USA : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर अमेरिकी सेना को वापस भेजने का इरादा जताया है. एक तरफ तो खपती ट्रंप कहते हैं कि वे दूसरे देशों में अमेरिका को उलझाएंगे नहीं और दूसरी तरफ गाजा में अमेरिकी टूरिस्ट स्पौट बनाएंगे का सपना दिखा रहे हैं और अब कह रहे हैं कि अफगानिस्तान का पूर्व अमेरिकी बेस बगराम का नियंत्रण जो चीन के हाथ आ गया है वापस लेंगे. यह अमेरिका के लिए परेशानी पैदा कर सकता है. अमेरिका न सिर्फ बगराम पर अपना कब्जा चाहता है बल्कि उस ने अब तक अफगानिस्तान में जो खतरनाक हथियार भेजे अब उन्हें भी वापस पाने के लिए मांग कर रहा है. अमेरिका करीब 7 अरब डौलर के अमेरिकी सैन्‍य हथियार तालिबानी सेना के पास भागते हुए छोड़ गया था. इस में करीब 8 लाख राइफलें और 70 हजार आर्मर्ड ट्रक शामिल हैं.

बगराम बेस अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित है जो करीब 2 दशक तक अमेरिकी सेना का सब से बड़ा सैन्य अड्डा था. इस बेस को साल 1950 के दशक में शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने बनाया था. अफगानिस्तान में साल 1979 में हमले के बाद यह बेस रूसी सेना का मुख्य ठिकाना बन गया था. सोवियत संघ के जाने के बाद अमेरिका ने साल 2001 में बगराम बेस पर कब्‍जा कर लिया था. बगराम में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा अलकायदा के आतंकवादियों से पूछताछ की जाती थी. इस विशाल बेस में 10,000 अमेरिकी सैनिकों के रहने की क्षमता थी, जिस में स्विमिंग पूल, सिनेमा, स्पा और बर्गर किंग जैसे रेस्तरां भी शामिल थे.

चीन की नजर भी अफगानिस्तान के अरबों डौलर के लिथियम भंडार और तेल तथा खनिजों पर है.

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