नीट परीक्षा के परिणामों को ले कर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था कि यूजीसी नेट की गड़बड़ी भी सामने आ खड़ी हुई. इस समय एनटीए चारों तरफ से घिर चुकी है. तपती गरमी के बावजूद छात्र सड़कों पर हैं, वे रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा रहे हैं.

छात्रों की मांग है कि एनटीए को ही निरस्त कर दिया जाए और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस्तीफ़ा दें. इस के अलावा परीक्षा कैसिंल हो और दोबारा परीक्षा कराई जाए. धर्मेंद्र प्रधान जो पहले किसी भी गड़बड़ी से इनकार कर रहे थे वे भी कहीं गुंजाइश की बात करने लगे हैं.

 

विपक्ष इस मौके पर पूरी तरह से हमलावर हैं. मुख्य रूप से राहुल गांधी ने इस पर कांफ्रेस की है और छात्रों से मुलाक़ात भी की है.उन्होंने नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते कहा है कि “नीट के रिजल्ट में धांधली कर के 24 लाख छात्रों का घर तोड़ दिया गया है.”

अपने ट्वीट पर राहुल गांधी ने लिखा था ‘नरेंद्र मोदी ने अभी शपथ भी नहीं ली है और नीट परीक्षा में हुई धांधली ने 24 लाख से अधिक स्टूडैंट्स और उन के परिवारों को तोड़ दिया है. एक ही एग्जाम सेंटर से 6 छात्र मैक्सिमम मार्क्स के साथ टौप कर जाते हैं, कितनों को ऐसे मार्क्स मिलते हैं जो टैक्निकली संभव ही नहीं है, लेकिन सरकार लगातार पेपर लीक की संभावना को नकार रही है.’

उन्होंने आगे कहा है, “शिक्षा माफिया और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से चल रहे इस पेपर लीक उद्योग से निपटने के लिए ही कांग्रेस ने एक रोबस्ट प्लान बनाया था. हम ने अपने मैनिफेस्टो में कानून बना कर छात्रों को पेपर लीक से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया था. आज मैं देश के सभी स्टूडेंट्स को विश्वास दिलाता हूं कि मैं आप की आवाज को दबने नहीं दूंगा.”

छात्रों के साथ फिजिक्सवाला के सीईओ अलख पांडेय, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला समेत कई राजनेताओं ने भी सवाल पूछे. फिजिक्सवाला के फाउंडर अलख पांडेय तो चैनलों में जाजा कर इस के खिलाफ इंटरव्यू दे रहे हैं. उन्होंने एक वीडियो में दावा किया कि वे नीट 2024 में एनटीए का सबसे बड़ा राज सबूत के साथ पेश कर रहे हैं. उन्होंने वीडियो में एक ओएमआर सीट शेयर किया और कहा कि “इस में कैलकुलेट करोगे तो 368 नंबर आएंगे और एनटीए ने इस बच्चे को रिजल्ट में 453 नंबर दिए हैं यानी कुल 85 नंबर का अंतर यानी इसे ग्रेस मार्क मिला या इसे कैसे मिला ?

राहुल गांधी से जो छात्र मिलने आए थे उन्होंने अपनी मांगे रखीं. जिस के बाद यह तय है कि नीट गड़बड़ी का मामला संसद शुरू होने के बाद और भी जोर पकड़ेगा. एक तरफ छात्र सड़कों पर आंदोलित होंगे तो वहीँ दूसरी तरफ संसद में विपक्ष पूरे जोश से इस मुद्दे को उठाएगा तो सरकार कहीं न कहीं बैकफुट में ही रहेगी

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