अगस्त माह का दूसरा सप्ताह बौलीवुड और सिनेमाघरों के लिए ठीक नहीं रहा. इस सप्ताह यानी कि 9 अगस्त को विनीत कुमार सिंह, अक्षय ओबेराय व उर्वशी की फिल्म ‘घुसपैठिया’ के अलावा ‘होकस फोकस’ और ‘आलिया बसु गायब है’ सहित तीन छोटे बजट की फिल्में प्रदर्शित हुईं. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि पिछले सप्ताह की दो फिल्मों ‘उलझ’ तथा ‘औरों में कहां दम था’ को कुछ फायदा हो जाएगा, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ. सिनेमाघरों में सन्नाटा छाया रहा.

अगस्त माह के पहले सप्ताह में प्रदर्शित जान्हवी कपूर की फिल्म दूसरे सप्ताह में महज दो करोड़ ही कमा सकी. दोनों सप्ताह का मिला कर इस फिल्म ने केवल 9 करोड़ रुपए ही कमाए. इस में से निर्माता की जेब में बामुश्किल 4 करोड़ ही जाएंगे. सब्सिडी मिलने के बावजूद 40 करोड़ में बनी ‘उलझ’ से निर्माता को 36 करोड़ का नुकसान हुआ. अब तो लोग खुल कर ‘उलझ’ के निर्देशक सुधांशु सरिया पर फिल्म के इस कदर नुकसान का ठीकरा फोड़ने लगे हैं.

वहीं अगस्त के प्रथम सप्ताह में प्रदर्शित अजय देवगन और तब्बू की फिल्म ‘औरों में कहां दम था’ भी दूसरे सप्ताह में महज दो करोड़ ही कमा सकी. इस तरह दो सप्ताह के अंदर इस फिल्म ने 12 करोड़ कमाए, जिस में से निर्माता की जेब में जाएंगे 5 करोड़ रुपए. जबकि फिल्म का बजट 100 करोड़ रुपए है. इस का अर्थ यह हुआ कि निर्माता को पूरे 95 करोड़ रुपए का घाटा हुआ.

अगस्त माह के दूसरे सप्ताह, 9 अगस्त को प्रदर्शित निर्देशक सुशि की विनीत कुमार सिंह, उर्वशी और अक्षय ओबेराय के अभिनय से सजी फिल्म ‘घुसपैठिया’ केवल एक लाख रुपए ही कमा सकी. इस में से निर्माता की जेब में कुछ नहीं आएगा. मतलब यह हुआ कि फिल्म की पूरी लागत डूब गई. दूसरे सप्ताह, 9 अगस्त को ही निर्देशक पैरी डुडेजा की 32 अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड जीत चुकी फिल्म ‘होकस फोकस’ प्रदर्शित हुई. इस फिल्म में सुचि कुमार, सत्येंद्र सिंह गहलोत और सोना भंडारी की अहम भूमिकाएं हैं, मगर यह फिल्म पूरे सात दिन में बौक्स औफिस पर केवल तीन लाख रुपये ही कमा सकी. इस फिल्म के निर्माता की पूरी लागत डूब गई.

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