहैया करा कर जम कर चांदी काट रही है. यह एजेंसी 495 डौलर में दो मुर्गियां 6 महीने के लिए किराए पर उपलब्ध करा रही है.

एक स्वस्थ मुर्गी एक सप्ताह में एक दर्जन अंडे देती है. इस लिहाज से ग्राहकों के नजरिये से भी सौदा बुरा नहीं जिन्हें एक फायदा अंडों के लिए भागादौड़ी से बचने का भी है नहीं तो आधा दिन पैट्रोल फूंकने के बाद अगर दर्जन भर अंडे जैसेतैसे मिल भी जाएं तो 5 – 10 डौलर तो पैट्रोल में ही फुंक जाना है और वक्त की बरबादी की कीमत अलग.

अब ट्रंप को आदेश देना चाहिए कि सभी अमेरिकी चर्चों में जा कर प्रभु से यह प्रार्थना करें कि ‘हे ईश्वर जल्द से जल्द मुर्गियों को स्वस्थ कर दो और बर्ड फ्लू को समूल नष्ट कर दो जो मागा की राह में रोड़ा बन कर आया है.’

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