Health Update : आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर कोई अगर कुछ ढूंढ रहा है तो वह है खुशी या हैप्पीनेस. इसे पाने के लिए सब कुछ करने तैयार है लेकिन इस को वह हासिल करने में नाकाम हो रहा है. इसे अचीव करने के लिए यहां कुछ उपाय सुझाए गए हैं.

3H यानि: हैल्थ (Health) + हारमनी (Harmony) + हैप्पीनेस (Happiness)

आजकल की भागमभाग वाली जिंदगी में हम तनाव से भरे हुए हैं और कहीं न कहीं इस तनाव का असर हमारे स्वास्थ्य, आपसी तालमेल और खुशियों पर पड़ता है, इसलिए एक अच्छी और खुशहाल लाइफ के लिए इन 3H का साथ होना बेहद जरूरी है. तो फिर क्यों न हम कोशिश करें “जीवनभर छूटे न इन 3H का साथ” ताकि हम रहें स्वस्थ और तनावमुक्त और अपने सारे लक्ष्यों और संकल्पों को पूरा कर सकें.

क्योंकि जीवन का कोई भी लक्ष्य या संकल्प हो, बिना इन 3H के पूरा नहीं किया जा सकता.

इस को समझे कुछ इस तरह:

हैल्थ (Health)

बिना अच्छी हैल्थ या स्वास्थ्य के हम अपना कोई भी संकल्प, लक्ष्य या काम अच्छे से या कुशलतापूर्वक नहीं कर सकते है क्योंकि यह तो हम सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ शरीर ही किसी भी काम को अच्छे से और तय समय सीमा में कर सकता है.

हार्मोनी या तालमेल (Harmony)

जब हमारी हैल्थ या स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी हम एकदूसरे के संग एक अच्छी हार्मोनी या तालमेल बना पाएंगे (जैसे: परिवार और दोस्तों संग, औफिस में). यदि आपस में अच्छा तालमेल या हार्मोनी नहीं होगी तो तनाव होता है और यह हमें कई बार बीमार भी बना देता है तब हम अवसाद से घिर सकते हैं.

हैप्पीनेस (Happiness)

जब हम अवसाद से घिर जाते हैं तब हम कभी भी खुश नहीं रह सकते और तब दुनिया की सारी धनदौलत चाहकर भी हैप्पीनेस को नहीं खरीद सकती. इसलिए लक्ष्य कोई भी हो उसे पूरा करने के लिए इन 3H का साथ होना जरूरी है.

हेल्थ (Health )

आजकल की हमारी भागमभाग और तनाव से भरी व्यस्त दिनचर्या और डिजिटल दुनिया के अधिक समय तक इस्तेमाल हम को कम उम्र में ही बीमार बना रही है,रही है. जिस से कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो रही है. कहा जाता है “हेल्थ इस वेल्थ” मतलब हमारा स्वास्थ्य ही धन है क्योंकि यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं तो कहीं न कहीं हम जीवन के सभी आकर्षण को खो देते हैं और और अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाते हैं.

लेकिन यदि हम चाहें तो हमारी व्यस्त दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव ला कर अपनी सेहत का खयाल रख सकते हैं. साथ ही अपनी कार्य करने की क्षमता को भी बड़ा सकते हैं और अपने संकल्प को पूरा कर सकते हैं.

स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए हमें नियमित शारीरिक व्यायाम, योग, ध्यान, संतुलित भोजन, अच्छे विचार, नियमित चिकित्सकीय जांच, पर्याप्त मात्रा में सोना और आराम करना और हमेशा खुश रहने, धैर्य रखने की आदत आदि की आवश्यकता होती है.

अच्छा स्वस्थ्य पाने के लिए काम आएंगे ये तरीके

लें भरपूर नींद

अच्छे स्वास्थ्य के लिए वयस्कों को कम से कम 7-8 घंटे की नींद होना आवश्यक है. यह हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल असर डालती है और दिनभर ऊर्जा से से भरपूर रखती है. यह हमें कई गंभीर बीमारियों जैसे: मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, उक्त रक्तचाप से दूर रखती है.

करे नियमित व्यायाम

अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें रोज सुबह आधे या एक घंटा शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता होती है. नियमित व्यायाम में हम तेज चलना, दौड़ लगाना, साइकिलिंग करना आदि शामिल कर सकते हैं. यदि इस की आदत डाल लें तो जल्दी ही आप अपने नए साल के संकल्प को पूरा कर पाएंगे.

