भारत का रूस पर भरोसा करना चीन पर भरोसा करने से कम नहीं इसके बाद भी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी वहां गए तो इसकी तुक किसी को समझ नहीं आ रही . इस दौरे से भारत को हासिल क्या हुआ इस सवाल का जबाब भी शायद ही कोई दे पाए . तो फिर क्यों गये थे मोदी रूस और दुनिया इसे किस निगाह से देखती है जानें इस रिपोर्ट में

यह एक बड़ी निराशा है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का मास्को में दुनिया के सबसे खुनी अपराधी को गले लगाना शांति प्रयासों के लिए झटका है . यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर जेलेंस्की के इस एक ट्वीट ने एक झटके में न केवल प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी बल्कि 140 करोड़ भारतीयों को भी कटघरे में खड़ा करने में सफलता पा ली थी कि वे किस मुंह से शांति , अहिंसा और विश्व गुरु बन जाने का राग अलापा करते हैं .

नरेन्द्र मोदी 2 दिनी दौरे पर 8 और 9 जुलाई को रूस में थे . यह आयोजन था 22 वे भारत रूस वार्षिक सम्मेलन का जिस पर दुनिया भर की खासतौर से पश्चिम की निगाहें थीं . इसमें क्या क्या हुआ और भविष्य में इसके क्या और कैसे फर्क पड़ेंगे , इसके पहले जेलेंस्की के ट्वीट की वजह जान लेना अहम है . जैसे ही मोदी दिल्ली से मास्को के लिए उड़े थे उसके कुछ घंटों बाद ही रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में बच्चों के ओखमडित चिल्ड्रन अस्पताल पर हमला कर दिया था . जिसमें में 3 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी . इस मिसाइली हमले की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तकरीबन सौ इमारतों को नुकसान पहुंचा और मलबे में सैकड़ों लोग दब गये . कोई 36 लोगों के मरने की खबर भी सामने आई . .
रूस यूक्रेन युद्ध में भारत की तटस्थ भूमिका पर हर किसी को हैरानी है कि भारत इस हिंसा का परोक्ष रूप से समर्थन क्यों कर रहा है जबकि उसकी इमेज और दावे एक अहिंसक और शांति प्रिय देश के हैं ..हर कोई इस शांति प्रिय देश के मुखिया से यह उम्मीद लगाए बैठा था कि वे इस हमले के विरोध में अपना दौरा रद्द भले ही करें न करें लेकिन इसकी निंदा जरुर करेंगे .
लेकिन नरेन्द्र मोदी शांति का उपदेश देते रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमोर पुतिन का आलीशान निवास निहारते प्रवचन से करते रहे कि युद्ध के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता . इसके लिए वार्ता जरुरी है . जवाव में पुतिन ने भी टरकाऊ सा जवाव यह दे दिया कि हम आपकी कोशिशों का सम्मान करते हैं .लेकिन साथ ही सम्मान के नाम पर उन्होंने मोदी को रूस के सर्वोच्च सम्मान आर्डर आफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से नवाज दिया . इससे कहाँ की शांति स्थापित हो गई और रूस यूक्रेन की 28 महीनों से चल रही जंग का क्या हल निकला या भगवान जाने .

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