पूजापाठियों द्वारा महिलाओं और कन्याओं को डरा व लालच दिखा कर उन से रुद्राभिषेक कराने के लिए कहा जाता है. इस में उन को केवल पैसा खर्च करना होता है, बाकी काम की जिम्मेदारी पूजा करने वाले की होती है. आज लोगों के संपर्क कम होते जा रहे हैं, ऐसे में सोशल मीडिया पर वैबसाइट के जरिए इन पूजापाठियों का प्रचार होता है. पूजा कराने के लिए इन से वहीं संपर्क कर सकते हैं. अगर किसी पूजापाठी पास समय नहीं होता या वह कहीं दूर है तो वह करीब वाले अपने किसी पूजापाठी को भेज देता है.

जिस तरह से ओला, ऊबर काम करते हैं वैसे ही पूजापाठी भी कर रहे हैं. आज के समय में कोई भी अपने कैरियर और वेतन से संतुष्ट नहीं है. 45 साल के बाद बीमारी होती है. मुकदमे भी चलते हैं. प्रौपर्टी भी चाहिए होती है. ऐसे में इस के झांसे में लोग जल्दी आ जाते हैं. एक मध्यवर्ग शख्स की मासिक कमाई 12 से 15 हजार रुपए है. एक रुद्राभिषेक की सामान्य पूजा में इतने पैसे आराम से खर्च हो जाते है. पूजापाठी पूजा का खर्च और महत्त्व माली हालत देख कर वसूलता है. किस काम के लिए पूजा की जा रही है उस को भी बताया जाता है. उस के पूजन का तरीका भी अलग होता है.

रुद्राभिषेक का गणित

सावन माह में रुद्राभिषेक का महत्त्व ज्यादा होता है. सोशल मीडिया पर इस का खूब प्रचार किया जा रहा है. इस की आड में पूजा से ले कर पूजा सामाग्री तक महंगे दामों में बेची जा रही है. काशीविश्वनाथ मंदिर और महाकाल मंदिर औनलाइन पैसा ले कर औनलाइन पूजा भी करा रहे हैं. रूद्राक्ष रत्न, रूद्रा सैंटर, नेपाल रूद्राक्ष, रुद्राभिषेक पूजा डाटकौम जैसी तमाम वैबसाइट हैं जो पूजा से जुड़ी सामग्री बेच रही हैं. पैसा मिलते ही औनलाइन डिलीवरी के जरिए पूजा सामग्री भेज दी जाती है.

एक नजर इस सामग्री और इस की कीमत पर डालें तो रुद्राभिषेक के कारोबार का पता चलता है. शिव और शिवलिंग के नाम पर रुद्राभिषेक का औनलाइन कारोबार खूब चल रहा है. रुद्राभिषेक बीड्स माला है, इस की कीमत 19,800 से ले कर 35,200 रुपए तक है. स्फार्टिक श्रीयंत्र 221 ग्राम वाले की कीमत 33,150 रुपए, कालभैरव सुपरफाइन ब्रास 12,050 रुपए, ओम नमो शिवलिंग 2 लाख 20 हजार रुपए, गोमधर शिवफेस 86,600 रुपए, एकमुखी रुद्राक्ष 71 हजार रुपए, 9 मुखी 24 हजार रुपए, गौरीशंकर रुद्राक्ष 28 हजार रुपए है. और तो और, शिवपूजा में चढ़ाए जाने वाले बेलपत्र भी औनलाइन 250 रुपए से ले कर 5,900 रुपए में उपलब्ध हैं.

वैबसाइट पर पूजा का पूरा विवरण मिल जाता है. उस पर लिखा होता है- ‘रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करने का सब से आसान उपाय होता है. रुद्राभिषेक करने से आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. रुद्राभिषेक पूजा में केवल 1 से 2 घंटे का समय लगता है और इस में मात्र 2,100 से 5,100 रुपए का खर्चा आता है. अधिक जानकारी के लिए आप पंडित जी से बात कर सकते हैं.’ अब आप पंडित जी से बात करेंगे तो वे पूजा का अलग महत्त्व और खर्च बताते हैं.

अगर आप रुद्राभिषेक 2 पंडितों द्वारा करवाना चाहते हैं तो सामान और दक्षिणा को मिला कर 5,100 रुपए का खर्चा आएगा. अगर लघु रुद्राभिषेक, नमकचमक रुद्राभिषेक करवाते हैं तो इस में 11 पंडितों की दक्षिणा और सामान का खर्च 15, हजार रुपए आएगा. लघु रुद्राभिषेक में 3 घंटे का समय लगता है. पूजा का खर्च पंडित और पूजास्थल के हिसाब से बढता जाता है. यह एक से दो लाख रुपए तक भी हो जा सकता है.

अगर उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा करवाना चाहते हैं और उस में होने वाले खर्चे के बारे में जानना चाहते हैं तो आप उज्जैन में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य मंगलेश तिवारी से इस के बारे में जान सकते हैं और आप औनलाइन अपनी पूजा भी बुक कर सकते हैं. वैसे, चाहें तो रुद्राभिषेक पूजा किसी भी शिव मंदिर में जा कर कर सकते हैं लेकिन कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा करने का विशेष महत्त्व है. उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, नासिक के भीमाशंकर और त्रिंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, इंदौर के पास स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडू के रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में पूजा करने से फल की प्राप्ति जल्द हो जाती है.