फायदे

•हमारी मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है
• शरीर में खून के बहाव को भी बेहतर बनाता है
• ब्लडप्रैशर को नियंत्रित करने में मदद करता है
• तनाव व डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों से दूर रखता है
• हमारा मेटाबौलिज्म बढ़ता है जिस के कारण आराम करते समय भी कैलोरी बर्न होती है
• वजन तेजी से कम होता है
• बढ़ती उम्र की गति को धीमा कर के आप को अधिक समय तक जवान बनाए रखने में मदद करता है. दिमाग भी सक्रिय रूप से कार्य करता है.
• हमारा स्टैमिना बढ़ता है, जिस से हम अपना काम बेहतर और अच्छे तरीके से कर पाते हैं जिस से हमारी कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है.

रहें दूर अल्ट्रा प्रोसेसस्सड फूड से और करें संतुलित भोजन

कैलोरी से भरपूर अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड्स में फाइबर की मात्रा कम, चीनी की मात्रा जरूरत से ज्यादा होती है इसलिए ऐसी चीजों को खाने से पेट तो भर जाता है, लेकिन वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है. इन का सेवन हम आमतौर भूख न लगने पर भी कर लेते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है.

जैसे: फ्रेंचफ्राइज, पिज्जा, फ्रोजन फूड साथ ही आलू को न खा कर आप इस से तैयार चिप्स, चिल्ली पोटैटो या फिर फ्रेंचफ्राई आदि खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं. इन को बनाने की प्रक्रिया में रसायनों का प्रयोग होने से उस की असल गुणवत्ता खराब हो जाती है और यही फूड्स आप के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं.

इसलिए स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें भरपूर पोषण देता है. इस में सभी आवश्यक पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, प्रोटीन और विटामिन, मिनरल, पानी आदि शामिल होते हैं. इसलिए संतुलित आहार के लिए हमें हमारी दिनचर्या में जैसे ताजे फल या फलों का रस, सलाद, हरी सब्जियां, दूध, अंडे, दही, अंकुरित सलाद, नट्स, बीन्स, फाइबरयुक्त भोजन करना चाहिए.

मोबाइल पर बिताए कम से कम समय

आज चाहे बच्चे हो या बड़े अपना अधिकतर समय मोबाइल में व्यतीत करते हैं. हम सभी ने अपने आप को स्क्रीन के सामने कैद कर लिया है और इस का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य पर एक गहरा प्रभाव डाल रहा है.

क्योंकि हम ने आपस में मिलनाजुलना छोड़ दिया है और हमारे बच्चों ने खेलनाकूदना बंद सा ही कर दिया है. सारे गेम मोबाइल पर ही खेलते हैं, जिस से उन का शारीरिक विकास रुक गया है. उन की क्रिएटिविटी कम हो रही है, हमारे बच्चे कम उम्र में ही बीमारियों का शिकार हो रहे है.
दिनभर फोन पर बिजी रहने की आदत सेहत से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं भी
खड़ी कर सकती हैं जैसे: आंखों की समस्या, गले और पीठ में दर्द, उंगलियों में दर्द, नींद न आने की समस्या, डिप्रेशन आदि.

हारमनी (Harmony)

हारमनी या तालमेल का अर्थ, किसी भी संबंध के मध्य पारस्परिक समन्वय से है. तालमेल जितना अच्छा होगा जीवन भी उतना ही सुगम होगा. किसी भी क्षेत्र में चाहे घरपरिवार हो, पतिपत्नी, औफिस या समाज हो हर जगह तालमेल की जरूरत होती है. यदि आपस में तालमेल बैठाना आ गया तो आप का जीवन खुशियों से भर जाएगा लेकिन यह तालमेल की स्थिति तभी बन पाती है जब हम एकदूसरे को समय दे पाते हैं. यदि यह नहीं तो सभी जगह हमारी तूतू मैंमैं होती रहेगी और तनाव होगा इसलिए जरूरी है कि हम घरपरिवार, बच्चों, समाज और अपने कार्य क्षेत्र में तालमेल बनाए रखें.

रिश्ता कोई भी हो बेहतरी के लिए पर्याप्त समय मांगता है, लेकिन आजकल समय के अभाव के चलते रिश्तों को निभाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं और रिश्तों को जबरन निभा रहे हैं. यह कहीं न कहीं रिश्तों की मिठास को कम कर रहा है जिस की वजह से आजकल संयुक्त परिवार टूटे रहे हैं. पतिपत्नी अलग हो रहे हैं. मातापिता बच्चों से दूर हो रहे है. सब कुछ होते भी अपने आप को अकेला महसूस कर रहे हैं और इस अकेलेपन का दर्द या इलाज ढूंढने के लिए डिजिटल दुनिया का सहारा ले रहे हैं.

अपना बहुत सारा समय इस पर बिता रहे हैं जिस के कारण अपनों से और परिवार से दूर होते जा रहे हैं. पुराने समय की बात करें तो हम किसी भी समस्या का हल आपस में बैठ कर सुलझाया करते थे. जिस के कारण हम एकदूसरे से जुड़े रहते थे लेकिन आजकल इस के अभाव में हम अकेले होते जा रहे हैं और धीरेधीरे अवसाद की और जा रहे हैं. इस मानसिक तनाव या स्थिति में नए संकल्प और अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

हैप्पीनेस (Happiness)

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर कोई यदि कुछ चीज ढूंढ रहा है तो वह है खुशी या हैप्पीनेस. इसे पाने के लिए सब कुछ करने तैयार है लेकिन इस को वह हासिल करने में नाकाम हो रहा है. ऐसा कहा जाता है कि पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है लेकिन शायद खुशी नहीं. इसलिए हैप्पीनेस के लिए पहचाने अपनी खुशियों को.
हम सभी को अलगअलग तरीके से खुशी मिलती है. जैसे किसी को अच्छा खाने से खुशी मिलती है, तो किसी को अच्छे कपड़े पहनने से, तो किसी को घूमनेफिरने से, तो किसी को अपने घर के गार्डन में काम करने से, तो किसी तो मंदिर जा कर सेवा करने. किसी को पढ़नेलिखने से, तो किसी को परिवार के साथ समय बिताने से, तो किसी को संगीत सुनने से, तो किसी को पैसा कमाने से और अपना बैंकबैलेंस बढ़ने से आदि तो खुश रहने के लिए सब से जरूरी है कि आप अपनी खुशी को पहचाने. आखिर आप को किस काम को करने से खुशी मिल रही है उस को पहचानना आवश्यक है ताकि आप खुश रह सकें.

करें सेल्फकेयर

कई बार खुद की केयर करने से एवं दूसरों की केयर करने से भी आप ऊर्जावान और आनंदित हो सकते हैं जैसे परिवार संग क्वालिटी समय बिताना, प्रकृति से जुड़ना कुछ समय पेड़पौधों के साथ बिताना, अपनी पसंद का काम करना या कुछ ऐसा काम भी करना जिस से यदि दूसरों को भी खुशी मिलती हो हमेशा अपने बारे में ही न सोचें.

सकारात्मक रहें

खुश रहने के लिए संतुष्ट रहें और अपनी सोच को सकारात्मक रखें. दूसरों से ज्यादा उम्मीद न रखें. अक्सर हम दूसरे से कुछ ज्यादा ही उम्मीद रख लेते हैं और जब वह पूरी नहीं होती तो निराश और दुखी हो जाते हैं. वास्तव में कई बार हमारी यही निराशा खुशी के ऊपर हावी हो जाती है और हम चाहकर भी खुश नहीं रह पाते जैसे: उन को हमारे साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए था अच्छा खाना बनाना चाहिए था अच्छा गिफ्ट देना चाहिए था वगैरहवगैरह.

बिताए कुछ समय अपने के साथ

आजकल की भागदौड़ वाली दिनचर्या के बाद जब भी फ्री समय मिलता है हम अपना मोबाइल ले कर बैठ जाते हैं. अपना बहुत सारा समय इस आभासी दुनिया में बिता देते हैं जिस के कारण हम पूरी दुनिया से और लोगों के साथ तो जुड़े (कनैक्ट) रहते हैं. यदि हम चाहें तो अपने इस अकेलेपन को दूर करने के लिए अपना कुछ समय परिवार, बच्चों और अपने दोस्तों के साथ मिलनेजुलने, हंसीमजाक, गपशप करने, घूमनेफिरने, खानेपीने में गुजार सकते हैं और कुछ खुशियों के पल अपनी यादों में शामिल कर सकते हैं और खुश रह सकते हैं.

इसलिए आवश्यक है कि एक खुशहाल, स्वस्थ और तनाव मुक्त लाइफ के लिए “छूटे न साथ इन 3H का.” यदि आप इन 3H को पकड़ कर रखेंगे तभी आप अपने लक्ष्यों को बिना किसी रूकावट के पूरा कर पाएंगे.

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