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा करवाना चाहते हैं तो उज्जैन में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य मंगलेश तिवारी से संपर्क कर सकते हैं. मंगलेश तिवारी को हर प्रकार की पूजा का 15 वर्षों का अनुभव है. जिन भी जातकों ने मंगलेश तिवारी के साथ पूजा संपूर्ण की है उन्हें तुरंत ही अच्छे परिणाम मिले हैं. मंगलेश तिवारी से रुद्राभिषेक पूजा के विषय में और जानकरी व मुफ्त परामर्श लेने के लिए गूगल पर सर्च कर कर सकते हैं. जल्द लाभ होने के लिए सिद्व मंदिर, सिद्व पुजारी और पवित्र सामग्री होनी जरूरी होती है. इसी के आधार पर पूजा का खर्च बढ़ता है.

रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रुद्र अवतार की पूजा और उन का अभिषेक किया जाता है. भगवान शिव को रुद्राभिषेक की मदद से जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है. अब देखिए पूजा में कितनी सामग्री लगती है. रुद्राभिषेक पूजा के लिए 11 वस्तुएं सब से जरूरी होती हैं. इस में फलों का रस, राख या भस्म पाउडर, चीनी, भांग, शहद, पानी, दूध, मक्खन, दही, चंदन का पाउडर और तेल शामिल है.

क्यों करवाते हैं पूजा

रुद्राभिषेक पूजा का लाभ सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित किया जाता है. उस में समझाया जाता है कि हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार मनुष्य द्वारा किए गए पाप ही उस के दुखों का कारण बनते हैं. ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में मौजूद पापों से छुटकारा पाने के लिए यदि रुद्राभिषेक किया जाए तो उस से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. इस के साथ इस क्रिया के माध्यम से व्यक्ति अपने निजी जीवन से जुड़े दुखों से नजात भी आसानी से पा सकते हैं. रुद्राभिषेक के जरिए शिव जल्द ही आशीर्वाद दे कर सभी दुखों को दूर कर देते हैं. रुद्राभिषेक मुख्य रूप से मनुष्य अपने सभी दुखों से मुक्ति पाने के लिए करते हैं. इस के जरिए व्यक्ति कम समय में ही अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकता है.

घर या प्रौपर्टी से जुड़े लाभ प्राप्त करने के लिए शिव का दही से रुद्राभिषेक करना फलदायी साबित होता है. आर्थिक लाभ प्राप्त करने या बैंकबैलेंस बढ़ाने के लिए शहद और घी से रुद्राभिषेक करना फलदायी साबित हो सकता है. यदि व्यक्ति किसी तीर्थस्थल से प्राप्त पवित्र जल से शिव का रुद्राभिषेक करे तो इस से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यदि आप किसी रोग से नजात पाना चाहते हैं तो इस के लिए शिव का कुशोदक से अभिषेक करना लाभकारी रहेगा. गाय के दूध से शिव का अभिषेक कर पुत्र की प्राप्ति की जा सकती है. अपने वंश का विस्तार करने के लिए घी से शिव का रुद्राभिषेक किया जाना बेहद लाभकारी साबित हो सकता है.

शिव का अभिषेक यदि सरसों के तेल से किया जाए तो इस से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है. टायफायड या तपेदिक के रोग से पीड़ित होने पर शिव का शहद से अभिषेक करना फलदायी साबित हो सकता है. छात्र यदि दूध में शक्कर मिला कर शिव का अभिषेक करें तो इस से उन की बुद्धि में वृद्धि होती है और परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं. धनप्राप्ति या कर्जे से मुक्ति पाने के लिए गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.

कहां करे रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक करने के लिए सब से उत्तम यही होता है कि किसी शिव मंदिर में जा कर शिवलिंग का अभिषेक करें. शिव का वह मंदिर जो किसी नदी के तट पर स्थित हो या फिर किसी पर्वत के किनारे हो, वहां स्थित शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना खासा फलदायी साबित हो सकता है. किसी मंदिर के गर्भघर में स्थित शिवलिंग का अभिषेक करना भी फलदायी साबित हो सकता है. यदि घर में ही शिवलिंग स्थापित है तो शिव का रुद्राभिषेक आप घर पर भी कर सकते हैं. इस के अलावा यदि शिवलिंग न मिले तो आप अपने हाथ के अंगूठे को भी शिवलिंग मान कर उस का रुद्राभिषेक कर सकते हैं.

अगर रुद्राभिषेक ही सारी परेशानियों और चाहतों का निदान है तो स्कूल, कचहरी, अस्पताल जाने की जगह मंदिर जा कर रुद्राभिषेक करने/कराने से ही फल हासिल हो जाएगा? इस के लिए मेहनत करने की क्या जरूरत है? इस तरह के झांसे में आने से पहले यह सोचना चाहिए कि पूजा पर जो भी पैसा खर्च हो रहा है उस को कमाने में कितनी मेहनत और संघर्ष करना पड़ता है. यह मेहनत की कमाई पूजापाठी लोग मुफ्त में ले जा रहे हैं. अब प्रचार का तरीका इतना मजबूत हो गया है कि लोग आसानी से झांसे में आ जाते हैं. ऐसे झांसे में आने से बचना चाहिए.

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